Utthan

Utthan a foundation by IITians , NITians, Doctors and CAs of AZAMGARH district working hard for the development of our district AZAMGARH

a foundation by IITians, NITians, Doctors and CAs of AZAMGARH district working hard for the development of our district AZAMGARH

with only one aim in mind to develop our Azamgarh

no matter how hard we need to work upon that
we have one dream to produce maximum no of engineers doctors cas and sportsmen too..

 #चार_तरह_के_लोग :एक जो सबसे कम होते हैं ग़लत के ख़िलाफ़, सही के लिये आर-पार लड़ते हैं। दूसरे इनसे अधिक लोग इनका साथ देत...
26/12/2022

#चार_तरह_के_लोग :
एक जो सबसे कम होते हैं ग़लत के ख़िलाफ़, सही के लिये आर-पार लड़ते हैं।
दूसरे इनसे अधिक लोग इनका साथ देते हैं।
तीसरे इनसे भी अधिक लोग सब समझते हैं, परन्तु कुछ नहीं कर पाते।
चौथे सबसे अधिक होते तो हैं। पर वे अपने ही सुख-दु:ख, घर-परिवार, रोज़ी-रोटी, दोस्ती-रिश्तेदारी में सिमट कर जीना पसन्द करते हैं।
प्रिय मित्र, आप कैसे हैं ?
ढेर सारा प्यार

प्रिय मित्र, आज बहुत दिनों बाद मेरी बेटी Pratiksha Pandey ने अपनी सुर-साधना में सूफी संगीत का नया पक्ष जोड़ कर एक मधुर प्...
24/12/2022

प्रिय मित्र, आज बहुत दिनों बाद मेरी बेटी Pratiksha Pandey ने अपनी सुर-साधना में सूफी संगीत का नया पक्ष जोड़ कर एक मधुर प्रस्तुति दी है. आपसे उसके व्यक्तित्व के उत्कर्ष के लिये आशीर्वाद की कामना कर रहा हूँ.
सविनय

A Sufi song originally from the album 'Kailasa -- Chanandan Mein.' The lyrics were written by Kailash Kher when his father passed away.cover song singer Prat...

27/10/2022
THERE ARE FIVE CHALLENGES HERE FOR A FIGHTER. CAN YOU ACCEPT THEM ?
15/09/2022

THERE ARE FIVE CHALLENGES HERE FOR A FIGHTER. CAN YOU ACCEPT THEM ?

आर्थिक मदद की गुहार : प्रिय मित्र, आज़मगढ़ का निःशुल्क ज्ञान-यज्ञ भीषण आर्थिक संकट झेल रहा है. इसे और मदद की सख़्त ज़रूरत है...
15/09/2022

आर्थिक मदद की गुहार : प्रिय मित्र, आज़मगढ़ का निःशुल्क ज्ञान-यज्ञ भीषण आर्थिक संकट झेल रहा है. इसे और मदद की सख़्त ज़रूरत है. आपकी अपनी मदद नितान्त महत्वपूर्ण है. यदि हमें कुछ और मित्रों की मदद नहीं मिली, तो संस्था के सामने अस्तित्व का संकट है. सविनय.

11/09/2022

धुँधला दिखाई देने के लिये कल रात मुझे सात दिनों तक किसी भी काम से बचने की सलाह देते दी गयी.

08/07/2022

#लड़ाई_पेड़_और_दीमक_की_ज़िन्दगी_आपकी.
प्यारे बच्चो, आज ही मैंने आपको बताया कि दीमक पेड़ को भीतर से खा जाते हैं और बहुत ताक़तवर पेड़ भी अचानक हवाओं के थपेड़ों का मुकाबला नहीं कर पाता और गिर जाता है. जब दीमक पेड़ को खाने की शुरुआत करते हैं तो कोई भी नहीं जान पाता. मगर जब पेड़ गिरता है तो सभी को पता चल जाता है और सभी का अकल्पनीय नुकसान हो जाता है. आपका केन्द्र उसी पेड़ की तरह है और आप ही उस पेड़ की शाखाएँ और पत्तियाँ हैं. आप ही उसकी भव्य और ऐतिहासिक विराटता हैं. अगर आपकी सतत प्रगति और विकास को लापरवाही के दीमक इस समय चाट रहे हैं तो एकमात्र मेरा ही कर्तव्य है कि आपकी आलोचना करूँ और आपको सजग करूँ. आपको और आगे बढ़ने के लिये उत्साहित करूँ. मैं आपके साथ ऐसी बुरी और विपरीत परिस्थिति में थोड़ी सी कड़ाई करने को मजबूर हो जाता हूँ. अगर आप को मेरी इस कड़ाई से तक़लीफ़ होती है और बुरा लगता है तो मैं मन से आप सभी से सार्वजनिक तौर पर क्षमा माँग रहा हूँ. मगर मैं आपके साथ किसी भी हालत में ग़द्दारी नहीं कर सकता. ढेर सारा प्यार.
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=397180542249209&id=100077499612919

