27/07/2025
😱 खूबसूरत दिखने की ये सर्जरी बना सकती है चेहरा डरावना!
उर्फी जावेद का चेहरा देखकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे...
💉 क्या ये सिर्फ दिखावे की कीमत है?
📌 जानिए Face Filler सर्जरी से जुड़ी सच्चाई और खतरे!
👉 Swipe करो पूरी जानकारी के लिए!
#पोस्ट
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उर्फ़ी जावेद का कहना है कि उन्होंने अपने होंठों का आकार बढ़ाने के लिए 'लिप फ़िलर' नाम की एक कॉस्मेटिक सर्जरी करवाई थी
: चेतावनी: इस रिपोर्ट में कुछ तस्वीरें और जानकारी आपको विचलित कर सकती है.
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर उर्फ़ी जावेद ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उनका चेहरा काफ़ी सूजा हुआ दिख रहा है.
पहली नज़र में वीडियो देखकर लगता है जैसे कोई इंस्टाग्राम फ़िल्टर लगाया गया हो, लेकिन असली वजह कुछ और है.
उर्फ़ी ने इस पोस्ट में बताया कि कुछ समय पहले उन्होंने अपने होंठों का आकार बढ़ाने के लिए 'लिप फ़िलर' नाम की एक कॉस्मेटिक सर्जरी करवाई थी.
: लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि ये लिप फ़िलर, जो होंठों को और भरा हुआ दिखाने के लिए लगाए जाते हैं, ग़लत जगह चले गए.
: इंस्टाग्राम पर उर्फ़ी ने लिखा, "मैंने अपने फ़िलर्स को निकलवाने का फ़ैसला किया क्योंकि ये सही तरीक़े से नहीं लगाए गए थे."
जब उर्फ़ी इन्हें निकलवाने गईं तो इस प्रक्रिया के दौरान उनका चेहरा सूज गया.
वो कहती हैं, "मैं आगे भी ये सर्जरी करवाऊँगी. मैं फ़िलर्स को पूरी तरह मना नहीं कर रही, लेकिन इन्हें निकलवाना बहुत दर्दनाक होता है."
हलांकि बाद में उर्फ़ी ने जानकारी दी कि अब उनका चेहरा ठीक हो चुका है. उन्होंने अपनी फ़ोटो भी डाली.
उर्फ़ी जावेद ने इंस्टाग्राम पर एक नया पोस्ट भी डाला है. इस पोस्ट में उन्होंने कहा, "सारी ट्रोलिंग और मीम्स पर सच कहूं तो मुझे खूब हंसी आई. ये रहा मेरा चेहरा बिना फिलर्स या सूजन के. मैंने यहां लिप प्लम्पर का इस्तेमाल किया है."
लेकिन आख़िर ये फ़िलर्स क्या होते हैं? ये कैसे काम करते हैं, इनकी क़ीमत कितनी है और सेहत पर इनका क्या असर पड़ता है?
फ़िलर्स क्या होते हैं?
: लुधियाना में 'स्किनिक' नाम की कॉस्मेटोलॉजी क्लिनिक चलाने वालीं त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुपमा रामपाल ने बीबीसी से इस बारे में बात की.
डॉ. अनुपमा कहती हैं, "फ़िलर्स हायलूरॉनिक एसिड के अणु होते हैं, जिन्हें शरीर के किसी भी हिस्से में इंजेक्शन के ज़रिए डाला जा सकता है. हायलूरॉनिक एसिड हमारे शरीर में प्राकृतिक रूप से भी मौजूद होता है. इसका मुख्य काम पानी को सोखना है, ताकि त्वचा मुलायम और चमकदार बनी रहे."
"आमतौर पर हायलूरॉनिक एसिड के अणु या फ़िलर्स उस हिस्से में डाले जाते हैं, जिसे हम और भरा हुआ या मोटा दिखाना चाहते हैं. अगर चेहरे की बात करें, तो इन्हें आमतौर पर गाल, होंठ, नाक, आंखों के नीचे, जॉ लाइन, ठोड़ी और माथे में डाला जाता है."
: सर्जरी क्या है और इसकी क़ीमत कितनी है?
डॉ. अनुपमा रामपाल बताती हैं कि यह सर्जरी लगभग दो घंटे में पूरी हो जाती है.
वो कहती हैं, "जहाँ फ़िलर इंजेक्शन लगाना होता है, उस जगह पर पहले सुन्न करने वाली क्रीम लगाई जाती है और फिर फ़िलर इंजेक्ट किया जाता है."
डॉ. अनुपमा बताती हैं कि इस सर्जरी की क़ीमत 25 से 35 हज़ार रुपये होती है और इसका असर छह महीने से एक साल तक रहता है.
उनका कहना है कि इस प्रक्रिया के लिए ज़्यादातर 25 से 40 साल की महिलाएँ उनके पास आती हैं.
डॉ. अनुपमा का मानना है कि सतही ख़ूबसूरती को लेकर सोशल मीडिया और सामाजिक दबाव इस सर्जरी की लोकप्रियता के लिए काफ़ी हद तक ज़िम्मेदार हैं.
वो कहती हैं, "आजकल ये तकनीक आम लोगों की पहुँच में आ गई है. जो भी अपनी आँखों के आकार या किसी और रूप-रंग से खुश नहीं है, सोशल मीडिया या दोस्तों की बातों से प्रभावित है, वो आसानी से यह सर्जरी करवाने के लिए तैयार हो जाते हैं."
: फ़िलर्स को 'डिज़ॉल्व' करना क्या होता है?
