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Right answer bro
06/10/2025

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सोचिए, अगर दुनिया में आपका बिल्कुल हमशकल कहीं और रह रहा हो और आपको उसके बारे में पता चल जाए तो कैसा लगेगा? जी हां, अब यह...
06/10/2025

सोचिए, अगर दुनिया में आपका बिल्कुल हमशकल कहीं और रह रहा हो और आपको उसके बारे में पता चल जाए तो कैसा लगेगा? जी हां, अब यह मुमकिन है। **[www.twinstranger.net](http://www.twinstranger.net)** नाम की एक वेबसाइट लोगों को उनके हमशकल से मिलाने का दावा करती है। इस वेबसाइट पर आपको बस अपनी एक फोटो अपलोड करनी होती है। इसके बाद यह वेबसाइट अपने डेटाबेस और एआई तकनीक की मदद से आपके चेहरे से मिलते-जुलते चेहरों को खोजती है। अगर कोई व्यक्ति आपके चेहरे से काफी हद तक मिलता-जुलता हुआ मिलता है तो वह रिजल्ट आपको दिखा देती है।

दुनिया में ऐसे कई लोग होते हैं जो बिल्कुल एक जैसे दिखते हैं, जबकि उनका आपस में कोई खून का रिश्ता भी नहीं होता। इन्हें “डॉपेलगैंगर” कहा जाता है। कई बार यह समानता इतनी ज्यादा होती है कि लोग उन्हें असली जुड़वा समझ लेते हैं। यही कारण है कि twinstranger.net वेबसाइट तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

यह प्लेटफॉर्म खासकर युवाओं में काफी ट्रेंड कर रहा है। लोग मज़े-मज़े में अपनी फोटो डालकर अपने हमशकल को ढूंढ रहे हैं और सोशल मीडिया पर रिजल्ट शेयर कर रहे हैं। कई बार लोगों को अपने जैसे दिखने वाले व्यक्ति दूसरे देशों में भी मिल जाते हैं, जो वाकई हैरान कर देने वाला होता है।

बहुत समय पहले की बात है, दुर्गापुर में एक राजा राज्य करते थे। राजा का नाम अजय सिंह था। अजय सिंह बहुत ही धर्मात्मा और परा...
06/10/2025

बहुत समय पहले की बात है, दुर्गापुर में एक राजा राज्य करते थे। राजा का नाम अजय सिंह था। अजय सिंह बहुत ही धर्मात्मा और पराक्रमी राजा थे। उनके केवल एक लड़की थी, जिसका नाम सोनालिका था । राजकुमारी सोनालिका अभी मुश्किल से तेरह चौदह साल की थी।

लेकिन उसकी सुन्दरता की चर्चा दूर दूर तक फैली थी । राजा अजय सिह उसे अपने प्राणों से भी ज्यादा प्यार करते थे। राजकुमारी भी अपने पिता पर जान छिड़कती थी ।

एक दिन की बात है, राजा अपने सिपाहियों के साथ जंगल में शिकार खेलने गए । राजा के साथ उनके चार अंगरक्षक थे, जो सभी प्रकार के अस्त्र शस्त्रों से सुसज्जित थे।

राजा को शिकार के लिए भटकते भटकते दोपहर हो गई, लेकिन एक भी शिकार न मिला । थके हारे राजा अपने घोड़े से उतरकर एक बरगद के पेड़ की छाया में लेटकर विश्राम करने लगे। उन्होंने अपना घोड़ा वहीं पेड़ की जड़ से बांध दिया ।

"राजवीर - मुझे ठण्डा पानी चाहिए।" - राजा ने अपने एक अंगरक्षक को सम्बोधित करते हुए कहा ।

"अभी लीजिए महाराज।" - वह बोला और फिर पानी की खोज में अपना घोड़ा लेकर जंगल की ओर बढ़ गया ।

राजा अपने तीनों अनुचरों के साथ काफी समय तक राजवीर के आने की प्रतीक्षा करते रहे, लेकिन राजवीर नहीं आया। पता नहीं क्या बात थी, राजा और उनके सिपाही राजवीर के लिए चिन्तित हो उठे।

ज्यों ज्यों समय बीतता गया । यह चिंता त्यों त्यों बढ़ती ही चली गई। दूसरी ओर सूर्य की प्रखर किरणें जैसे कण कण जलाये दे रही थीं। प्यास के कारण राजा का गला सूखता ही जा रहा था। तीनों सिपाही राजा की ओर विवशता से ताक रहे थे।

तभी राजा बोला- "तुम तीनों यहां से तुरन्त चले जाओ और मेरे लिए पानी की खोज करो । साथ ही साथ राजबीर के बारे में भी पता करो कि अभी तक वह क्यों नहीं लौट सका ।"

