सियासी अखाड़ा " HP-12

सियासी अखाड़ा " HP-12 यह पेज दून-नालागढ़ के साथ साथ प्रदेश की राजनीति से संबधित समाचारों से संबधित है।

02/09/2025

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भटोली कलां पंचायत प्रधान को सरकार ने किया बर्खास्त
02/09/2025

भटोली कलां पंचायत प्रधान को सरकार ने किया बर्खास्त

बरोटीवाला के वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामरतन चौधरी ने जयराम ठाकुर के समक्ष अपने साथियों सहित परवानू में थामा दून भाजपा का दा...
14/08/2025

बरोटीवाला के वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामरतन चौधरी ने
जयराम ठाकुर के समक्ष अपने साथियों सहित परवानू में थामा दून भाजपा का दामन !

2027 की सवारियों को दून में ही छोड गए दून के धुरंधर.. .. .. ..मसला था केंद्र सरकार के सडक़ परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के मं...
01/08/2025

2027 की सवारियों को दून में ही छोड गए दून के धुरंधर.. .. .. ..
मसला था केंद्र सरकार के सडक़ परिवहन राजमार्ग मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी को बददी-नालागढ़ फोरलेन मुददे को लेकर मिलना। दून भाजपा के इस दौरे ने जो नई लकीरें खींची है उसमें कुछ नवोदिन व पुराने कार्यकर्ताओं को इस दौरे में शामिल न करके एक प्रकार से आईना दिखा दिया है कि हमें आपकी 2027 में जरुरत नहीं है। ऐसा नहीं है कि दून से हर ओहदेदार ही गया जबकि कुछ साधारण कार्यकर्ता भी दून से दिल्ली तक गए लेकिन जो अन्य ओहदेदार है व दून की जमीन को भगवा रंग से सींचने वाले है उनके लिए मानो गाडी में कोई सीट नहीं थी। जहां तक विधि चंद राणा की बात है वो तो खैर नए नए पार्टी में आए तो उनकी बात यहां नही होगी लेकिन जो पुराने है और कांग्रेस को हर मोर्चे पर घेरते हैं उनको भी दिल्ली टूयर से दरकिनार कर दिया गया। यहां तक प्रधानमंत्री मोदी के जन्म दिन पर पार्टी की ओर से सर्वाधिक रक्तदान शिविर लगाए जाने वाले जिला भाजपा सचिव गुरमेल चौधरी को भी दिल्ली ले जाना मुनासिव नहीं समझा और उनके पार्टी के प्रति समर्पित किए गए खून की कीमत नहीं समझी। गुरमेल की प्रवासी वोटरों पर जहां व्यापक पकड है वहीं बिहार दिवस सम्मेलन का आयोजन कर उन्होने पार्टी की लाज बचाई थी लेकिन जब दूण से दूर दिल्ली जाना था तब किसी को उनकी याद नहीं आई और पार्टी अपणी एक महत्वपूर्ण सवारी भूल गई। इसी तरह पार्टी के 2012 से झंडेबरदार रहे व हर समय पार्टी का वित्त पोषण करने वाले दिग्गज भाजपा नेता हसंराज चंदेल को भी पार्टी की दिल्ली की रेल में भागीदारी न देकर उनको भी एक प्रकार से 2027 से पहले ही पराया कर दिया। हंसराज चंदेल 13 साल से अपने होटलों में पार्टियों का आयोजन करते रहे हैं और वो मेहनत करके 2017 में पार्टी को सत्ता में भी लाए लेकिन 2027 के कठिन सफर व डगर से पहले उनको भी साधारण सवारी कहकर दिल्ली जाने वाली गाडी से अपरोक्ष रुप से उतार दिया गया। वहीं दून में बीजेपी के जनक डा श्रीकांत शर्मा भी दिल्ली जाने वाले एजेंडे मे शामिल न करके उनको भी अपरोक्ष रुप से सन्यासित घोषित कर दिया गया है। मिशन 2027 में सबको साथ लेकर चलने के एजेंडे में गडकरी के दफतर के दौरे से भले ही फोरलेन बने या न बने लेकिन पार्टी के अंदर एकजुटता पर डेंट जरुर पड़ता नजर आ रहा है। हालांकि दिल्ली अभी दूर है और 27 की जंग अति दूर लेकिन कुछ लोगों को टिकट की रेस से दूर करने के लिए उनके मंसूबों को जिस प्रकार दूर किया गया है वह निश्चित रुप से दूण के सियासी दंगल में नया रंग खिलाएगा।
आज इतना ही शेष क्लेश अगले अंक ✍️में....
BJP Himachal Pradesh
Chandel Doon Vidhansabha
BJP Doon

