Mithun Singh nishad

Mithun Singh nishad Social worker

लगातार चलने का नाम ज़िन्दगी है,रुकने-थकने या हार जाने का नहीं।सोने से तो बस नींद पूरा होती है,सपनों को पूरा करने के लिए ...
15/02/2025

लगातार चलने का नाम ज़िन्दगी है,
रुकने-थकने या हार जाने का नहीं।
सोने से तो बस नींद पूरा होती है,
सपनों को पूरा करने के लिए तो जागना पड़ता है।

17/12/2024

3 बातो को सब लोगों जरूर जाने

13/12/2024

धन्य है बजबजाती भाजपा..
धन्य है उनकी मानसिकता ...
धन्य है तीन वेदो के ज्ञाता त्रिवेदी ....

एक महिला ही नहीं बल्कि फूलन देवी एक क्रांति की चिंगारी थी । आज ऐसा मजाक वे उड़ा रहे है जिनकी सत्ता ही फूलन के वंशजों के मतों पर आधारित है । गजब संयोग कहा जाएगा जिस सामंतवाद ने निरीह बच्ची का भयानक बलात्कार किया ...एक नहीं दर्जनों सामंतवाद के प्रतीक और एक तरफ थी निरीह बच्ची फूलन ... उठी लड़ी और ऐसा लड़ी कि सामंतवाद आज फूलन का नाम सुनते ही चड्डी में मूतने लगता है । उस क्रांतिकारिणी फूलन देवी के बारे बजबजाती सोच के बाजपई तीन वेदों के ज्ञाता त्रिवेदी जी ज्ञान रेल रहे है आप भी सुने अपनी पूर्वज फूलन के बारे में इनके बजबजाते प्रवक्ता के विचार ... अगर ओबीसी का खून होगा तो उसमें उबाल अवश्य आएगा और आए तो आगे भेजना ।

हाइब्रिड बीज के उत्पादों से किसी तरह के विचार की आवश्यकता नहीं है । उनकी चुप्पी उनके नस्ल की प्रतीक मानी जाएगी ।

03/12/2024

बैजनाथ साहनी जी की पुत्री के शादी में पूर्व मंत्री विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक #मुकेश_साहनी जी का #डांस_का_वीडियो_बहुत_तेजी से वायरल हो रही है

अपने कद का अंदाजा हमें भी है परछाई देखकर गुरुर नहीं करते
02/12/2024

अपने कद का अंदाजा हमें भी है
परछाई देखकर गुरुर नहीं करते

पटना में मित्र मुकेश कुमार के शादी में समिलित हों कर सुखमय वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दिया।
22/11/2024

पटना में मित्र मुकेश कुमार के शादी में समिलित हों कर सुखमय वैवाहिक जीवन की शुभकामनाएं दिया।

राह में ख़तरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है..मौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है..!!
20/11/2024

राह में ख़तरे भी हैं लेकिन ठहरता कौन है..

मौत कल आती है आज आ जाए डरता कौन है..!!

19/10/2024

भटक गए हम राहों में मंजिल का ठिकाना नहीं था...ले गई जिंदगी उन राहों में जहां हमें जाना नही था...कुछ क़िस्मत की मेहरबानी ...
16/10/2024

भटक गए हम राहों में मंजिल का ठिकाना नहीं था...

ले गई जिंदगी उन राहों में जहां हमें जाना नही था...

कुछ क़िस्मत की मेहरबानी कुछ हमारा कसूर था...

हमने खो दिया सबकुछ वहां जहां हमे कुछ पाना नहीं था

एक राजा की बेटी की शादी होनी थी। बेटी की ये शर्त थी कि जो भी 20 तक की गिनती सुनाएगा उसको राजकुमारी अपना पति चुनेगी ! गिन...
14/10/2024

एक राजा की बेटी की शादी होनी थी। बेटी की ये शर्त थी कि जो भी 20 तक की गिनती सुनाएगा उसको राजकुमारी अपना पति चुनेगी ! गिनती ऐसी हो जिसमें सारा संसार समा जाये। जो नहीं सुना सकेगा, उसको 20 कोड़े खाने पड़ेंगे। ये शर्त केवल राजाओं के लिए ही है।

अब एक तरफ राजकुमारी का वरण और दूसरी तरफ कोड़े ! एक-एक करके राजा महाराजा आए। राजा ने दावत भी रखी। मिठाई और सब पकवान तैयार कराए गए। पहले सब दावत का मजा ले रहे होते हैं। फिर सभा में राजकुमारी का स्वयंवर शुरू होता है।

एक से बढ़ कर एक राजा महाराजा आते हैं। सभी गिनती सुनाते हैं जो उन्होंने पढ़ी हुई थी, लेकिन कोई भी वह गिनती नहीं सुना सका जिससे राजकुमारी संतुष्ट हो सके।

अब जो भी आता कोड़े खा कर चला जाता। कुछ राजा तो आगे ही नहीं आए। उनका कहना था कि गिनती तो गिनती होती है। राजकुमारी पागल हो गई है। ये केवल हम सबको पिटवा कर मजे लूट रही है।

ये सब नजारा देख कर एक हलवाई हंसने लगता है। वह कहता है, डूब मरो राजाओं, आप सबको 20 तक गिनती नहीं आती !

ये सुनकर सब राजा उसको दण्ड देने के लिए बोलते हैं। राजा उनसे पूछता है कि क्या तुम गिनती जानते हो, यदि जानते हो तो सुनाओ।

हलवाई कहता है, हे राजन यदि मैंने गिनती सुनाई तो क्या राजकुमारी मुझसे शादी करेगी ? क्योंकि मैं आपके बराबर नहीं हूं और ये स्वयंवर भी केवल राजाओं के लिए है, तो गिनती सुनाने से मुझे क्या फायदा ?

पास खड़ी राजकुमारी बोलती है, ठीक है यदि तुम गिनती सुना सके तो मैं तुमसे शादी करूंगी ! और यदि नहीं सुना सके तो तुम्हें मृत्युदंड दिया जायेगा।

सब देख रहे थे कि आज तो हलवाई की मौत तय है। हलवाई को गिनती बोलने के लिए कहा जाता है।

राजा की आज्ञा लेकर हलवाई गिनती शुरू करता है।

(1)एक भगवान,

(2)दो पक्ष,

(3)तीन लोक,

(4)चार युग,

(5)पांच पांडव,

(6)छह शास्त्र,

(7)सात वार,

(8)आठ खंड,

(9)नौ ग्रह,

(10)दस दिशा,

(11)ग्यारह रुद्र,

(12)बारह महीने,

(13)तेरह रत्न,

(14)चौदह विद्या,

(15)पन्द्रह तिथि,

(16)सोलह श्राद्ध,

(17)सत्रह वनस्पति,

(18)अठारह पुराण,

(19)उन्नीसवीं तुम और

(20)बीसवां मैं...

सब हक्के-बक्के रह जाते हैं। राजकुमारी हलवाई से शादी कर लेती है ! इस गिनती में संसार के सारी वस्तु मौजूद हैं। यहां शिक्षा से बड़ा तजुर्बा है।

यह भी जीवन का कड़वा सच है कि इज्जत इंसान की नहीं, जरूरत की होती है।जरूरत के खत्म हो जाने पर अक्सर इज्जत भी खत्म हो जाती ...
11/10/2024

यह भी जीवन का कड़वा सच है कि इज्जत इंसान की नहीं, जरूरत की होती है।

जरूरत के खत्म हो जाने पर अक्सर इज्जत भी खत्म हो जाती है।

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