श्री राम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या

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श्री राम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या श्री राम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या से प्रभु श्री रामलला सरकार

 #प्रभु_श्री_राम_लला_सरकार_जी की प्रातः कालीन शुभ मंगला श्रृंगार आरती दर्शन*🌺  #श्री_राम_जन्मभूमि_अयोध्या_धाम।।*_ 🌺🌻 दिन...
11/09/2025

#प्रभु_श्री_राम_लला_सरकार_जी की प्रातः कालीन शुभ मंगला श्रृंगार आरती दर्शन*🌺 #श्री_राम_जन्मभूमि_अयोध्या_धाम।।*_ 🌺🌻 दिनांक~ 11/09/2025 🌻 दिन - गुरुवार🌺 प्रभु राम जी सबके सकल मनोरथ सिद्ध करें।।🌺🌻
🌺 प्रभु श्री राम लला सरकार 🌺
*┈┉┅━❀꧁ω❍ω꧂❀━┅┉┈* श्रीमद्भगवद्गीता के माहात्म्य की कहानियाँ
पोस्ट–04

श्रीमद्भगवद्गीता के चौथे अध्याय का माहात्म्य

श्रीभगवान् कहते हैं–‘प्रिये! अब मैं चौथे अध्याय का माहात्म्य बतलाता हूँ। सुनो, भागीरथी के तट पर वाराणसी (बनारस) नाम की एक पुरी है। वहाँ विश्वनाथजी के मन्दिर में भरत नाम के एक योगनिष्ठ महात्मा रहते थे, जो प्रतिदिन आत्मचिन्तन में तत्पर हो आदरपूर्वक गीता के चतुर्थ अध्याय का पाठ किया करते थे। उसके अभ्यास से उनका अन्तःकरण निर्मल हो गया था। वे शीत उष्ण आदि द्वन्दों से कभी व्यथित नहीं होते थे।
एक समय की बात है, वे तपोधन नगर की सीमा में स्थित देवताओं का दर्शन करने की इच्छा से भ्रमण करते हुए नगर से बाहर निकल गये। वहाँ बेर के दो वृक्ष थे। उन्हीं की जड़ में वे विश्राम करने लगे। एक वृक्ष की जड़ में उन्होंने अपना मस्तक रखा था और दूसरे वृक्ष के मूल में उनका एक पैर टिका हुआ था। थोड़ी देर बाद जब वे तपस्वी चले गये तब बेर के वे दोनों वृक्ष पाँच ही छः दिनों के भीतर सूख गये। उनमें पत्ते और डालियाँ भी नहीं रह गयीं। तत्पश्चात् वे दोनों वृक्ष कहीं ब्राह्मणों के पवित्र गृह में दो कन्याओं के रूप में उत्पन्न हुए।
वे दोनों कन्याएँ जब बढ़कर सात वर्ष की हो गयीं, तब एक दिन उन्होंने दूर देशों से घूमकर आते हुए भरतमुनि को देखा। उन्हें देखते ही वे दोनों उनके चरणों में पड़ गयीं और मीठी वाणी में बोलीं–‘मुने! आपकी ही कृपा से हम दोनों का उद्धार हुआ है। हमने बेर की योनि त्यागकर मानव-शरीर प्राप्त किया है।’
उनके इस प्रकार कहने पर मुनि को बड़ा विस्मय हुआ। उन्होंने पूछा–‘पुत्रियों! मैंने कब और किस साधन से तुम्हें मुक्त किया था ? साथ ही यह भी बताओ कि तुम्हारे बेर के वृक्ष होने में क्या कारण था ? क्योंकि इस विषय में मुझे कुछ भी ज्ञात नहीं है।’