26/07/2025

अनु कुमारी को दोबारा जिला प्रभारी न लगाया तो लगेगी इस्तीफों की झड़ी
नालागढ़ ब्लाक के 20 पदाधिकारियों ने किया इस्तीफे का एलान
हिमाचल में वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष के लिए एक वर्किंग अध्यक्ष लगाया जाए-नीरज
नालागढ़, 26 जुलाई।( ब्यूरो)
एक तरफ पूरा जिला सोलन कारगिल दिवस के आयोजन में डटा हुआ था वहीं नालागढ़ युवा कांग्रेस में आर पार की जंग शुरु हो चुकी है। युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष नालागढ़ विधानसभा नीरज ठाकुर ने कहा कि हिमाचल उपाध्यक्ष अनु कुमारी व नालागढ़ अध्यक्ष उदय सिंह राणा के बीच जो विवाद चला हुआ है उससे पार्टी का अहित हो रहा है। अगर प्रदेश हाईकमान ने जल्द से जल्द इस विषय को नहीं संभाला तो वो अपने 20 पदाधिकारियों सहित पार्टी से इस्तीफा देकर घर बैठ जाएंगे। नालागढ़ में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए नीरज ठाकुर युवा उपाध्यक्ष नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हिमाचल की उपाध्यक्ष अनु कुमारी और नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष उदय राणा के बीच विवाद चला है । इस बारे उन्होने कहा कि जिला सोलन में काफी लंबे समय से कोई भी मीटिंग नहीं हो रही थी जब अनु कुमारी को प्रभारी लगाया गया । अनु ने समस्त युवा को एक साथ जोडऩे का कार्य किया। हम सभी लोग कोई कार्य नहीं कर रहे थे। उन्होंने हमें सभी को इक_ा करके यूथ कांग्रेस में कार्य करने के लिए प्रोत्साहन किया यह बात नालागढ़ विस के अध्यक्ष को ठीक नहीं लगी क्योंकि वह बीजेपी के लोगों के साथ मिलकर चुनाव जीता था और मौजूदा विधायक हरदीप सिंह बावा जो कि कांग्रेस पार्टी का है उसके खिलाफ कार्य करता है। यह सब बातेें कांग्रेस पार्टी के लिए उचित नहीं है । उन्होने आरोप जडा कि नालागढ युकां विस अध्यक्ष किसी भी मीटिंग में विधायक का पोस्टर लगाने के लिए मना करता था और आज यह स्थिति उत्पन्न हो गई है की जिला सोलन में कोई भी मीटिंग नहीं हो रही है जिसका मुख्य कारण हिमाचल के अध्यक्ष हैं जो सिर्फ नालागढ़ में विस अध्यक्ष की बात सुनते हैं और उन्हीं के कहने से सब कुछ चलता है। नीरज ठाकुर ने कहा कि अगर ऐसा ही करना है कि किसी एक तरफ की बात सुनी जाए तो ऐसी संगठन में हम कार्य नहीं करना चाहते। उन्होने कहा कि आज हम नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र व जिला सोलन के युवा साथी इक_े हुए और हमने विचार विमर्श किया सर हम सभी इलेक्टेड लोग हैं इसलिए हम अपनी बात रख रहे हैं । उन्होने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष व युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मांग की है कि अनु कुमारी को जिला सोलन में प्रभारी लगाया जाए । यहीं नहीं इन युवाओं ने एक और मांग की है कि हिमाचल प्रदेश में भी अध्यक्ष के साथ एक वर्किंग प्रधान लगाया जाए ताकि यूथ कांग्रेस में एकता बनी रहे और एक तरफा बातों को ना सुना जाए। अगर इस तरीके की गुटबाजी चलती रही तो हम 20 लोग अपना इस्तीफा देने के लिए तैयार है 20, 25 इलेक्टेड लोगों की बात को नजर अंदाज किया जा रहा है ।

06/06/2025

जिंदल की भाजपा-कांग्रेस को जिंदादिल चुनौती
नगर निगम बददी का वार्ड-8 श्रीराम सेना ही जीतेगी।
Rajesh Jindal

नालागढ़ में के.एल.ठाकुर  ने दिखाई ताकत कब्जाए तीनों मंडलाध्यक्षप्रमुख पदों पर अपने समर्थकों की ताजपोशी करवाकर 2027 का खा...
17/12/2024

