20/03/2025
कुछ लोग पूरा मामला जानना चाह रहे थे
तो पढ़ लीजिए यही है विस्तारपूर्वक स्टोरी…
मेरठ…
वर्ष 2016 में "सौरभ राजपूत"
और "मुस्कान रस्तौगी" की मुलाकात हुई,
फिर "दोस्ती" हुई और फिर "प्यार" हुआ,
सौरभ ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर
"मुस्कान" से संवैधानिक रूप से "विवाह" रचाया,
तो "सौरभ" के माता पिता ने सौरभ को
जायदाद से बेदखल कर दिया…
इसलिए किराए के मकान में "मुस्कान" के साथ रहता था…
सौरभ मर्चेंट नेवी में लंदन में नौकरी करता था,
मर्चेंट नेवी की नौकरी छूटी तो
लंदन में ही बैकरी शॉप में काम करने लगा,
मेरठ कई–कई महीने में आना होता था…
वर्ष 2019 में
"मुस्कान रस्तौगी" की मुलाकात
"साहिल शुक्ला" से हुई…
फिर "दोस्ती" हुई और फिर "प्यार" हुआ…
फिर ये प्लान बना कि सौरभ को मार देंगे…
वो ज्यादातर विदेश में रहता है,
इसलिए किसी को पता भी नहीं चलेगा…
25 फरवरी को मुस्कान का जन्मदिन था…
पत्नी का जन्मदिन मनाने हेतु
24 फरवरी को ही "सौरभ"
लंदन से भारत आ गया…
उसी रात डिनर में मुस्कान ने नशे की दवाई मिला दी,
सौरभ डिनर खाकर बेहोश हो गया,
बेहोश होते ही "साहिल शुक्ला" घर में आया…
दोनों ने मीट काटने वाले चाकू से
"सौरभ" की निर्मम हत्या कर दी,
फिर लाश बाथरूम में ले जाकर
साहिल शुक्ला ने शौरभ राजपूत के
सिर और दोनों हाथ को काटकर अलग किया,
फिर लाश के टुकड़े टुकड़े किए गए…
पहले तो लाश को एक बैग में पैक किया,
फिर अगले दिन मार्केट से बड़ा नीला ड्रम,
और सीमेंट के बोरी लिए,
लाश के टुकड़ों को ड्रम में डाला
और उसमें सीमेंट का घोल बनाकर भर दिया,
लाश पूरी तरह पैक करके
दोनों शिमला घूमने निकल गए…