तब वे कन्याएँ पहले उन्हें अपने बेर हो जाने का कारण बतलाती हुई बोलीं–‘मुने! गोदावरी नदी के तट पर छिन्नपाप नाम का एक उत्तम तीर्थ है, जो मनुष्यों को पुण्य प्रदान करने वाला है। वह पावनता की चरम सीमा पर पहुँचा हुआ है। उस तीर्थ में सत्यतपा नामक एक तपस्वी बड़ी कठोर तपस्या कर रहे थे। वे ग्रीष्म-ऋतु में प्रज्वलित अग्नियों के बीच में बैठते थे, वर्षाकाल में जल की धाराओं से उनके मस्तक के बाल सदा भीगे ही रहते थे तथा जाड़े के समय जल में निवास करने के कारण उनके शरीर में हमेशा रोंगटे खड़े रहते थे। वे बाहर-भीतर से सदा शुद्ध रहते, समय पर तपस्या करते तथा मन और इन्द्रियों को संयम में रखते हुए परम शान्ति प्राप्त करके आत्मा में ही रमण करते थे। वे अपनी विद्वत्ता के द्वारा जैसा व्याख्यान करते थे, उसे सुनने के लिये साक्षात् ब्रह्माजी भी प्रतिदिन उनके पास उपस्थित होते और प्रश्न करते थे। ब्रह्माजी के साथ उनका संकोच नहीं रह गया था, अत: उनके आनेपर भी वे सदा तपस्यामें मग्न रहते थे। परमात्मा के ध्यान में निरन्तर संलग्न रहने के कारण उनकी तपस्या सदा बढ़ती रहती थी। सत्यतपा को जीवन्मुक्त के समान मानकर इन्द्र को अपने समृद्धिशाली पद के सम्बन्ध में कुछ भय हुआ, तब उन्होंने उनकी तपस्या में सैकड़ों विघ्न डालने आरम्भ किये। अप्सराओं के समुदाय से हम दोनों को बुलाकर इन्द्र ने इस प्रकार आदेश दिया–‘तुम दोनों उस तपस्वी की तपस्या में विघ्न डालो, जो मुझे इन्द्रपद से हटाकर स्वयं स्वर्ग का राज्य भोगना चाहता है।’
इन्द्र का यह आदेश पाकर हम दोनों उनके सामने से चलकर गोदावरी के तीर पर, जहाँ वे मुनि तपस्या करते थे, आयीं। वहाँ मन्द एवं गम्भीर स्वर से बजते हुए मृदंग तथा मधुर वेणुनाद के साथ हम दोनों ने अन्य अप्सराओं सहित मधुर स्वर में गान आरम्भ किया। इतना ही नहीं, उन योगी महात्मा को वश में करने के लिये हमलोग स्वर, ताल और लय के साथ नृत्य भी करने लगीं। बीच-बीच में जरा-जरा-सा अंचल खिसकने पर उन्हें हमारी छाती भी दीख जाती थी। हम दोनों की उन्मत्त गति कामभाव का उद्दीपन करने वाली थी, किंतु उसने उन निर्विकार चित्तवाले महात्मा के मन में क्रोध का संचार कर दिया। तब उन्होंने हाथ से जल छोड़कर हमें क्रोधपूर्वक शाप दिया–‘अरी! तुम दोनों गंगाजी के तट पर बेर के वृक्ष हो जाओ।’
यह सुनकर हमलोगों ने बड़ी विनय के साथ कहा–‘महात्मन्! हम दोनों पराधीन थीं, अत: हमारे द्वारा जो दुष्कर्म बन गया है, उसे आप क्षमा करें।’ यों कहकर हमने मुनि को प्रसन्न कर लिया। तब उन पवित्र चित्तवाले मुनि ने हमारे शापोद्धार की अवधि निश्चित करते हुए कहा–‘भरतमुनि के आने तक ही तुम पर यह शाप लागू होगा। उसके बाद तुम लोगों का मर्त्यलोक में जन्म होगा और पूर्वजन्म की स्मृति बनी रहेगी।’
'मुने! जिस समय हम दोनों बेर-वृक्ष के रूप में खड़ी थीं, उस समय आपने हमारे समीप आकर गीता के चौथे अध्याय का जप करते हुए हमारा उद्धार किया था, अतः हम आपको प्रणाम करती हैं। आपने केवल शाप से ही नहीं, इस भयानक संसार से भी गीता के चतुर्थ अध्याय के पाठ द्वारा हमें मुक्त कर दिया।’
श्रीभगवान् कहते हैं–‘उन दोनों के इस प्रकार कहने पर मुनि बहुत ही प्रसन्न हुए और उनसे पूजित हो विदा लेकर जैसे आये थे, वैसे ही चले गये तथा वे कन्याएँ भी बड़े आदर के साथ प्रतिदिन गीता के चतुर्थ अध्याय का पाठ करने लगीं, जिससे उनका उद्धार हो गया।
० ० ०
पुस्तक:- श्रीमद्भगवद्गीता के माहात्म्य की कहानियाँ
पुस्तक कोड़:- (1938)
प्रकाशक:- गीताप्रेस (गोरखपुर)
० ० ०