नालागढ़ में के.एल.ठाकुर ने दिखाई ताकत कब्जाए तीनों मंडलाध्यक्ष
प्रमुख पदों पर अपने समर्थकों की ताजपोशी करवाकर 2027 का खाका खींचा
पूर्व विधायक लखविंद्र राणा के गुटों को नहीं मिला अधिमान
नालागढ़, 18 दिसंबर। (ब्यूरो)
नालागढ़ विधानसभा के तहत पार्टी के संगनात्मक चुनाव में बाजी पूर्व विधाायक के एल ठाकुर के हाथ लगी है वहीं लखविंद्र राणा को ज्यादा तव्वजो हाईकमान नहीं दी। बंद लिफाफे में शिमला से आए नामों को तीनों नवगठित मंडलों के बूथ अध्यक्षों व त्रिदेवों तथा वरिष्ठ कार्यकर्ताओं क सामने खोला गया। तीनों नाम वही चयनित हुए जो कि पूर्व विधायक कृष्ण लाल ठाकुर के पंसदीदा थे। सर्वप्रथम नालागढ़ शहरी मंडल के संगठनात्मक चुनाव का फरमान चुनाव प्रभारी ने सुनाया जिसमें के.एल.ठाकुर की करीबी भाजपा पार्षद व संघ परिवार से जुडी शालिनी ठाकुर का नाम सामने आया। सभी ने हाईकमान के इस निर्णय पर मोहर लगा दी और स्वागत किया। उसके बाद चंगर क्षेत्र के तहत पंजैहरा मंडल के चुनाव कार्यकर्ताओं के सामने हुए जिसमें बंद लिफाफे में आए नाम को चुनाव पर्यवेक्षक ने पढ़ा और बैरछा के पूर्व प्रधान जितेंद्र जिंदू के नाम पर सहमति बनी। जितेंद्र जिंदू पूर्व में प्रधान रहे हैं वहीं वर्तमान में उनकी पत्नी बैरछा पंचायत की प्रधान है। वहीं पहाडी क्षेत्र रामशहर मंडल में भी के.एल.ठाकुर का दबदबा रहा और उनके दिए गए नाम पर हाईकमान ने मोहर लगाई। यहां पर कृष्ण लाल ठाकुर के करीबी कुलभूषण शर्मा के नाम का अनुमोदन हाईकमान ने किया और उनके नाम पर मंडलाध्यक्ष रामशहर की मोहर लगी। सूत्रों ने बताया कि पूर्व विधायक लखविंद्र राणा जो कि भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता है ने भी तीनों मंडलों के लिए नाम दिए थे जिसमें पंजैहरा से मैक्स राणा, शहरी क्षेत्र से इंदु ठाकुर व पहाडी क्षेत्र से राहुल शर्मा का नाम था लेकिन फिलहाल हाईकमान ने पुरानी परफोरमेंस को देखते हुए के एल ठाकुर की पसंद के नामों की संस्तुति करके किसी भी विवाद से बचने का प्रयास किया है।

05/08/2024
पन्ना प्रमुख नहीं दिखा पाए अपना जलवा
19/07/2024

पन्ना प्रमुख नहीं दिखा पाए अपना जलवा

कोई वजूद के लिए लड़ रहा तो कोई विरासत बचाने के लिए उतरा है मैदान मेंनालागढ़ में वजूद, वर्चस्व और विरासत की लड़ाई के लिए ...
07/07/2024

