25/03/2025
# बहस
गधे ने बाघ से कहा, "घास नीली है।"
बाघ ने उत्तर दिया, "नहीं, घास हरी है।"
चर्चा गर्म हो गई, और दोनों ने इस मुद्दे को मध्यस्थता के लिए प्रस्तुत करने का फैसला किया, और उन्होंने शेर से संपर्क किया।
जैसे ही वे अपने सिंहासन पर बैठे शेर के पास पहुंचे, गधा चिल्लाने लगा: "महाराज, क्या यह सच नहीं है कि घास नीली है?"
शेर ने उत्तर दिया: "यदि आप मानते हैं कि यह सच है, तो घास नीली है।"
गधा आगे बढ़ा और कहता रहा: "बाघ मुझसे असहमत है, मेरा विरोध करता है और मुझे परेशान करता है। कृपया उसे दंडित करें।"
राजा ने घोषणा की: "बाघ को 3 दिन मौन रहने का दंड दिया जाता है।"
गधा खुशी से उछल पड़ा और हंसते गाते अपने रास्ते चला गया, संतुष्ट और दोहराता हुआ "घास नीली है, घास नीली है ..."
बाघ ने शेर से पूछा, "महाराज, तुमने मुझे दंडित क्यों किया, आखिर घास हरी है?"
शेर ने उत्तर दिया, "तुम जानते हो और तुमने स्वयं देखा है कि घास हरी होती है।"
बाघ ने पूछा, "तो मुझे दंड क्यों ?"
शेर ने उत्तर दिया, "इसका इस प्रश्न से कोई लेना-देना नहीं है कि घास नीली है या हरी। दंड इसलिए है क्योंकि तुम जैसे बहादुर, बुद्धिमान प्राणी के लिए एक गधे के साथ बहस कर समय नष्ट करना अपमानजनक है, और उसके भी बड़ी गलती कि वह विषय लेकर तुम मेरा समय नष्ट करने आ गए बस वह सत्यापित करने के लिए जिसे तुम पहले से जानते थे कि वह सत्य है!"
उस मूर्ख और कट्टर के साथ बहस करना, जो सच्चाई या वास्तविकता की परवाह नहीं करता, केवल अपने विश्वासों और भ्रमों को सर्वोपरि रखता है समय की सबसे बड़ी बर्बादी है,
उन चर्चाओं में समय बर्बाद न करें जिनका कोई मतलब नहीं है। ऐसे लोग हैं, जो प्रमाणिक साक्ष्य और सामान्य सीधे तर्क सामने प्रस्तुत होने पर भी उन्हें समझने की क्षमता नहीं रखते, दूसरे वह हैं जो लोभ, अहंकार, घृणा और आक्रोश से अंधे हैं, और केवल वही विश्वास करते करते हैं जो वे चाहते हैं और मानते हैं कि वह सही है, भले ही वे सही न हों।
जब अज्ञान उद्ववलित आंदोलित हो शोर मचाकर चिल्लाता है, तब ज्ञान शांत, संयमित व् मर्यादित रहकर आगे बढ़ जाता है, और हमारे आपके वास्तविक जीवन में भी ऐसे ही होता है।
✍️ हर हर महादेव