
05/09/2025
गाँव का मैदान झंडियों और रंग-बिरंगी झालरों से सजाया जाता है। जगह-जगह झूले, मौत का कुआँ, सर्कस और छोटे-बड़े खेलों की दुकानें लगती हैं। बच्चों की भीड़ खिलौनों और मिठाइयों की दुकानों पर उमड़ पड़ती है। गुलाबजामुन, जलेबी, खीर, समोसा और चाट की खुशबू पूरे मेले में फैल जाती है।
औरतें साड़ियाँ और चूड़ियाँ खरीदती हैं, पुरुष खेती के औजार और घरेलू सामान देखते हैं। कहीं-कहीं पर कठपुतली का खेल, नाटक या लोकगीत गाते हुए कलाकार भी दिखाई देते हैं। मेले का सबसे खास आकर्षण ग्रामीण मेल-जोल और धार्मिक झाँकियाँ होती हैं।
शाम ढलते ही मेले की रौनक और बढ़ जाती है—लाइटों की जगमगाहट और ढोल-नगाड़ों की आवाज़ से पूरा वातावरण खुशियों से भर जाता है।