02/11/2023
बिना अनावश्यक स्टंट किए सांप का रेस्क्यू करने की सुरक्षित तकनीक
सांप को बचाने के नाम पर स्टंटबाजी करना कोई वीरतापूर्ण कार्य(Heroic act) नहीं हैं , बस केवल जानकारी का खेल हैं। सांप को बचाने के नाम पर सांप का प्रदर्शन करना और समाज में अपना रुतबा बढ़ाने का प्रयास कई बार खतरनाक साबित होता हैं। सपेरे सांपों को सदियों से पकड़ते और प्रदर्शन करते आ रहे हैं , लेकिन उन्होंने पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इस शानदार प्राणी के प्रति केवल भ्रांतियां और अंधविश्वास ही फैलाया हैं। एक जागरूक सर्पमित्र का यह दायित्व हैं कि वह लोगों में जागरूकता फैलाने का कार्य करे। सांप का प्रदर्शन करके अपना प्रचार करना कानूनन,नैतिकता के दृष्टिकोण से अनुचित हैं। साथ ही सांप और सर्पमित्र दोनों की सुरक्षा की दृष्टि से अनावश्यक स्टंटबाज़ी करना खतरनाक हैं।अधिकतर सर्प बचाव अभियान में सांप को बिना हाथ से स्पर्श किए रेस्क्यू (Touchless rescue) किया जा सकता हैं । कई बार , जहां सांप के बचकर निकलने की संभावना रहती हैं वहां पर सांप की पूंछ पकड़नी पड़ती हैं लेकिन प्रयास यह होना चाहिए कि सांप को प्रदर्शन के स्थान पर तुरंत ही बेग में पैक किया जाए। कई बार सर्पमित्र भीड़ को आकर्षित करने और सोशियल मिडिया पर लाईक व कमेंट के चक्कर में सांप का प्रदर्शन करते रहते हैं , जिससे सर्पदंश होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता हैं। एक सर्पमित्र का संवदेनशील और तकनीकी तौर पर दक्ष होना आवश्यक हैं। सांपों के व्यवहार की जानकारी भी अत्यंत आवश्यक हैं। यूट्यूब पर देखकर कई लोग इस काम को करने का प्रयास कर रहे हैं। वर्तमान में भारत में accidental snake bite से अधिक सर्पदंश की घटनाएं और मौतें snake rescue के दौरान सर्पमित्रों की हो रही हैं , जो की गंभीर चिंता का विषय हैं। जब एक सर्पमित्र का ध्यान स्टंटबाजी या प्रदर्शन पर होता हैं और सर्पमित्र अपने मूल मकसद से भटकता हैं , तो दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती हैं।
आम जनमानस में सदियों से सांपों के प्रति रोमांच रहा हैं और अभी भी लोग सांपों को मनोरंजन का साधन समझते हैं । सर्पमित्र को भी लोग इसी कड़ी से जोड़कर देखते हैं। लोग सर्पमित्र को भी " मॉडर्न सपेरे" ही समझते हैं जबकि वास्तव में ऐसा होता नहीं हैं। भीड़ को सांपों का खेल देखना पसंद होता हैं और जब एक सर्पमित्र भीड़ के कहने पर या प्रशंसा पाने के लिए सांप का प्रदर्शन करता हैं, तो कहीं ना कहीं वह इस धारणा को सही साबित करने का प्रयास करता हैं।
कई सर्पमित्र वन्यजीवों के प्रति दया व संरक्षण के दृष्टिकोण से कार्य कर रहे हैं, लेकिन सर्पमित्रों को सांपों को बचाने में बेहद सतर्क और संवदेनशील होना पड़ेगा क्योंकि एक सर्पमित्र के सर्पदंश होने या सर्पदंश से मृत्यु होने के गंभीर परिणाम उस क्षेत्र में देखने को मिलते हैं और लोगों में सांपों के प्रति घृणा व डर बढ़ जाता हैं। एक संवेदनशील सर्पमित्र का यह दायित्व हैं कि वह स्वयं भी सुरक्षित रहे और सांप को भी पूरी तकनीक का प्रयोग करते हुए बचाव करे।
राजू सोनी
पर्यावरण मित्र