 ाष्ट्र_या_राज्यों_का_संघ__गिरिजेश प्रिय मित्र, IAS margdarshak Ashish Sir के 'राष्ट्र' बनाम 'राज्यों का संघ' : एक विमर्...
30/05/2022

ाष्ट्र_या_राज्यों_का_संघ__गिरिजेश
प्रिय मित्र, IAS margdarshak Ashish Sir के 'राष्ट्र' बनाम 'राज्यों का संघ' : एक विमर्श "Nation Vs. Union of States" : a debate विषयक वेबिनार से मेरे वक्त्वय का यह अंश लिया गया है. उसका लिंक : https://www.youtube.com/watch?v=uMzeT67lbMk&t=5535s

इस विस्तृत विषय पर संक्षेप में यह प्रस्तुति युवा साथियों को वक्तृता-कला की संक्षिप्त विधा सिखाने के उद्देश्य से यहाँ प्रस्तुत है.

विषय गूढ़ है. फिर भी यह प्रयोग प्रभावी हो सका.
इसका लिंक है : https://youtu.be/pkD0TzApHRM

वेबिनार में उपस्थित सभी सहाभागियों के प्रति आभार और आशीष सर के लिये और भी ऐसे सफल आयोजन करने की कामना.
ढेर सारा प्यार - आपका गिरिजेश 28.5.22

प्रिय मित्र, IAS margdarshak Ashish Sir के 'राष्ट्र' बनाम 'राज्यों का संघ': एक विमर्श, "Nation Vs. Union of States" : a debate विषयक वेबिनार से मेरे वक्त्वय ...

 #महत्वपूर्ण_सूचना_12वीं_के_बाद_कैरियर_का_चुनाव_प्रश्न_आपके_उत्तर_हमारे   - Ashish Kumar (आशीष सर)प्रिय मित्र, शनिवार 21...
19/05/2022

#महत्वपूर्ण_सूचना_12वीं_के_बाद_कैरियर_का_चुनाव_प्रश्न_आपके_उत्तर_हमारे - Ashish Kumar (आशीष सर)
प्रिय मित्र, शनिवार 21.5.22 को अपराह्न 4 बजे से 5 बजे तक गूगल meet पर एक परिचर्चा होनी है.

इसमें भाग लेने से इण्टर के सभी छात्रों, शिक्षकों तथा अभिभावकों को उच्च-शिक्षा के विषयों का चयन करने का फैसला लेने में मदद मिलेगी.

आशीष सर व्यक्तित्व विकास केन्द्र की टीम के विद्वान मार्गदर्शक सदस्य हैं. वह सिविल के कम्प्टीशन की तैयारी करवाते हैं. उनका यू ट्यूब पर IAS margdarshak Ashish sir नामक चैनल है. जिस पर अनेक व्याख्यान उपलब्ध हैं.

अनुरोध है कि इस परिचर्चा में आप भी भाग लीजिए और अन्य मित्रों को भी भाग लेने का सुझाव दीजिए.
ढेर सारा प्यार - आपका गिरिजेश

 #टीम_और_परिवार प्रिय मित्र, मैं परिवार में व्यक्ति के अलगाव के बारे में सोच कर दुःखी हूँ. मेरी एक बेटी बीमार हो गयी है....
18/05/2022

#टीम_और_परिवार
प्रिय मित्र, मैं परिवार में व्यक्ति के अलगाव के बारे में सोच कर दुःखी हूँ.

मेरी एक बेटी बीमार हो गयी है. उसका इलाज मेरी विदुषी बेटी डॉक्टर Rajni Manish Tripathi निःशुल्क कर रही हैं. इस मदद के लिये मैं उनके प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त कर रहा हूँ.

मेरी इस बेटी को अपने गाँव से मेरे पास तक आने में एक घण्टे की साइकिलिंग करनी पड़ती है. आज अभी मैंने उससे फोन पर बात की.

उसके परिवार में उसका बड़ा भाई है. बाइक चलाता है. बेटी को बीमारी की कमज़ोरी के कारण कुछ दिनों तक घर से Personality Cultivation Center व्यक्तित्व विकास केन्द्र तक सुबह बाइक से छोड़ने और शाम को घर ले जाने की व्यवस्था करना चाहता था.

इसके बारे में अपने अनुरोध का सन्देश मैंने बेटी द्वारा भाई को भेजा था. अभी उससे भाई द्वारा साथ देने से इन्कार करने की जानकारी मिली. हार्दिक दुःख हुआ कि क्या भाइयों के लिये आज रक्षा-बन्धन केवल एक औपचारिक अनुष्ठान बन कर रह गया है.

आप भी सभी लोगों की तरह ही अपना परिवार बसाते हैं. आप अपने सुख और अपने परिवार की ख़ुशी के मक़सद से अपने जीवन का रास्ता निर्धारित करते हैं.

आप जीवन की संध्या में अपने परिवार के लिये एक मकान बनवाते हैं. आप अपने बुढ़ापे में सहारे की उम्मीद पाल कर बच्चे पैदा करते हैं. दिन-रात एक करके कड़ी मेहनत से आप अपनी रोज़ी जुटाते हैं. आप अपने बच्चों को अपनी कूबत भर हर मुमकिन सुरक्षा और शिक्षा देते हैं.

