07/12/2024
अमेठी में करंट से मौत के मामले में इंसाफ की लड़ाई, सीओ ऑफिस के बाहर महिलाओं और बच्चों का धरना
अमेठी। अमेठी कोतवाली क्षेत्र के पूरे मुरार शहरी गांव में एक महीने पहले हुई दर्दनाक घटना ने फिर से तूल पकड़ लिया है। 11 नवंबर को खेत गए विराग यादव की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत के बाद आरोपी खेत मालिक पर मुकदमा दर्ज न होने से आहत परिजन अब न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
मृतक के पिता राजेन्द्र यादव ने बताया कि उनके बेटे विराग की मौत पड़ोसी गंगाधर यादव के खेत में हाईटेंशन लाइन के संपर्क में आने से हुई थी। आरोप है कि गंगाधर ने घटना के बाद शव को दूसरे खेत में फेंक दिया। जब परिजन मौके पर पहुंचे, तो शव से धुआं उठता देख वे सन्न रह गए। इस दर्दनाक हादसे के बाद पुलिस में तहरीर दी गई, लेकिन अब तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
सीओ ऑफिस के बाहर धरना, न्याय की मांग
मुकदमा दर्ज न होने से आहत मृतक की मां आशा देवी, परिवार की अन्य महिलाएं और बच्चे शुक्रवार को अमेठी तहसील स्थित सीओ ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि घटना के समय गंगाधर यादव मौके पर मौजूद थे और यह पूरी तरह से उनकी लापरवाही का नतीजा है।
आशा देवी ने बताया, "हमने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। हमारा बेटा घूमने गया था, और गंगाधर यादव के खेत में करंट की वजह से उसकी जान चली गई। हमारी मांग है कि आरोपी के खिलाफ तुरंत मुकदमा दर्ज किया जाए।"
धरने पर बैठे परिजनों का कहना है कि घटना को एक महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। महिलाएं और बच्चे कई घंटे से धरने पर डटे हुए हैं, लेकिन अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
घटना और धरने के बीच पुलिस और प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस मामले को जानबूझकर दबा रही है और आरोपी खेत मालिक को बचाने की कोशिश कर रही है।
यह मामला अब अमेठी में चर्चा का विषय बन गया है। धरने पर बैठे लोगों ने साफ किया है कि जब तक गंगाधर यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होता, वे अपनी जगह से नहीं हटेंगे।
न्याय की उम्मीद और सवाल
घटना ने न केवल मृतक के परिजनों को बल्कि पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। सवाल उठता है कि एक मासूम की मौत के बाद भी प्रशासन की उदासीनता क्यों? परिजन न्याय की उम्मीद में धरने पर बैठे हैं, लेकिन उनकी आवाज कब सुनी जाएगी, यह अभी अनिश्चित है।