30/01/2025
प्रयागराजमहाकुंभ में पिछले 17 दिनों 15 करोड़ से ज्यादा लोग डुबकी लगा चुके हैं. मेला प्रशासन का अनुमान है कि प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ लोग महाकुंभ पहुंचेंगे. महाकुंभ की इस भीड़ से प्रमुख तीर्थ स्थलों वाराणसी और अयोध्या की व्यवस्था भी चरमरा गई है. महाकुंभ से निकले श्रद्धालु सीधे वाराणसी या फिर अयोध्या पहुंच रहे हैं. दोनों ही शहरों में इतनी भीड़ जुट गई है कि इसे संभालने में पुलिस-प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. अयोध्या में सोमवार तक 25 लाख लोग पहुंच चुके थे, जबकि मंगलवार को भी 10-15 लाख लोगों के पहुंचने का अनुमान है. वहीं वाराणसी में भी 15 से 20 लाख श्रद्धालु रोज ही पहुंच रहे हैं. दोनों ही शहरों में स्कूल 5 फरवरी तक के लिए बंद कर दिए गए हैं. पूरे आसार हैं कि मौनी अमावस्या की भीड़ प्रयागराज से वाराणसी और अयोध्या के लिए कूच करेगी. ऐसे में इसे नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बन गया है. आइए जानते हैं दोनों धार्मिक शहरों का क्या है हाल और क्या की गई है व्यवस्था...
वाराणसी में महाकुंभ की भीड़ के कारण नई व्यवस्था बनानी पड़ी है. (Video Credit; ETV Bharat)बनारस पहुंच रहे रोजाना 15-20 लाख श्रद्धालु:वैसे तोमहाकुंभ प्रयागराज में लगा है, लेकिन भीड़ का दबाव बनारस को भी झेलना पड़ रहा है. भीड़ इतनी है कि अब तक के सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं. लाखों की भीड़ से बनारस का विश्वनाथ धाम और घाट का क्षेत्र भरा हुआ है. मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के स्नान को लेकर बनारस आ रहे श्रद्धालुओं ने शहर को हाउसफुल की स्थिति में ला दिया है. अनुमान है कि लगभग 15 से 20 लाख श्रद्धालु रोज वाराणसी पहुंच रहे हैं, जिसके कारण सबसे ज्यादा यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है. यही नहीं, आने वाले दिनों में ये आंकड़ा 30 से 40 लाख तक पहुंचने के आसार हैं.
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वाराणसी महाकुंभ से पहुंचे श्रद्धालुओं से पट गई है. (ि्Photo Credit; ETV Bharat)भीड़ का टूटा रिकॉर्ड:देव दीपावली से लेकर सावन तक के रिकॉर्ड को भीड़ ने ध्वस्त कर दिया है. सावन में जहां सोमवार हो या आम दिन, 4 से 5 लाख की संख्या में लोग बनारस पहुंचते थे, बाबा विश्वनाथ के दर्शन करते थे. वहीं देव दीपावली में यह आंकड़ा 8 से 10 लाख हो जाता था. लेकिन अभी अनुमानित आंकड़े के अनुसार 15 से 20 लाख पर्यटक हर दिन बनारस आ रहे हैं, जिसने बनारस के अब तक के सभी त्योहार और विशेष आयोजनों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.
