06/09/2025
: महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय में नवआगंतुक विधार्थियों के लिए एक सप्ताह का दिक्षारम्भ कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसका उद्देश्य भिन्न भिन्न संकाय में आये नए विधार्थियों को उनके पाठ्यक्रम से जुड़े सभी आयाम, भविष्य में पाठ्यक्रम से होने वाले लाभों के साथ साथ विश्वविद्यालय में विधार्थियों को मिलने वाली सभी सुभिधाओं के बारे में जानकारी देना है l इसी क्रम में विश्वविद्यालय के बहुभाषीय अध्ययन केन्द्र द्वारा संचालित फ्रेंच, जर्मन, मंदारिन एवं अन्य विदेशी भाषाओं के पाठ्यक्रमों की जानकारी देने हेतु विधि संकाए, शिक्षा संकाय एवं नवगठित कृषि संकाय में विदेशी भाषाओं के अध्ययन को प्रोत्साहित करने हेतु एक विशेष सत्रों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मंडारिन (चीनी भाषा) की शिक्षिका मिस चियाली चेन एवं जर्मन भाषा के विशेषज्ञ डॉ० रजनीश गुप्ता ने सभी विदेशी भाषाओँ के पाठ्यक्रमों की संरचना, उद्देश्य एवं महत्त्व पर विस्तार से जानकारी प्रदान की।
इसके साथ ही मिस चिआली चेन ने ताइवान सरकार द्वारा अपने विश्वविद्यालय के छात्रों को दी जाने वाली स्कालरशिप की पूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि मंडारिन भाषा के डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों को तीन महीने से लेकर एक साल तक ताइवान सरकार छात्रों को वहां रहकर पढ़ने रहने व खाने पीने के सभी खर्चों को वहां करने के लिए स्कालरशिप प्रदान करती है l ये स्कालरशिप लेकर पिछले तीन वर्षों में कई छात्र -छात्रायें ताइवान जाकर शिक्षा लेकर वापस आ चुचें हैं l इस वर्ष भी तीन छात्र एक साल के लिए मंडारिन भाषा के एडवांस कोर्से पढ़ने के लिए ताइवान गए हैं l
इसके पश्चात डॉ० रजनीश गुप्ता ने विश्वविद्यालय में चल रहे जर्मन, फ़्रेंच और स्पेनिश भाषा के डिप्लोमा पाठयक्रमों के महत्व पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने यूरोपीय देशों में उच्च शिक्षा, अनुसंधान, और रोजगार की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए कहा कि जर्मन, फ़्रेंच , स्पेनिश या मैंडरिन चाइनीज़ भाषा का ज्ञान छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनाने में सहायक हो सकता है।
मानविकी विभाग की विभागाध्यक्ष एवं बहुभाषा केन्द्र की समन्वयक डॉ अनीता त्यागी ने विभाग में चल रही भाषाओं की उपयोगिता को बताते हुए सभी संकाय के छात्रों ने विदेशी भाषाओं की प्रासंगिकता, पाठ्यक्रम की अवधि, मूल्यांकन प्रणाली, तथा रोजगारोन्मुख अवसरों से संबंधित उत्साहपूर्वक प्रश्न पूछे। विशेष रूप से कृषि संकाय के छात्रों ने अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान, तकनीकी सहयोग, और वैश्विक संसाधनों तक पहुँच के संदर्भ में विदेशी भाषा सीखने की संभावनाओं पर गहन रुचि दिखाई।
बहुभाषा केन्द्र न केवल विदेशी भाषाओं में छात्रों में दक्षता विकसित कर रहा है, बल्कि भारतीय भाषाओं को भी सशक्त बना रहा है। इसके अंतर्गत एम.ए. फंक्शनल हिंदी तथा एम.ए. पाली भाषा एवं बौद्ध संस्कृति जैसे पाठ्यक्रम भी संचालित हैं, जो विद्यार्थियों को आधुनिक रोजगारपरक हिंदी, सृजनात्मक लेखन, तथा बौद्ध दर्शन की गहन समझ प्रदान करते हैं। इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी, पाली और बौद्ध संस्कृति के संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। इसके साथ ही अंग्रेजी भाषा में दक्षता के लिए भी डॉ कोर्से चलाये जा रहें हैं l इन सभी कोर्स में अभी सितम्बर माह तक दाखिला लिया जा रहा है l अधिक जानकारी के लिए मानविकी विभाग में संपर्क कर सकते हैं l