अध्यात्मिक

अध्यात्मिक आत्मने मोक्छार्थ जगत हिताय च

!! जय श्रीराम !!
23/07/2025

!! जय श्रीराम !!

🕉 हर हर महादेव 🕉
21/07/2025

🕉 हर हर महादेव 🕉

सृष्टि में भगवान एक ही है- दो नहीं हो सकते, अनेक नहीं हो सकते! वह कण-कण में व्याप्त है | यदि दूसरा भगवान है तो उसके लिए ...
20/07/2025

सृष्टि में भगवान एक ही है- दो नहीं हो सकते, अनेक नहीं हो सकते! वह कण-कण में व्याप्त है | यदि दूसरा भगवान है तो उसके लिए दूसरा संसार चाहिए, व्याप्त होने के लिए |
वह प्रभु रहता कहाँ हैं?..
अस प्रभु हृदय अछत अविकारी !
सकल जीव जग दीन दुखारी !!
वह प्रभु सभी के हृदय में निवास करता है | लेकिन दिखाई नहीं देता है! अब उसे देखने की विधि बताते हैं-

नाम निरूपन नाम जतन ते!
सोउ प्रगटत जिमी मोल रतन ते !!

अर्थात्‌.. पहले नाम का निरूपण करें कि नाम है किस प्रकार?
उसे जपा कैसे जाता है?
श्वास में उठने वाली धुन कैसे पकड़ में आती है?
उसका प्रेरक कौन है?
जब समझ काम कर जाय तो उसके लिए यत्न करें |
खून-पसीना एक करके उस परमात्मा को प्राप्त कर ले, वह प्रकट हो जाएगा |
वह परमात्मा एक धाम है और उसमे प्रवेश का माध्यम है सद्गुरु ही!
राखइ गुर जौ कोप विधाता!
गुर बिरोध नहि कोउ जग त्राता!!

!! राम राम जी!!
19/07/2025

!! राम राम जी!!

!! शुभ प्रभात!!
17/07/2025

!! शुभ प्रभात!!

!! शुभ प्रभात !!
16/07/2025

!! शुभ प्रभात !!

शुभ प्रभात...
14/07/2025

शुभ प्रभात...

!! राधे राधे!!
13/07/2025

!! राधे राधे!!

!!जय श्री राधे !!
12/07/2025

!!जय श्री राधे !!

धरनि,धामु,धनु,पुर,परिवारू! सरगु, नर कु जहाँ लगि व्यावहारू !!देखिअ सुनिअ गुनिअ मन माही ! मोह मूल परमारथु नाहीं  !!अर्थात्...
12/07/2025

धरनि,धामु,धनु,पुर,परिवारू! सरगु, नर कु जहाँ लगि व्यावहारू !!
देखिअ सुनिअ गुनिअ मन माही ! मोह मूल परमारथु नाहीं !!

अर्थात्‌: धरणि, धाम,धन,पुर,परिवार,जन्म-मृत्य, सम्पत्ति-विपत्ति,स्वर्ग-नरक इनके विषय में कहना-सुनना-गुनना मोह का मूल है | लोग स्वर्ग की कामना करते हैं तो वह भी मोह का मूल है, परमार्थ का वहाँ प्रश्न ही नहीं खड़ा होता |
तो परमार्थ क्या है?
परमार्थ है केवल एक,परम पुरुष परमात्मा का चिंतन-

सखा परम परमारथु एहू | मन क्रम बचन राम पद नेहू !!

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