
23/07/2025
"गाँव छोड़ाब नही... जंगल छोड़ाब नही..."
यही तो है हमारी पहचान!
जहाँ पहाड़ बोले हैं, नदियाँ गाती हैं —
वहीं हमारी कहानियाँ सांस लेती हैं।
👉"माँय माटी छोड़ाब नही... लड़ाई छोड़ाब नहीं!"
हम लड़ेंगे —
अपने जल के लिए,
अपने जंगल के लिए,
अपनी ज़मीन के लिए!
👉यह सिर्फ विरोध नहीं है —
यह पुश्तों की विरासत की रक्षा है।
"गाँव छोड़ाब नही, जंगल छोड़ाब नही
माँय माटी छोड़ाब नही, लड़ाई छोड़ाब नहीं!"