॥जय जय श्री हरिः॥
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जय श्री राम
05/09/2025

जय श्री राम

आज, दिनांक 5 सितम्बर 2025 को भूटान के मंजीत प्रधानमंत्री श्री दाशो शेरिंग टोबगे सपत्नीक श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभ...
05/09/2025

आज, दिनांक 5 सितम्बर 2025 को भूटान के मंजीत प्रधानमंत्री श्री दाशो शेरिंग टोबगे सपत्नीक श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार के दर्शन हेतु अयोध्या धाम पधारे।

भगवान रामलला सरकार के दर्शन पश्चात उन्होंने श्री राम दरबार के दर्शन किए तथा तत्पश्चात कुबेरटीला पर भगवान शिव का जलाभिषेक एवं आरती भी की।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव श्री चंपत राय जी ने अन्य न्यासियों के साथ श्री टोबगे एवं उनकी धर्मपत्नी का मंदिर परिसर में आत्मीय एवं आदरपूर्वक स्वागत किया।

उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इन विशिष्ट अतिथियों को भव्य मंदिर परिसर का विस्तृत भ्रमण कराया, जिसमें इसकी स्थापत्य भव्यता और आध्यात्मिक महत्ता को विशेष रूप से रेखांकित किया गया। दर्शन के दौरान, न्यासियों ने मंदिर परिसर, इसके ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व, और चल रहे निर्माण कार्य की जटिलताओं के संबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की, जिससे श्री टोबगे को मंदिर के समग्र स्वरूप की एक गहन समझ प्राप्त हो सकी।

Today, on September 5 2025, Bhutan's Prime Minister, H.E. Dasho Tshering Tobgay, along with his wife, visited Ayodhya Dham to pay obeisance to Prabhu Shri Ramlla Sarkar at the Bhavya Shri Ram Janmabhoomi Mandir.

After having the darshan of Prabhu Ramlalla Sarkar, they also had Darshans of Shri Ram Darbar and thereafter performed Jalabhishek and Aarti of Mahadev at Kuber Tila.

The General Secretary of Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra, Shri Champat Rai, along with other esteemed trustees, extended a warm and respectful welcome to Shri Tobgay and his wife at the Mandir premises. They personally guided the distinguished guests on a detailed tour of the expansive temple complex, highlighting its architectural grandeur and spiritual importance.

During the visit, the trustees provided an in-depth explanation of the Mandir’s premises, its historical and cultural significance, and the intricate details of the ongoing construction process, ensuring a comprehensive understanding of the Mandir.

