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01/09/2025

जाती - जाती करके नेता त उजिया गेलन, जनता मुंहतक़वा News Lahar Bihar Politics Jan Suraaj BegusaraiBihar News Live - बिहार न्यूज़ लाइव

अजय कुमार

30/08/2025

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मटिहानी की चुनावी पटकथा 2025: कौन सा रंग चढ़ेगा लाल, हरा या पीलामटिहानी विधानसभा की जंग इस बार और भी रोचक होने जा रही है।...
18/08/2025

मटिहानी की चुनावी पटकथा 2025: कौन सा रंग चढ़ेगा लाल, हरा या पीला

मटिहानी विधानसभा की जंग इस बार और भी रोचक होने जा रही है। राजनीतिक पंडितों की नज़रें इस सीट पर गड़ी हैं क्योंकि यहाँ से दो पुराने प्रतिद्वंदी एक-दूसरे के सामने होंगे, लेकिन झंडा और रंग बदल चुके होंगे। समीकरण बदल गए हैं, खिलाड़ी वही हैं।

बोगो सिंह का ‘राजद’ वाला दांव

मटिहानी की राजनीति में बोगो सिंह का नाम नया नहीं है। चार बार विधायक रह चुके और क्षेत्र में गहरी पकड़ रखने वाले सिंह ने पिछली बार मात्र 330 वोटों से हार झेली थी। उनका राजद में शामिल होना महागठबंधन के लिए बड़ी राहत और उम्मीद दोनों है। चूँकि सीपीएम का आधार मत भी राजद से मेल खाता है, इस बार उनके लिए जीत की संभावना कहीं ज्यादा मजबूत दिख रही है।

जन सुराज की चुनौती

2020 में अस्तित्वहीन रहने के बाद अब जन सुराज मटिहानी में पूरी ताक़त से उतरने की तैयारी में है।
डॉ. रंजन चौधरी, सुधांशु और सुप्रीम कोर्ट के लॉयर कुशेसर भगत जैसे चेहरे पहले ही इलाके में अपनी पहचान बना चुके हैं।
सूत्रों का कहना है कि प्रशांत किशोर मटिहानी से किसी मजबूत पिछड़े उम्मीदवार को उतारना चाहते हैं। अगर ऐसा हुआ तो भूमिहार बनाम भूमिहार की लड़ाई के बीच पिछड़ा वर्ग का समीकरण एक बड़ा उलटफेर कर सकता है।

NDA और महागठबंधन की मुश्किल

NDA और महागठबंधन – दोनों ही खेमों में भूमिहार प्रत्याशी उतारे जाने की संभावना प्रबल है। इस स्थिति में परंपरागत जातीय ध्रुवीकरण का खेल एक नए मोड़ पर जा सकता है।
राजद को बोगो सिंह से उम्मीदें हैं लेकिन NDA भी अपने पुराने वोट बैंक और मोदी-नितीश फैक्टर पर दांव लगाएगा।

लोजपा का गणित और असमंजस

इधर लोजपा (रामविलास) की नेता इंदिरा देवी और चिराग पासवान भी अपने समीकरण साधने में जुटे हैं। सवाल यह है कि चिराग अपने दल बदलू विधायक राजकुमार सिंह को माफ करेंगे या नहीं। अगर मटिहानी सीट लोजपा के खाते में आई तो मुकाबला और दिलचस्प हो जाएगा, यदि यह सीट जदयू के खाते में ही गयी तो लोजपा के समर्थक मत बिखर सकते हैं।

मतदाताओं की भूमिका

इस बार भी लड़ाई त्रिकोणीय एन डी ए-महागठबंधन-जन सुराज के बीच दिख रही है –

राजद (बोगो सिंह का अनुभव और पकड़)
NDA (परंपरागत वोट बैंक और गठबंधन का असर)
जन सुराज (नया विकल्प और पिछड़ा उम्मीदवार का कार्ड)

मटिहानी के मतदाता हमेशा से निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं। इस बार भी उनका मूड और आख़िरी समय में होने वाला समीकरण ही तय करेगा कि कौन मटिहानी की गद्दी पर काबिज़ होगा।

18/08/2025
पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार उर्फ बोगो सिंह के राजद में शामिल होने और मटिहानी विधानसभा से चुनाव लड़ने की बात से इस विधानसभ...
18/08/2025

पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार उर्फ बोगो सिंह के राजद में शामिल होने और मटिहानी विधानसभा से चुनाव लड़ने की बात से इस विधानसभा का समीकरण उलट पलट होता दिखाई दे रहा है।आइए देखते हैं मटिहानी विधानसभा का समीकरण

1. इतिहास और जातीय समीकरण

मटिहानी विधानसभा लंबे समय तक वामपंथ (खासकर सीपीआई) का गढ़ रही है।

2020 में यह सीट सीपीएम के खाते में गई और राजेंद्र प्रसाद सिंह ने जीत दर्ज की।

यहाँ भूमिहार मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं, जबकि यादव, दलित और मुस्लिम वोट महागठबंधन के “core support base” हैं।

लेकिन राजद को यहाँ हमेशा भूमिहारों की दूरी झेलनी पड़ी, इसीलिए उनके उम्मीदवार बार-बार हारते रहे।

2. बोगो सिंह का असर

बोगो सिंह स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली और पुराने समाजवादी धारा से जुड़े नेता माने जाते हैं।

भूमिहार समाज में उनकी एक पहचान है, और यही राजद के लिए सबसे बड़ी “entry point” हो सकती है।

