18/02/2025
किसकी बड़ाई? परमेश्वर की या अपनी - Sis. Nutan Champia
हम जीवन में कई आशीषों को पाते हैं—सफलता, परिवार, नौकरी, स्वास्थ्य—लेकिन क्या हम इन आशीषों के लिए परमेश्वर की महिमा करते हैं या खुद को श्रेय देते हैं? यह संदेश हमें आत्म-जांच करने और यह समझने के लिए प्रेरित करता है कि हमें हमेशा परमेश्वर को धन्यवाद देना चाहिए। 🙌
2 राजा 20 में हम देखते हैं कि कैसे हिजकिय्याह ने परमेश्वर से विनती की और परमेश्वर ने उसकी प्रार्थना सुनी, उसकी आयु बढ़ाई और उसे चंगा किया। लेकिन बाद में उसने अपनी आशीषों को गर्व से दूसरों को दिखाया, जिससे परमेश्वर ने उसे चेतावनी दी। इसी तरह, लूका 17:11-19 में, केवल एक कोढ़ी यीशु के पास लौटकर धन्यवाद देने आया, जबकि बाकी भूल गए। यह हमें सिखाता है कि हमें हमेशा परमेश्वर की स्तुति करनी चाहिए, न कि अपनी बड़ाई।
✨ क्या हम सच में परमेश्वर की महिमा कर रहे हैं या सिर्फ आशीषें लेकर आगे बढ़ रहे हैं? 🤔
आज एक निर्णय लें कि हम अपनी हर आशीष के लिए परमेश्वर को धन्यवाद देंगे और उसकी महिमा करेंगे!
💬 इस संदेश को शेयर करें और अपने दोस्तों, परिवार, और सभी प्रियजनों को प्रेरित करें! आइए मिलकर परमेश्वर की महिमा करें! 🙏🏽