आज, दिनांक 05-09-2025 दिन शुक्रवार को बालक रुप विराजमान श्रीरामलला सरकार जी के अद्भुत एवं अलौकिक दर्शन।। 🙏💐🙏 #अयोध्या  #...
05/09/2025

आज, दिनांक 05-09-2025 दिन शुक्रवार को बालक रुप विराजमान श्रीरामलला सरकार जी के अद्भुत एवं अलौकिक दर्शन।। 🙏💐🙏

#अयोध्या #जयश्रीराम #राममंदिर #रामलला #राम #अयोध्यापुरी #मैंअयोध्याहूॅं।

🕉️ रामलला जी — प्रातः दर्शन📍 राम मंदिर, अयोध्या📅 शुक्रवार, 05 सितम्बर 2025✨ रामलला के चरणों में हर दुख दूर और सुख की प्र...
05/09/2025

🕉️ रामलला जी — प्रातः दर्शन

📍 राम मंदिर, अयोध्या
📅 शुक्रवार, 05 सितम्बर 2025

✨ रामलला के चरणों में हर दुख दूर और सुख की प्राप्ति होती है। ✨

📜 “रामो विग्रहवान धर्मः”

🙏 जय श्रीराम! 🙏

❣️❣️❣️❣️❣️❣️ आयुधा के स्वामी ♥️♥️___________         दुआ लीपा - अभिनेत्रीदुआ लिपा की तारकीय सफलता के पीछे छुपे रहस्य----...
02/09/2025

❣️❣️❣️❣️❣️❣️ आयुधा के स्वामी ♥️♥️
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दुआ लीपा - अभिनेत्री
दुआ लिपा की तारकीय सफलता के पीछे छुपे रहस्य---------------
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पॉप संगीत की चमकदार दुनिया में, कुछ सितारे दुआ लीपा की तरह चमकते हैं। एक कैरियर के साथ जिसने उल्कात्मक वृद्धि, चार्ट-टॉपिंग हिट, और प्रशंसकों की एक सेना देखी है, 28 वर्षीय ब्रिटिश-अल्बानियाई गायक-गीतकार एक वैश्विक सनसनी बन गई है। फिर भी ग्लिट्ज और ग्लैमर के पीछे रहस्यों का एक जाल है जो उसकी अभूतपूर्व सफलता में योगदान देता है। छिपी हुई प्रेरणाओं से लेकर रणनीतिक कैरियर के मूव्स तक, दुआ लिपा की सुपरस्टार्डम की यात्रा के अनकही पक्षों पर एक अंदरूनी नज़र है।

दुआ लीपा की प्रसिद्धि का मार्ग सोने से नहीं प्रशस्त था। लंदन में अल्बानियाई माता-पिता के लिए पैदा हुए, लीपा ई

🛕🚩दशरथ नंदन श्रीराम सरकार की प्रातः कालीन शुभ मंगला दर्शन दिन-  #मंगलवार  02-09-2025🛕🚩🚩🙏जय श्री राम🙏🏻🚩 #अयोध्या  #जयश्री...
02/09/2025

🛕🚩दशरथ नंदन श्रीराम सरकार की प्रातः कालीन शुभ मंगला दर्शन दिन- #मंगलवार 02-09-2025🛕🚩
🚩🙏जय श्री राम🙏🏻🚩

#अयोध्या #जयश्रीराम #आरती #दर्शन #रामायण #रामचरितमानस #राममंदिर #रामलला #राम #अयोध्यापुरी #अंतर्यात्रा

* यस्यांके च विभाति भूधरसुता देवापगा मस्तकेभाले बालविधुर्गले च गरलं यस्योरसि व्यालराट्।सोऽयं भूतिविभूषणः सुरवरः सर्वाधिप...
26/08/2025

* यस्यांके च विभाति भूधरसुता देवापगा मस्तके
भाले बालविधुर्गले च गरलं यस्योरसि व्यालराट्।
सोऽयं भूतिविभूषणः सुरवरः सर्वाधिपः सर्वदा
शर्वः सर्वगतः शिवः शशिनिभः श्री शंकरः पातु माम्‌॥1॥
भावार्थ:-जिनकी गोद में हिमाचलसुता पार्वतीजी, मस्तक पर गंगाजी, ललाट पर द्वितीया का चन्द्रमा, कंठ में हलाहल विष और वक्षःस्थल पर सर्पराज शेषजी सुशोभित हैं, वे भस्म से विभूषित, देवताओं में श्रेष्ठ, सर्वेश्वर, संहारकर्ता (या भक्तों के पापनाशक), सर्वव्यापक, कल्याण रूप, चन्द्रमा के समान शुभ्रवर्ण श्री शंकरजी सदा मेरी रक्षा करें
श्रृंगार आरती दर्शन श्री राम लला सरकार श्री राम लला सरकार श्री राम जन्मभूमि 26.8.2025 मंगलवार
शिवशक्ति परिवार

