
26/07/2025
जिसकी जितनी क्षति हो उनको उतना मुआवजा मिले - सुदामा प्रसाद,आरा सांसद
भाकपा- माले ने जवनिया गांव में हो रहे गंगा कटाव और बाढ़ के सवाल पर जिलाधिकारी के समक्ष दिया धरना
भाकपा - माले ने जवनिया गांव में हो रहे कटाव और जिले के उत्तरी दिशा में आई बाढ़ के सवाल पर जिलाधिकारी के समक्ष धरना दिया।
शाहपुर प्रखंड के जवनिया गांव के बाढ़ से प्रभावित विस्थापितों को बसाने, उन्हें आवास के लिए जमीन, जिनकी जितनी क्षति हुई है उनको उतना मुआवजा मिले, मछली पालन व परवल की खेती में मिले मुआवजा,कृषि कार्य के लिए ब्याज मुक्त लोन, रोजगार के लिए व्यवस्था और 6 माह तक खाने की व्यवस्था होना चाहिए.बड़हरा,आरा मुफ्फसिल,कोईलवर के बाढ़ ग्रस्त इलाकों के बीच बाढ राहत तेज करने,ठोकर बांध के निर्माण में हुए गुणवत्ता की जांच हो,फसल क्षति का मुआवजा मिले, पीने के लिए पानी की व्यवस्था करने,बच्चों को दुध की व्यवस्था ,समुचित लाइट की व्यवस्था , पशु के लिए चारा की व्यवस्था , सभी विस्थापितों को रहने के प्लास्टिक की व्यवस्था ,मेडिकल टीम की व्यवस्था करने की गारंटी हो और जिले में बिजली व्यवस्था ठीक करने सहित अन्य मांगों को लेकर आज भोजपुर जिलाधिकारी के समक्ष विशाल एक दिवसीय धरना आयोजित किया गया। धरने में आरा सांसद सुदामा प्रसाद सहित कई नेता कार्यकर्ता व सैंकड़ों की संख्या में बाढ़ पीडित शामिल हुए।
धरना के पूर्व सांसद ने जवनिया गांव का दौरा किया और गंगा कटाव व चल रहे राहत कार्य का लिया जाएजा। उपस्थित जनता ने अपने सांसद के समझ अपनी समस्या रखी। लोगों ने कहा की की सुरक्षित जगह जाने और अपने सामान को ले जाने के लिए कोई गाड़ी की व्यवस्था नही है। बच्चों के लिए दूध, पशु के लिए चारा, स्थायी मेडिकल टीम, शौचालय का व्यवस्था नही है। बिजली केवल 10 बजे तक ही मिलती है जिसके कारण रात में बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
धरना को सम्बोधित करते हुए सांसद सुदामा प्रसाद ने कहा कि आज मैं जवनिया गया था, पूरा गांव गंगा में समा गया है। मैंने पिछले साल ही लोकसभा में ठोकर बांध बनाने की आवाज उठाया। लेकिन ठोकर बांध बनाने का औपचारिकता किया गया।
नीतीश सरकार कहती है कि सरकार के बजट का पैसा पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। लेकिन इतनी बजट बनती है क्या हो जाता है? उन्होंने कहा कि ये बजट अडानी-अम्बानी को जाता है।
जवनिया अब केवल जवनिया का मामला नही है, यह जिला का सवाल है कि जिला कैसे बने। उन्होंने कहा कि यहाँ के लोगों का जितना क्षति पहुंचा है, उतना मुआवजा मिलना चाहिए। सभी को जमीन और आवास बनाने के लिए उन्हें उनके घर के अनुसार पैसा दिया जाए। ये नही होगा कि केवल 1लाख 20 हजार दे कर अपना पीछा छुड़ा लिया जाए।
उन्होंने कहा कि हम और हमारी पार्टी तब तक इस आंदोलन को जारी रखेंगे जब तक जवनिया, मनिराय का टोला,अचरज का टोला, सहित सभी का मांग पूरा न हो जाए।
उन्होंने एस आई आर पर बोलते हुए कहा कि जिस वोट से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बने हुए हैं उन्हीं का वोट अवैध बता रहें हैं।जिसके खिलाफ हम लोग सडक़ से सदन तक संघर्ष कर रहें हैं।
हरेंद्र सिंह ने कहा कि जवनिया गांव का गंगा में विलीन होने का जिम्मेदार सरकार है। पूर्व में ही अभियंताओ ने कहा था कि इस गांव को यहां से शिफ्ट कर दूसरे जगह बसाया जाए। लेकिन आज तक सरकार इस योजना पर ठोस कदम नहीं उठाई.लेकिन सरकार खानापूर्ति करती रही है।
धरना के अंत मे सांसद सुदामा प्रसाद के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल जिलापदधिकारी के प्रभार में डीडीसी से मिला।प्रतिनिधि मंडल में सांसद सुदामा प्रसाद,हरेंद्र सिंह,क्यामुद्दीन अंसारी,शाहपुर प्रखण्ड सचिव,विद्यावती देवी,संतोष राम,निजी सहायक चन्दन कुमार शामिल थे।
धरना का संचालन भाकपा-माले जिला कार्यालय सचिव दिलराज प्रीतम ने किया.
सभा को सम्बोधित करने वालों में मुख्य रूप से माले राज्य कमिटी सदस्य व ऐपवा नेत्री इंदु सिंह,शाहपुर प्रखण्ड सचिव हरेंद्र सिंह,जिला कमिटी सदस्य संगीता सिंह, विष्णु ठाकुर,अमित कुमार बंटी,नंद जी राम,जयशंकर प्रसाद,संतोष कुमार राम, बालमुकुंद चौधरी,दीपक रवानी,सुरेश प्रसाद सिंह,भीम पांडे,रौशन कुशवाहा,झक्कड़ बिन्द,सरजू बिंद,उत्तम पासवान,बिरजू कुशवाहा,विशाल कुमार,विद्यावती देवी,रणधीर कुमार राणा,चिंता देवी,हरे राम गौड़ आदि कई लोग ने सम्बोधित किया.
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