20/07/2025
पचपदरा के पूर्व विधायक श्री मदन प्रजापत जी के साथ जिस तरह एक अधिकारी ने अभद्र,उद्दंड और राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित भाषा का प्रयोग किया,वह पूरी तरह अस्वीकार्य है।
यह घटना केवल एक जनप्रतिनिधि का अपमान नहीं,बल्कि संविधान,लोकतंत्र और जनमत का अपमान है।अधिकारी यह न भूलें कि वे जनसेवक हैं,और जनता के प्रतिनिधियों से इस तरह का व्यवहार उनकी मानसिक दिवालियापन और सत्ता के नशे का प्रतीक है।
राजस्थान सरकार को इस पूरे मामले का संज्ञान लेकर,ऐसे बेलगाम अधिकारियों पर तुरंत सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए, जो प्रशासनिक मर्यादा की सीमा लांघते जा रहे हैं।
सरकार को तुरंत सख़्त कार्रवाई कर यह स्पष्ट करना चाहिए कि लोकतंत्र में अफसर नहीं,जनता और उसके प्रतिनिधि सर्वोपरि हैं।
#मदनप्रजपत #अशोकगहलोत