कोई वजूद के लिए लड़ रहा तो कोई विरासत बचाने के लिए उतरा है मैदान में
नालागढ़ में वजूद, वर्चस्व और विरासत की लड़ाई के लिए हो रही सियासी जंग
के.एल पुरानी साख बचाने के लिए तो बावा के के लिए जीने मरने का प्रश्न
युवा हरप्रीत सैणी अपनी पारिवारिक विरासत बचाने के लिए उतरे हैं दूसरी बार आजाद
शिमला, 7 जुलाई। ब्यूरो
नालागढ़ उपचुनाव दोनो दलों के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के लिए वजूद की लड़ाई बन गया है। यहां पर कोई वजूद व वर्चस्व के लिए लड रहा है तो अपनी पारिवारिक व राजीतिक विरासत के लिए मैदान ए जंग में उतरा है। हालांकि नालागढ़ विधानसभा उपचुनाव में बार बार यह बात सामने आ रही है कि वहां पर उपचुनाव क्यों हो रहा जब नालागढ़ की जनता ने कृष्ण लाल ठाकुर को आजाद ही जिताकर शिमला पहुंचा दिया था। लेकिन समय के साथ अब यह सवाल रहस्य बना रह गया है और सभी उम्मीदवार अपनी अपनी जीत के लिए मैदान में उतर पडे। पहले यह माना जा रहा था कि भाजपा प्रत्याशी के एल ठाकुर का सीधा मुकाबला कांग्रेस नेता हरदीप सिंह बावा से होगा लेकिन एन वक्त पर समीकरण बदल गए। भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी नेता व पूर्व मंत्री हरप्रीत सिंह सैणी ने भाजपा पर अनदेखी का आरोप लगाकर मैदान मे ताल ठोक दी। हैरानी तो तब हो गई जब भाजपा की ओर से उनको बिठाने के कोई प्रयास नहीं किए गए। अब नालागढ़ में मुकाबला आमने सामने न होकर त्रिकोणीय हो गया जिसमें भाजपा की ओर से के.एल ठाकुर, कांग्रेस के हरदीप बावा व निर्दलीय हरप्रीत सिंह सैणी है। हालांकि यह देखने में आ रहा है कि नालागढ़ उप चुनाव पहली बार मुददा विहीन बनकर रह गया है क्योंकि यहां पर विधायक पद से इस्तीफा देकर फिर से विधायक बनने की कसरत की जा रही है।
किसकी क्या है स्थिति-
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के.एल ठाकुर (भाजपा)
अधिकारी से नेता बने भाजपा प्रत्याशी के एल ठाकुर चौथी बार चुनाव में उतरे हैं। पिछले तीन चुनावों में उन्होने एक बार पार्टी से जीत मिली तो एक बार आजाद जीते और एक बार भाजपा के टिकट पर हारे भी। 2022 में भाजपा से बगावत करके आजाद विधायक बने के एल ठाकुर ने भाजपा के मोह मे आकर अपनी विधायिकी छोड दी और उप चुनाव में उतरने का निर्णय लिया। के एल ठाकुर को जिताने के भाजपा के ती सौा से ज्यादा विस्तारकों के साथ साथ बडे नेताओं ने डेरा डाला हुआ है। के एल ठाकुर नालागढ़ में वर्चस्व की लड़ाई लड रहे हैं और यह चुनाव सीधे सीधे प्रदेश सरकार बनाम कृष्ण लाल बनकर रह गया है। इस चुनाव में वो अकेले राजपूत प्रत्याशी है तो उनकी साख पर भी सवाल है कि वो राजपूत बहुत सीट में अपनी बादशाहत बरकरार रख पाते हैं या नहीं। हालांकि पूर्व विधायक लखविंद्र राणा जो कि पूर्व में उनके विरोधी रहे आजकल भगवा पार्टी में ही है। उनकी परीक्षा भी है कि वो के एल ठाकुर की जीत में क्या भूमिका निभाते हैं। कभी जयराम ठाकुर द्वारा मंच से दिए गए धक्के से सहानूभूमि बटोरकर के एल ठाकुर ने मेरा क्या कसूर का नारा देकर चुनाव लड़ा था और बडे मार्जन से जीता था लेकिन अब जयराम ठाकुर तो उनके लिए घर घर जाकर प्रचार कर रहे हैं साथ में प्रदेशाध्यक्ष डा राजीव बिंदल की फौज भी उनके साथ खडी है। पार्टी व संगठन का साथ होने के साथ उनको अपनी जाति राजपूत का भी सहारा मिलने की आस है। प्रदेश में भाजपा की सरकार न होना उनके लिए चिंताजनक है क्योंकि बहुत से लोग सत्ता के साथ ही चलते हैं पर उन्होने संगठन के साथ अपने परिवार का रुतबा आगे रखा हुआ है कि मैने अपने समय में सबके काम किए हैं।
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हरदीप सिंह बावा (कांग्रेस)