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वाराणसी महाकुंभ से पहुंचे श्रद्धालुओं से पट गई है. (Photo Credit; ETV Bharat)बदल गई शहर की यातायात व्यवस्था:भीड़ कोदेखते हुएवाराणसी पुलिस यातायात विभाग ने रूट डायवर्जन की व्यवस्था की है. जहां बाहरी वाहनों को शहर में प्रवेश के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है, तो शहर के बाहर वाहनों की पार्किंग और वहां से शहर में आने की व्यवस्था की गई है. साथ ही पर्यटकों को कोई दिक्कत ना हो, जिसके लिए एक विशेष गूगल मैप का पेज बनवाया है, जिसका QR CODE वाराणसी आने वाले बाहरी श्रद्धालुओं को पार्किंग का पता बताएगा.लोकल गाड़ियों के अलावा नहीं किसी का शहर में प्रवेश:बनारस में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है, महाकुंभ से सीधे श्रद्धालु वाराणसी पहुंच रहे हैं. शहर के भीतरी इलाकों, घाट और मंदिर परिक्षेत्र में भीड़ इतनी है कि चलना आसान नहीं है. ऐसे में पर्यटकों की व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए यातायात पुलिस ने वाराणसी शहर की सीमा पर ही बाहर की गाड़ियों को रोक दिया है. इसमें बनारस की स्थानीय UP-65 नंबर की गाड़ियों को इससे दूर रखा गया है.
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वाराणसी महाकुंभ से पहुंचे श्रद्धालुओं से पट गई है. (Photo Credit; ETV Bharat)बनारस शहर के बाहर लंबी कतारें, अंदर तिल रखने की जगह नहीं:वर्तमान समय में बनारस की स्थिति की बात करें तो तस्वीरों के जरिए देखा जा सकता है कि शहर के बाहर जहां गाड़ियों की लंबी कतारें नजर आ रही हैं, तो शहर के भीतर पैर रखने की जगह नहीं है. विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में गोदौलिया का इलाका हो या फिर दशाश्वमेध का क्षेत्र, हर तरफ सिर्फ लोगों का हुजुम नजर आ रहा है. स्थिति यह है कि विश्वनाथ धाम में दर्शन के लिए भक्तों को 7 से 8 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है, वह भी 2 से 3 किलोमीटर लंबी लाइनों में खड़े होकर. यही नहीं, इस भीड़ को नियंत्रित करने के लिए शहर के आला अधिकारियों को भी सड़कों पर उतरकर अपनी ड्यूटी करनी पड़ रही है, लेकिन स्थिति सामान्य होने का नाम नहीं ले रही है.5 फरवरी तक ये होंगे विशेष इंतजाम:इस बारे में एडीसीपी ट्रैफिक राजेश पाण्डेय ने बताया कि मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी पर सहूलियत के लिए 5 फ़रवरी तक नए ट्रैफिक नियम बनाए गए हैं. जिसके तहत शहर के अलग-अलग हिस्सों में रूट डायवर्जन के साथ बाहरी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. बताया कि शहर के बाहर सभी प्वाइंट पर कुल 15 पार्किंग बना दिए गए हैं. बाहरी श्रद्धालु जैसे ही शहर के सीमा में प्रवेश करेंगे, उनकी गाड़ियों को रोक दिया जाएगा. वहां वाहन खड़े करने के बाद उनके लिए अलग से इलेक्ट्रॉनिक सिटी बसों का व्यवस्था की गई है. जिससे वे शहर में आने के साथ विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र तक पहुंच सकें. इसके साथ ही शहर में अलग-अलग रूट डायवर्जन हैं. घाट और विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र को नो व्हीकल जोन कर दिया गया है. साथ ही वाराणसी में 05 फरवरी तक सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है.क्यूं आर से मिलेगी पार्किंग की जानकारी :उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले लोग पार्किंग को लेकर परेशान न हों. इसके लिए एक सुविधा के लिए विशेष गूगल मैप तैयार किया गया है. जिस पर एक बार कोड बनाया गया है, जिसे स्कैन करते ही शहर में बनाए गए सभी पार्किंग स्थलों की मैप सहित जानकारी उपलब्ध हो जाएगी. इससे श्रद्धालुओं को भटकना नहीं पड़ेगा. बता दें कि लगभग पंद्रह लाख के संख्या में प्रत्येक दिन श्रद्धालु वाराणसी पहुंच रहे हैं. वर्तमान समय में बनारस हाउस फूल हो गया है.