  के बारे में दस अज्ञात तथ्य1. स्थापना और इतिहास: बीएमडब्लू, बेयरिचे मोटोरें वेर्क एजी, की स्थापना 1916 में म्यूनिख, जर्...
26/08/2025

के बारे में दस अज्ञात तथ्य

1. स्थापना और इतिहास: बीएमडब्लू, बेयरिचे मोटोरें वेर्क एजी, की स्थापना 1916 में म्यूनिख, जर्मनी में की गई थी, शुरू में विमान इंजन का उत्पादन किया कंपनी मोटर में परिवर्तित हो गई

26/08/2025

श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के माननीय सदस्य, प्रख्यात समाजसेवी तथा अयोध्या राजसदन के मुखिया आदरणीय श्री विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र जी का देहावसान एक अपूर्णीय क्षति है। वे एक सरल ह्रदय और उदार व्यक्तित्व के स्वामी थे, जिनका अयोध्या के सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में महती योगदान था।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र की ओर से हम उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और प्रभु श्री रामलला सरकार से प्रार्थना करते हैं कि वे उनकी पुण्यात्मा को अपने दिव्य श्रीचरणों में स्थान दें तथा उनके परिजनों एवं प्रशंसकों को यह अपार दुख सहने की शक्ति प्रदान करें।

ॐ शांति

The passing of Shri Vimalendra Mohan Pratap Mishra Ji, honourable member of the Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust, renowned social worker, and head of the Ayodhya Rajsadan, is an irreparable loss. He was a man of gentle heart and generous spirit, whose contributions to the social and cultural life of Ayodhya were immense.

On behalf of the Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra, we offer him our heartfelt tribute and pray to Prabhu Shri Ramlalla Sarkar that his noble soul may find a place at His divine feet, and that his family and admirers be granted the strength to endure this profound grief.

Om Shanti

The Ancient 4,500-Year-Old Tunic at the Egyptian Museum
26/08/2025

The Ancient 4,500-Year-Old Tunic at the Egyptian Museum

अगर आपको राम चाहिए तो संसार के मान सम्मान धन,धर्म,बड़ाई,परिवार, सुख देने वाला घर प्रतिष्ठा से दूर रहकर राम चिंतन करें,रा...
26/08/2025

अगर आपको राम चाहिए तो संसार के मान सम्मान धन,धर्म,बड़ाई,परिवार, सुख देने वाला घर प्रतिष्ठा से दूर रहकर राम चिंतन करें,राम मनन करें,तब राम मिलेंगे तब आपके ह्रदय में राम ही रह जाएँगे और अन्य सब कुछ छूट जाएँगे। श्री राम जय राम जय जय राम 🚩जय श्री राम🚩
जाति पाँति धनु धरमु बड़ाई ।
प्रिय परिवार सदन सुखदाई ।।
सब तजि तुम्हइ रहइ उर लाई ।
तेहि के ह्रदयँ रहहु रघुराई ।।🚩
( अयोध्याकाण्ड 130/3)
रामजी के बाल्मीकि आश्रम पहुँच कर बाल्मीकिजी से यह पूछने पर कि मैं कहाँ निवास करु , बाल्मीकि जी कहते हैं कि जो धन,धर्म, बड़ाई,परिवार, सुख देने वाला घर आदि छोड़कर केवल आपको ह्रदय में धारण किए रहता है ,राम आप उसके ह्रदय में वास करें ।
🙏🚩 ।।जय जय श्री राम।। सीताराम।🙏🚩

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