
21/08/2025
🌄 तन्हा पेड़, लेकिन मजबूत... जैसे गाँव की आत्मा। 🌿🌞
ना कोई शोर,
ना भीड़ —
सिर्फ हरियाली, एक अकेला पेड़,
और सूरज की पहली किरणों का स्पर्श।
🌾 गाँव की सुबहें —
जहाँ अकेलापन भी सुकून बन जाता है।
✍️ Vishnu Shukla
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#गाँवनामा