
01/06/2025
कुत्तों की दौड़ में एक मर्तबा
एक चीते को शामिल किया गया,
लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि जब मुकाबला शुरु हुआ तो
चीता अपनी जगह से हिला भी नहीं,
और कुत्ते अपनी पूरी कोशिश से मुकाबला जीतने में लगे रहे,
और चीता देखता रहा।
जब मालिक से पूछा गया कि चीते ने मुकाबले में शिरकत क्यों नहीं की तो उसने एक दिलचस्प जवाब दिया:
कभी कभी ख़ुद को बेहतरीन साबित करना दरअसल अपनी ही तोहीन होती है, हर जगह ख़ुद को साबित करने की ज़रूरत नहीं होती है, कुछ लोगों के सामने खामोश रहना ही बेहतरीन जवाब होता है,
कुत्तों के साथ कुत्ते दौड़ते हैं शेर चीते नहीं, इस लिए अगर हमें खुद पर यकीन हो कि हम बेहतरीन हैं तो इसके लिए ज़रूरी नहीं है कि हम ख़ुद को बेहतरीन साबित करने के लिए कुत्तों के साथ मुकाबला कर लें, बल्कि खामोश रह लें।
एसी कई जगह खामोश रेहना ही बेहतर है क्यू कि ऐसी दौड़ में शामिल होना ख़ुद की तोहीन है...
नोट:-कुत्तो से सावधान