03/01/2022
झूठी आख्या देने में दारोगा कोर्ट में तलब
-सिविल जज सीनियर डिवीजन तृतीय आमिर सुहेल की अदालत ने दिया आदेश
अमृत विचार, अयोध्या।
अदालत की ओर से भेजे गए गैर जमानती वारंट प्रपत्र पर झूठी आख्या देने के मामले में कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। साथ ही चौकी इंचार्ज मोतीगंज शशांक शुक्ला को अदालत में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। यह आदेश सिविल जज सीनियर डिवीजन तृतीय आमिर सुहेल की अदालत से हुआ।
इस कोर्ट में बीकापुर कोतवाली के गांव जासरपुर उत्तरपारा निवासी राम निहालदूबे ने परिवाद दाखिल किया था, जिसमें गांव के राजेश कुमार, सुधा देवी ,विजयलक्ष्मी व भगवानपुर थाना कूड़ेभार जिला सुल्तानपुर निवासी त्रिपुरारी शरण पांडेय को आरोपी बनाते हुए उन्हें तलब करके दंडित करने की याचना की थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने तीनों को 8 जून 2016 को मारपीट व जान से मारने की धमकी देने के मामले में विचारण के लिए तलब किया। इस मामले में सभी लोग उपस्थित होकर अपनी जमानत करवाए और इसके बाद फिर अदालत में उपस्थित फिर अदालत में उपस्थित नहीं हुए। इस पर कोर्ट ने सब के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया। गैर जमानती वारंट गिरफ्तारी के लिए सब के खिलाफ कोर्ट से भेजा गया। कोतवाली बीकापुर से यह वारंट चौकी मोतीगंज भेजा गया। वहां से अभियुक्तों को गिरफ्तार नहीं किया व झूठी आख्या अदालत में प्रस्तुत कर दी गई। अभियुक्त राजेश को भेजे गए गैर जमानती वारंट पर भेजी गई। आख्या में दारोगा शशांक शुक्ला ने रिपोर्ट लगाई की मौके पर नहीं मिला। इस पर कोर्ट ने संबंधित लिपिक से आख्या तलब की। लिपिक ने भी बताया कि कोई वारंट निकाल का प्रार्थना पत्र अभियुक्त ने नहीं दिया है, जिस पर कोर्ट ने संबंधित दारोगा को 2 दिन में अपना स्पष्टीकरण देने के लिए व्यक्तिगत रूप से अदालत में तलब किया है। अपने-अपने आदेश में लिखा है कि आपके द्वारा की गई कार्यवाही अभियुक्त गण को अनुचित लाभ पहुंचाने के आशय से न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए मिथ्या व झूठी आख्या प्रस्तुत की गई। आप 2 दिन के अंदर न्यायालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।