अगर बोगो सिंह राजद के टिकट पर मैदान में आते हैं तो पहली बार राजद के पास भूमिहार + पारंपरिक महागठबंधन वोट का कॉम्बिनेशन बन सकता है।

यही वह “मिथक तोड़ने” की संभावना है जिसके बारे में आप पूछ रहे हैं।

3. चुनौती और जोखिम

भूमिहार समाज पूरी तरह बोगो सिंह के पीछे एकजुट होगा या नहीं, यह सबसे बड़ा सवाल है।

भाजपा/जदयू अगर भूमिहार बहुल प्रत्याशी उतारते हैं तो वोट फिर बंट सकता है।

सीपीएम अगर अलग उम्मीदवार देती है तो महागठबंधन का समीकरण बिगड़ सकता है और लाभ एनडीए को मिल सकता है।

इस बीच जन सुराज के चुनावी मैदान में आने से पूरे राजनीतिक समीकरण के उथल पुथल होने की संभावना है।चर्चा है कि जन सुराज किसी पिछड़े को मटिहानी के चुनावी दंगल में उतार सकता है।इस विधानसभा से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और धबौली निवासी कुशेश्वर भगत जन सुराज की उम्मीदवारी के लिए प्रयासरत हैं।सूत्रों की मानें तो जन सुराज के प्रणेता प्रशांत किशोर भी मटिहानी से किसी काबिल पिछड़े उम्मीदवार को उतारना चाहते हैं।

कुशेश्वर भगत पिछड़े समुदाय से आते हैं और एक पढ़े लिखे सफल व्यक्ति हैं।उनके पिता शहर में पान दुकान चलाते हुए अपने बेटे को पढ़ाया,उच्च शिक्षा दिलवाई और आज वे सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हैं।उन्होंने 25 से ज्यादा देशों की यात्राएं की है।यदि गैर भूमिहार मतदाताओं में कुशेश्वर भगत ने अपनी पैठ बनाई तो यह राजद के लिए खतरा होगा।

🔑 बोगो सिंह में “राजद का मिथक तोड़ने” की क्षमता है, लेकिन यह तभी संभव है जब:

1. महागठबंधन एकजुट होकर उन्हें कैंडिडेट बनाए,

2. सीपीएम “सम्मानजनक समझौते” के साथ पीछे हटे,

3. और बोगो सिंह भूमिहारों का भरोसा बनाए रखते हुए यादव-मुस्लिम-दलित वोटों को जोड़ लें।

तभी मटिहानी में राजद पहली बार जीत की स्थिति में आ सकता है।

1. महागठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग का टकरावमटिहानी सीट अब राजद के लिए "प्राकृतिक दावा" बन जाएगी क्योंकि बोगो सिंह को वे ला...
18/08/2025

1. महागठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग का टकराव

मटिहानी सीट अब राजद के लिए "प्राकृतिक दावा" बन जाएगी क्योंकि बोगो सिंह को वे लाए हैं और उन्हें मज़बूत उम्मीदवार माना जा रहा है।

सीपीएम के राजेंद्र प्रसाद सिंह लंबे समय से मटिहानी से चुनाव लड़ते आए हैं, लेकिन महागठबंधन में उनकी bargaining power सीमित है।

2. सीपीएम का स्टैंड

सीपीएम अपने पुराने वोट आधार और राजेंद्र प्रसाद सिंह की व्यक्तिगत पकड़ का हवाला देकर सीट पर दावा बनाए रख सकती है।

लेकिन व्यवहारिक तौर पर देखा जाए तो अगर महागठबंधन एकजुट रहना चाहता है तो दबाव सीपीएम पर होगा कि वह अपना दावा छोड़कर समर्थन करे।

3. अगर सीपीएम नहीं मानी तो?

यदि सीपीएम ज़िद पर अड़ी तो त्रिकोणीय मुकाबला होगा — राजद (बोगो सिंह), सीपीएम (राजेंद्र प्रसाद सिंह), और एनडीए का उम्मीदवार।

इसका सीधा फ़ायदा एनडीए को जा सकता है, क्योंकि महागठबंधन का वोट बंट जाएगा।

4. संभावित समाधान

महागठबंधन शीर्ष स्तर पर "एडजस्टमेंट" करा सकता है — मसलन, सीपीएम को कहीं और मजबूत सीट या विधान परिषद की गारंटी दी जाए।

राजेंद्र प्रसाद सिंह को "सम्मानजनक रास्ता" दिखाकर मनाने की कोशिश होगी।

👉 कुल मिलाकर, ज़्यादा संभावना यही है कि सीपीएम दबाव में आकर सीट छोड़ देगी और राजद का उम्मीदवार (बोगो सिंह) महागठबंधन का चेहरा बनेगा।

14/08/2025

स्वतंत्रता दिवस/ तैयारी निरीक्षण/ प्रमंडल आयुक्त/ डॉ चंद्रशेखर सिंह/ Patna/ Gandhi Maidan/ #स्वतंत्रतादिवस #तैयारीनिरीक्षण #प्र...

13/08/2025

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18/07/2025

#जनसुराजचर्चा
Sanjay Gautam

गोपाल खेमका हत्याकांड: क्या मास्टरमाइंड तक पहुंच पाएगी पटना पुलिस?
08/07/2025

गोपाल खेमका हत्याकांड: क्या मास्टरमाइंड तक पहुंच पाएगी पटना पुलिस?

पटना, जुलाई 2025।

25/03/2025

Ajay Kumar Kumar

25/03/2025

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