04/10/2025
पलवल, (मोहित कुमार गुप्ता) जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी संदीप गहलान के नेतृत्व टीम ने चलाया विशेष जांच अभियान।
मुख्यमंत्री विंडो पर प्राप्त शिकायत के आधार पर जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी फरीदाबाद (अतिरिक्त प्रभार पलवल) संदीप गहलान एवं डॉ. संजय सिंह, एएसएमओ, पीएचसी अलीका की संयुक्त टीम द्वारा शुक्रवार को एक विशेष जांच अभियान चलाया गया। यह जांच गांव महेशपुर, जिला पलवल (नूह रोड, हनुमान मंदिर के समीप) स्थित एक अवैध एवं बिना पंजीकृत क्लिनिक में की गई।
जांच के दौरान पाया गया कि उक्त क्लिनिक में डॉ.सुरेंद्र कुमार पुत्र बिजेंद्र सिंह, निवासी गांव सिलानी, जिला गुरुग्राम बिना किसी वैध डिग्री, पंजीकरण अथवा लाइसेंस के मरीजों का उपचार कर रहा था। मौके पर किसी प्रकार का क्लिनिक का नाम, बोर्ड या साइनबोर्ड प्रदर्शित नहीं किया गया था।
टीम द्वारा मौके पर गहन तलाशी ली गई, जिसमें एलोपैथिक दवाओं की बड़ी मात्रा, विभिन्न मेडिकल उपकरण, इंजेक्शन, सिरिंज, ड्रेसिंग सामग्री, ब्लड प्रेशर मॉनिटर, स्टेथोस्कोप, ग्लूकोमीटर, एंटीबायोटिक टैबलेट्स, सिरप, इंजेक्शन व अन्य चिकित्सा सामग्रियाँ बरामद की गईं। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह मात्र 10वीं पास है और अनुभव के आधार पर इलाज कर रहा है।
उक्त व्यक्ति किसी भी राज्य मेडिकल काउंसिल या एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) में पंजीकृत नहीं पाया गया तथा उसके पास ड्रग्स लाइसेंस भी नहीं था, और ना ही बरामद दवाओं का कोई खरीदने या बेचने या बांटने का कोई रिकार्डI इस कारण टीम ने मौके पर ही 29 प्रकार की विभिन्न एलोपैथिक दवाइयाँ ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 22 के तहत फॉर्म-16 में जब्त कीं। साथ ही 17 प्रकार की आंशिक रूप से उपयोग की गई दवाइयाँ, इंजेक्शन, और चिकित्सा उपकरण डॉ. संजय सिंह द्वारा एनएमसी अधिनियम, 2019 के अंतर्गत जब्त किए गए।
इस दौरान आरोपी व्यक्ति द्वारा बिना योग्यता और अनुमति के चिकित्सा कार्य करना पाया गया, जो कि एनएमसी अधिनियम, 2019 की धारा 34 एवं भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस) की संबंधित धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।
इस संबंध में आरोपी डॉ. सुरेंद्र कुमार के विरुद्ध थाना सदर, पलवल में एफआईआर दर्ज कर उसे मौके पर ही पुलिस के हवाले कर दिया गया।
जांच टीम द्वारा जब्त की गई 29 प्रकार की दवाइयाँ माननीय सीजेएम कोर्ट, पलवल में प्रस्तुत की गईं तथा कस्टडी ऑर्डर प्राप्त किए गए हैं। इस मामले में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के अंतर्गत नियमानुसार आगे की कार्रवाई प्रारंभ की जा चुकी है।
जिला औषधि नियंत्रण विभाग द्वारा बताया गया कि ऐसी अवैध रूप से चिकित्सा कार्य करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी ताकि आम जनता के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।