
14/07/2025
सनातन संस्कृति पर साजिशों का दौर: साध्वी प्रेम बाईसा के साथ अन्यायपूर्ण घटनाएँ और समाज में फैलाया जा रहा दुष्प्रचार
बाड़मेर, राजस्थान –
आज जब संपूर्ण विश्व में भारत की सनातन संस्कृति अपने मूल्यों और आध्यात्मिक शक्ति के कारण सम्मान पा रही है, तब देश के भीतर कुछ तत्व इस संस्कृति को बदनाम करने और कमजोर करने की साज़िशों में लगे हुए हैं।
साध्वी प्रेम बाईसा, जिन्होंने अपने जीवन को भक्ति, सेवा और समाज-संस्कारों को समर्पित किया है, आज दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का सामना कर रही हैं। बचपन में ही मां का साया उठ जाने के बाद, उनके जीवन का सहारा और मार्गदर्शक पिता समान विरमनाथ जी ही रहे हैं। वह न केवल उनके आध्यात्मिक गुरु हैं, बल्कि एक अभिभावक की तरह हर सुख-दुख में उनके साथ खड़े हैं।
हाल ही में एक वीडियो क्लिप को तोड़-मरोड़ कर, गलत तरीके से प्रचारित किया गया, जिससे समाज में भ्रम फैलाया जा रहा है। जबकि सच यह है कि वह वीडियो एक भावुक क्षण का था, जिसमें एक पिता अपनी बेटी को गले लगाकर उसके मनोबल को बढ़ा रहे थे — यह दृश्य आत्मीयता और संवेदना का था, न कि कोई अनुचित कृत्य।
इस पूरे मामले को सनातन संस्कृति के खिलाफ एक पूर्वनियोजित दुष्प्रचार की तरह देखा जा रहा है, जहां उद्देश्य है – हमारे संतों, साध्वियों, और संत परंपरा की विश्वसनीयता को ठेस पहुँचाना।
साध्वी प्रेम बाईसा पर पत्थरबाजी और मुकदमे जैसी घटनाएँ केवल समाज को बांटने और धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की साज़िश का हिस्सा प्रतीत होती हैं। ऐसे समय में, सनातन समाज को एकजुट होकर सच्चाई का समर्थन करना चाहिए और इस सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए सामने आना चाहिए।
हमारी अपील
मीडिया, समाजसेवी संस्थाओं और आमजन से निवेदन है कि आधे-अधूरे तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष ना निकालें। पहले सच्चाई को समझें, फिर समाज में सकारात्मक भूमिका निभाएं।
सनातन कोई मत नहीं, यह भारत की आत्मा है। इसकी रक्षा हमारा कर्तव्य है।
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