06/07/2025
मुहर्रम 2025: इमाम हुसैन की शहादत को याद करने का दिन, यौम-ए-आशूरा
आज, 6 जुलाई 2025, मुहर्रम की 10वीं तारीख, यानी यौम-ए-आशूरा, को दुनिया भर के मुसलमान इमाम हुसैन की शहादत को श्रद्धा और गम के साथ याद कर रहे हैं। इमाम हुसैन, पैगंबर मुहम्मद के नवासे, ने 680 ईस्वी में कर्बला (इराक) के मैदान में यजीद की अन्यायी सत्ता के खिलाफ सत्य और न्याय के लिए अपने 72 साथियों सहित शहादत दी थी।
इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम, विशेष रूप से शिया समुदाय के लिए शोक का प्रतीक है। इस दिन शिया मुसलमान मातम, जुलूस और ताजिया निकालकर इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद करते हैं, जबकि सुन्नी समुदाय के लोग रोजा रखकर और दुआ करके इस दिन को मनाते हैं। भारत में, 26 जून को चांद दिखने के बाद मुहर्रम 27 जून से शुरू हुआ था, और आज 10वां दिन है।
कर्बला की घटना साहस, बलिदान और इंसानियत का संदेश देती है। शिया समुदाय मर्सिया पढ़कर और जंजीरी मातम के जरिए इमाम हुसैन के दर्द को महसूस करता है, वहीं ताजिया उनके मकबरे का प्रतीक है। देशभर में जुलूसों के साथ सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है, और लोग शांति व एकता के साथ इस दिन को मना रहे हैं।