"लेकिन कम से कम एक आदमी का तो आपके पास रहना जरूरी ही है महाराज -!" - उनमें से एक बोला ।

राजा ने दो टूक उत्तर दिया- "नही ,तुम लोग मेरी रक्षा के लिए हो और इस वक्त मेरी रक्षा के लिए पानी की सख्त जरूरत है । इसलिए जैसे भी हो, मेरे लिए अति शीघ्र पानी की व्यवस्था करो साथ ही साथ राजवीर की भी खोज करो।"

"जो आज्ञा महाराज ।" - राजा का आदेश पाकर वे तीनों एक स्वर में बोले और फिर अपने अपने घोड़ों पर बैठकर पानी एवं अपने साथी की खोज में निकल पड़े ।

लगभग दो घण्टे तक राजा अपने सिपाहियों के लौटने की प्रतीक्षा करते रहे, लेकिन जब उनमें से कोई नहीं लौटा तो राजा चिन्तित हो उठे । एक तो चिंता, दूसरे तपती हुई धूप , राजा का गला प्यास के कारण सूखता चला गया।

हारकर राजा भी उठ खड़े हुए । अब सबसे पहले उन्हें पानी की तलाश स्वयं ही करनी थी , इस तरह हाथ पर हाथ रखकर बैठने से कोई लाभ नही था ।

राजा ने उठकर पेड़ से बंधा अपना घोड़ा खोला और उस पर बैठकर एक ओर चल दिए। राजा काफी देर तक अपने घोड़े पर बैठे बैठे इधर उधर भटकते रहे, लेकिन उन्हें न तो पानी मिला और न ही अपने सिपाही ।

लेकिन फिर भी राजा ने हिम्मत नही हारी । बार बार निराशा हाथ लगने के बावजूद भी वे दुगुने जोश के साथ अपने काम में जुट गए । वे जिस ओर आगे बढ़ रहे थे, उस ओर जंगल ज्यादा ही घना था। कहीं कहीं तो उन्हें स्वयं घोड़े से नीचे उतरकर रास्ता बनाना पड़ता था ।

राजा आगे बढ़े ही जा रहे थे । सहसा उन्हें फिर घोड़े से उतरना पड़ा, क्योंकि आगे रास्ता वृक्षों की टहनियों ने रोक रखा था। राजा ने नीचे उतरकर अपनी तलवार निकाली और उन्हें काट काट कर रास्ता बनाने लगे ।

तभी उन्हीं झाड़ियों के नीचे राजा को एक गुफा दिखाई दी । गुफा का दरवाजा काफी बड़ा था। राजा की उत्सुकता जगी । वे जल्दी जल्दी गुफा के दरवाजे की ओर बढ़े। गुफा काफी लम्बी थी । राजा अपने घोड़े की रस्सी थामे बढ़ते ही चले गए ।

राजा ने देखा, गुफा के फर्श पर सीलन थी। शायद आगे पानी की बावड़ी होगी । राजा ने सोचा और वे जल्दी जल्दी आगे बढ़ने लगे । थोड़ी दूर चलने के बाद वह गुफा एक लम्बे चौड़े मैदान में बदल गई ।

उसी मैदान के बीचो बीच एक छोटा सा जलाशय था । राजा की आंखें चमक उठीं। उन्होंने अपने सूखते हुए होंठों पर जुबान फेरी और तेज तेज कदमों से जलाशय की ओर बढ़ गए ।

जलाशय की खूबसूरती देखकर राजा मोहित हो उठे, लेकिन एक बात राजा को खटक रही थी कि इतनी खूबसूरती होते हुए भी वहां एकदम सन्नाटा था। एक भी पक्षी उस जलाशय के आस पास दिखलाई नहीं दे रहा था ।

लेकिन राजा को इस बारे में सोचने की फुरसत नहीं थी। उनका तो गला प्यास की अधिकता के कारण सूखा जा रहा था। राजा जल्दी जल्दी जलाशय की सीढ़ियां उतरने लगे । पानी के पास पहुंचकर राजा ने हाथ मुंह धोया और पानी पीने लगे।

04/10/2025

चुप चाप मेहनत करते रहो
उड़ान तय करेगी आसमान
किसका है

कोई इतना अमीर नहीं की अपना गुजरा हुआ वक्त खरीद सके और कोई इतना अमीर नहीं की अपना आने वाला वक्त बदल सके🙏
20/09/2025

कोई इतना अमीर नहीं की अपना गुजरा हुआ वक्त
खरीद सके और कोई इतना अमीर नहीं की अपना आने वाला वक्त बदल सके🙏

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