कांग्रेस प्रत्याशी हरदीप सिंह बावा अपने जीवन का तीसरा चुनाव लड़ रहे हैं। कसौली विस रिजर्व होने के कारण वह 2009 में परवाणु से आकर नालागढ़ आकर बस गए थे और अब नालागढ़ को ही अपना घर मानते हैं। बावा अब आजाद व कांग्रेस से चुनाव लड चुके हैं और दोनो बार कामयाब नहीं हुआ पर उनका वोट बैंक बढ गया जिस कारण से पार्टी ने तीसरी बार उन पर भरोसा जताया है। बावा के लिए इस बार का चुनाव सिर्फ सियासत बचाने का नहीं बल्कि वजूद बचाने का है। अब चूके तो सदा के लिए राजनीति से बाहर हो जाएंगे क्योंकि लगातार तीन चुनाव हारना उनके लिए सदमे से कम नहीं होगा। बावा कभी राजा गुट के सिपाही थे लेकिन अब सीएम व उनकी टीम ने उनको पूरी तरह अपना लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू व उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री के अलावा कई मंत्री, सीपीएस विधायक व चेयरमैन उनको जिताने के लिए यहां डेरा डाले हुए है। बावा के लिए सुखद बात यह है कि इस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और वो बोल भी रहे हैं कि जिसकी सरकार उसका विधायक हो। कांग्रेस का पूरा संगठन उनके साथ खड़ा है। उनके लिए चिंताजनक यह जरुर कि राजपूत बहुत सीट पर क्षत्रियों का धु्रबीकरण केएल ठाकुर के पक्ष में ज्यादा हो सकता है जिसकी अभी तक कोई तोड नहीं निकली है। हरप्रीत का आजाद लडना भी उनके लिए नुक्सानदायक हो सकता है क्योंकि वो भी सिक्ख बिरादरी से है और बावा भी सिक्ख बिरादरी है। सिक्ख वोटों के लिए दोनो में जोर आजमाईश चली हुई है।
दूसरा के.एल ठाकुर व आजाद हरप्रीत सिंह सैणी उनको बाहरी बताकर लगातार उन पर हमले कर रहे हैं। फिर भी बावा को आस है कि वो सबको साथ लेकर चल रहे हैं रास्ता जरुर निकलेगा और शिमला जरुर पहुंचेगे।
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हरप्रीत सिंह सैणी (आजाद)
पूर्व मंत्री हरिनारायण सिंह सैणी के भतीजे अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए नालागढ़ उपचुनाव में मैदान में कूदे हैं। उन्होने 2017 में भी पार्टी से बगावत की थी और अब फिर से पार्टी को अलविदा कहकर 2024 के चुनावी दंगल मे कूदे हैं। आजाद केएल ठाकुर से इस्तीफा दिलाकर पार्टी से उनको चुनाव लडाना हरप्रीत को रास नहीं आया और उन्होने आजाद ताल ठोक दी। हरप्रीत का कहना है कि एक प्रत्याशी बाहरी है तो दूसरा खनन माफिया है। उन्होने कहा कि नालागढ हलके में विकास नहीं हुआ जिसका कारण दोनो पार्टियां है। उन्होने कहा कि जो पार्टियां एक साल में दभोटा पुल का पिल्लर नहीं बना सकी वो विकास क्या करवाएंगी। इसके अलावा उन्होने दोनो दलों को स्वास्थ्य सुविधाओं पर लगातार घेरा है और कहा कि चुनाव के बाद वह नालागढ़ में एक बहुत बडा मल्टी स्पैशियलिटी अस्पताल बनाएंगे जिसमें हर प्रकार का ईलाज फ्री होगा। फिलवक्त हरप्रीत सैणी अपने ताया जी के 13 साल में किए गए विकास कार्यों व उनकी समाज सेवा को आधार बनाकर मैदान में कूदे हैं। हरप्रीत का मुख्य मुददा यही है कि अगर इस बार भी वो चुनाव नहीं लडते तो उनका कुनबा बिखर जाता और भाजपा में अब उनका भविष्य नहीं बचा था। हरप्रीत युवा है और विभिन्न मुददों को उनको मुकाबला तिकोना व रोचक बना दिया है। अब देखना यह है कि हरप्रीत भाजपा व कांग्रेस के वोटों पर ज्याा कैंची चलाते हैं।

08/05/2024

दूण की RJनीति में हो सकता है
बहुत बड़ा धमाका। 4.6.24

आप छोड़ दिए गए क्योंकि आप नही थेउन तमाम विकल्पों में सबसे बेहतरीन विकल्पबेहतरीन शख्सियत होने से  कहीं अधिक जरूरी हैबेहतर...
28/03/2024

आप छोड़ दिए गए क्योंकि आप नही थे
उन तमाम विकल्पों में सबसे बेहतरीन विकल्प

बेहतरीन शख्सियत होने से कहीं अधिक जरूरी है
बेहतरीन विकल्प होना
खासकर उस समय जब चुनाव की प्रक्रिया जारी हो !!

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