परन्तु अब ज़माना बदल गया है. हमारे पुरखों को अपने संयुक्त परिवार में आख़िरी साँस तक सुरक्षित और सम्मानित जीवन जीने की सुविधा उपलब्ध थी.

मगर अब हमारे समाज की व्यवस्था परम्परागत भावनाओं की जगह पैसे पर आधारित है. जिसके पास पैसे हैं, धरती की सारी सुविधाएँ उसे उपलब्ध हैं. परन्तु जिसके पास पैसे नहीं हैं, उसका जीवन अभावों के कारण नरक बना हुआ है.

इसी वज़ह से आपके परिवार के भी अधिकतर रिश्ते सहज मानवीय सम्वेदना के बजाय खुले या छिपे स्वार्थ पर ही टिके हुए हैं.

इसी वज़ह से आपके परिवार के सदस्यों में कोई भी कभी भी मुसीबत में आपका साथ देने से इन्कार कर दे सकता है. वह स्वार्थवश आपको नितान्त असहाय और अकेला छोड़ कर अपने निन्यानबे के चक्कर में लगना पसन्द करता है.

हो सकता है कि आप मुझे पूरी तरह ग़लत मानें. हमेशा की तरह इस मुद्दे पर भी आपकी असहमति का सम्मान है.

इसके विपरीत हम एक मजबूत टीम बनाना चाहते हैं. क्योंकि हर टीम आख़िरी हद तक अपने हर सदस्य का अपनी क़ूबत भर साथ देती ही है.

हालाँकि मैंने अपने गुरु जी की टीम को खण्ड-खण्ड होते झेला है और ख़ुद भी बार-बार टीम के विखण्डन की पीड़ा को जिया है.

फिर भी हमारा लक्ष्य बेहतर इन्सान गढ़ना है. हमारा सपना वर्तमान असन्तुलित अमानवीय समाज-व्यवस्था के विद्रूप की विसंगतियों से मुक्त मानवीय भावनाओं को सम्मान देने वाले एक सुन्दर और सन्तुलित समाज का सृजन है.

हम आपके बच्चों को पैसे का नितान्त स्वार्थी ग़ुलाम नहीं बनने देना चाहते हैं. हम उन सभी के मन-मस्तिष्क में कोमल मानवीय भावनाओं और तर्क-सम्मत वैज्ञानिक विचारों की अपने पुरखों की समृद्ध विरासत भरना चाहते हैं. वस्तुतः हम उनको "असली इन्सान" बनाना चाहते हैं.

कृपया इस पुनीत लक्ष्य को रूपायित करने के प्रयास में हमारा साथ दें. निश्चय ही इससे हमारी तरह ही आपको भी हार्दिक सन्तोष मिलेगा.

ढेर सारा प्यार - आपका गिरिजेश 18.5.22.

 ्लीज़मेरे प्यारे बच्चो, साथियो, दोस्तो, कृपया Personality Cultivation Center व्यक्तित्व विकास केन्द्र को चलाते रहने के ल...
12/05/2022

्लीज़
मेरे प्यारे बच्चो, साथियो, दोस्तो, कृपया Personality Cultivation Center व्यक्तित्व विकास केन्द्र को चलाते रहने के लिये हमारा साथ दीजिए.

मात्र न्यूनतम किन्तु नियमित मदद.

आप सबकी मदद से ही यह नॉन एनजीओ प्रयोग इतने वर्षों तक चल सका.

परन्तु विडम्बना है कि वह भी आपके पर्याप्त समर्थ होने पर भी हमें लगातार मिल नहीं पा रही.

यह जानते हुए भी कि लाख चाहने के बावज़ूद भी हम इसे दुबारा खड़ा नहीं कर सकेंगे.

हम तो निःशुल्क शिक्षा के आज़मगढ़ के इस केन्द्र को आर्थिक संकट के चलते केवल बन्द करने को बाध्य होंगे.

परन्तु इसके टूट जाने पर आप भी आजीवन केवल पछताते रहने को क्या अभिशप्त नहीं होंगे ?

मेरा विनम्र अनुरोध है कि कृपया इस केन्द्र को बचाने के लिये ख़ुद भी पहल लीजिए और अपने मित्रों से भी चर्चा कीजिए.

मुझे भी नहीं पता कि आपकी थोड़ी-सी मदद से न जाने किस बच्चे का कल बदल जाये.

इन्कलाब ज़िन्दाबाद ! जोंकराज मुर्दाबाद !! 12.5.22.

10/05/2022

#बुलडोजर_और_नाजायज़_कब्ज़े
देश भर में अमीरों के बीच अट्टालिकाओं के सामने नक्शे से अधिक सार्वजनिक भू-क्षेत्र हड़पना और अनुमति से अधिक मन्ज़िलें खड़ी करना आम चलन है.
मुसलमानों को निशाना बनाने वाली सत्ताओं द्वारा इन पर बुलडोजर क्यों नहीं चलाया जाना चाहिए ?

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