लिप फ़िलर्स का असर छह महीने से लेकर एक साल तक रहता है
: डॉ. अनुपमा रामपाल कहती हैं कि हायलूरॉनिक एसिड के इंजेक्शन अक्सर 'ब्लाइंड स्पॉट्स' में दिए जाते हैं, यानी विशेषज्ञ अपने अनुमान के आधार पर इन्हें लगाते हैं.
वो बताती हैं कि अगर यह इंजेक्शन किसी प्रशिक्षित प्रोफ़ेशनल या ज़रूरी सावधानी के बिना लगाया जाए, तो फ़िलर अपनी जगह से ऊपर या नीचे खिसक सकता है.
इससे चेहरा भद्दा लग सकता है.
डॉ. अनुपमा कहती हैं, "जैसे अगर फ़िलर होंठों में डाला जाए, तो उसके ऊपर की तरफ फैलने की आशंका रहती है, जिससे असमानता आ सकती है. कई बार अगर क्लाइंट नतीजों से ख़ुश नहीं होते, तो यह सर्जरी रिवर्स भी की जाती है."
विशेषज्ञ हायलूरोनिडेज़ नामक एंज़ाइम का इस्तेमाल करके लिप फ़िलर्स को घोलते हैं. यह पदार्थ केवल हायलूरॉनिक एसिड वाले फ़िलर्स को ही नष्ट करता है.
आमतौर पर यह उलटी प्रक्रिया बिना किसी दिक़्क़त के हो जाती है. लेकिन कुछ मामलों में यह "एम्पटी पॉकेट्स" छोड़ सकती है, यानी गुब्बारे जैसी ढीली जगह, जिसे पहले फुलाकर फिर खाली कर दिया गया हो.
इससे जुड़े क्या ख़तरे हैं?
: इन दिनों चेहरे का आकार मेडिकल तरीक़ों से बदलवाने का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है
स्किनोवेशन क्लीनिक्स के फ़ाउंडिंग डायरेक्टर और त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल गंजू ने बीबीसी से कहा कि अगर यह सर्जरी विशेषज्ञों की देखरेख में जाए तो यह काफ़ी सुरक्षित होती है.
हालाँकि, उनका कहना है कि इसका मतलब यह नहीं कि इससे जुड़े जोखिम पूरी तरह ख़त्म हो जाते हैं.
डॉ. गंजू कहते हैं, "फ़िलर्स को त्वचा की अलग-अलग परतों में डाला जाता है. लेकिन अगर गलती से यह किसी रक्त वाहिका (ब्लड वेसल) में चला जाए, तो यह बहुत गंभीर समस्या हो सकती है."
उनका कहना है कि आँखों के नीचे और माथे पर फ़िलर्स लगाना सबसे मुश्किल होता है, क्योंकि अगर यहाँ कुछ ग़लत हो गया तो नज़र तक जा सकती है.
वो बताते हैं, "आम दुष्प्रभावों में इंजेक्शन वाली जगह पर नीला पड़ना, लाल होना, सूजन, दर्द और खुजली शामिल हैं. जबकि गंभीर दुष्प्रभावों में संक्रमण, एलर्जिक रिएक्शन और नज़र से संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं."
कहाँ होती है चूक?
: फ़िलर्स हायलूरॉनिक एसिड के अणु होते हैं, जिन्हें शरीर के किसी भी हिस्से में इंजेक्शन के ज़रिए डाला जा है
इस बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व महासचिव डॉ. रोहित रामपाल कहते हैं कि नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के नियमों के अनुसार केवल त्वचा रोग विशेषज्ञ (डर्मेटोलॉजिस्ट) या प्लास्टिक सर्जन को ही फ़िलर्स और अन्य कॉस्मेटोलॉजी प्रक्रियाएँ करने की अनुमति है.
लेकिन इसके बावजूद कई लोग, जो पार्लर, डेंटल या दूसरे क्षेत्रों से जुड़े हैं, अपने व्यावसायिक क्लीनिक खोलकर ये सेवाएँ देने लगते हैं.
डॉ. रोहित रामपाल कहते हैं, "भले ही वे इस विषय के विशेषज्ञ न हों, लेकिन वे लोग अक्सर मार्केटिंग और कम कीमत के लालच से लोगों को अपनी ओर खींच लेते हैं."
वो कहते हैं, "सिर्फ़ थोड़ा पैसा बचाने के लिए किसी गैर-विशेषज्ञ से यह इलाज करवाना भारी पड़ सकता है. इससे इलाज के दौरान या बाद में कई समस्याएँ हो सकती हैं."
: किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुपमा रामपाल कहती हैं कि फ़िलर्स लगवाने से पहले इन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:
सलाह और जानकारी: किसी योग्य विशेषज्ञ से सलाह लें. सर्टिफ़ाइड डर्मेटोलॉजिस्ट या प्लास्टिक सर्जन चुनें, जिन्हें डर्मल फ़िलर्स का अनुभव हो.
प्रोसेस को समझें: इस्तेमाल होने वाले फ़िलर के प्रकार, उसका असर कितने समय तक रहेगा और संभावित दुष्प्रभावों के बारे में पूछें.
अपनी मेडिकल हिस्ट्री डॉक्टर को ज़रूर बताएं.
ख़ून पतला करने वाली दवाइयों से बचें.
शराब और धूम्रपान कम करें.
डॉक्टर की हिदायतों का पालन करें.
किसी तरह की तकलीफ़ हो तो तुरंत डॉक्टर को बताएं
राइटर Islamic political voice ✍️
अगर आपके पास मौका हो तो क्या आप ये सर्जरी कराएंगे?" Islamic Political voice
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