Har har Mahadev

Har har Mahadev शिव ही सत्य है🙏ॐ नमः शिवाय

Har har Mahadev jay shiv shambhu
09/01/2025

Har har Mahadev jay shiv shambhu

Om namahshivay 🕉️ ............
05/01/2025

Om namahshivay 🕉️ ............


🕉️Har har Mahadev🕉️ jayshiv shambhu 🕉️
02/01/2025

🕉️Har har Mahadev🕉️ jayshiv shambhu 🕉️

🚩🕉️𝒐𝒎 𝒏𝒂𝒎𝒉𝒔𝒉𝒊𝒗𝒂𝒚 🕉🔱 #𝒇𝒆𝒄𝒆𝒃𝒐𝒐𝒌𝒗𝒊𝒓𝒂𝒍𝒗𝒊𝒅𝒆𝒐  #𝒇𝒆𝒄𝒆𝒃𝒐𝒐𝒌𝒓𝒆𝒆𝒍𝒔  #𝒇𝒆𝒄𝒆𝒃𝒐𝒐𝒌𝒑𝒉𝒐𝒕𝒐
31/12/2024

🚩🕉️𝒐𝒎 𝒏𝒂𝒎𝒉𝒔𝒉𝒊𝒗𝒂𝒚 🕉🔱 #𝒇𝒆𝒄𝒆𝒃𝒐𝒐𝒌𝒗𝒊𝒓𝒂𝒍𝒗𝒊𝒅𝒆𝒐 #𝒇𝒆𝒄𝒆𝒃𝒐𝒐𝒌𝒓𝒆𝒆𝒍𝒔 #𝒇𝒆𝒄𝒆𝒃𝒐𝒐𝒌𝒑𝒉𝒐𝒕𝒐

28/12/2024

महादेव ने किए बाल नारायण के दर्शन Yashomati Maiya Ke Nandlala श्री कृष्ण लीला

28/12/2024

काल भैरव रूप की कहानी

🙏भगवान शंकर के पूर्ण रूप काल भैरव🙏
एक बार सुमेरु पर्वत पर बैठे हुए ब्रम्हाजी के पास जाकर देवताओं ने उनसे अविनाशी तत्व बताने का अनुरोध किया | शिवजी की माया से मोहित ब्रह्माजी उस तत्व को न जानते हुए भी इस प्रकार कहने लगे - मैं ही इस संसार को उत्पन्न करने वाला स्वयंभू, अजन्मा, एक मात्र ईश्वर , अनादी भक्ति, ब्रह्म घोर निरंजन आत्मा हूँ|

मैं ही प्रवृति उर निवृति का मूलाधार , सर्वलीन पूर्ण ब्रह्म हूँ | ब्रह्मा जी ऐसा की पर मुनि मंडली में विद्यमान विष्णु जी ने उन्हें समझाते हुए कहा की मेरी आज्ञा से तो तुम सृष्टी के रचियता बने हो, मेरा अनादर करके तुम अपने प्रभुत्व की बात कैसे कर रहे हो ?

इस प्रकार ब्रह्मा और विष्णु अपना-अपना प्रभुत्व स्थापित करने लगे और अपने पक्ष के समर्थन में शास्त्र वाक्य उद्घृत करने लगे| अंततः वेदों से पूछने का निर्णय हुआ तो स्वरुप धारण करके आये चारों वेदों ने क्रमशः अपना मत६ इस प्रकार प्रकट किया -

ऋग्वेद- जिसके भीतर समस्त भूत निहित हैं तथा जिससे सब कुछ प्रवत्त होता है और जिसे परमात्व कहा जाता है, वह एक रूद्र रूप ही है |

यजुर्वेद- जिसके द्वारा हम वेद भी प्रमाणित होते हैं तथा जो ईश्वर के संपूर्ण यज्ञों तथा योगों से भजन किया जाता है, सबका दृष्टा वह एक शिव ही हैं|

सामवेद- जो समस्त संसारी जनों को भरमाता है, जिसे योगी जन ढूँढ़ते हैं और जिसकी भांति से सारा संसार प्रकाशित होता है, वे एक त्र्यम्बक शिवजी ही हैं |

अथर्ववेद- जिसकी भक्ति से साक्षात्कार होता है और जो सब या सुख - दुःख अतीत अनादी ब्रम्ह हैं, वे केवल एक शंकर जी ही हैं|

विष्णु ने वेदों के इस कथन को प्रताप बताते हुए नित्य शिवा से रमण करने वाले, दिगंबर पीतवर्ण धूलि धूसरित प्रेम नाथ, कुवेटा धारी, सर्वा वेष्टित, वृपन वाही, निःसंग,शिवजी को पर ब्रम्ह मानने से इनकार कर दिया| ब्रम्हा-विष्णु विवाद को सुनकर ओंकार ने शिवजी की ज्योति, नित्य और सनातन परब्रम्ह बताया परन्तु फिर भी शिव माया से मोहित ब्रम्हा विष्णु की बुद्धि नहीं बदली |

उस समय उन दोनों के मध्य आदि अंत रहित एक ऐसी विशाल ज्योति प्रकट हुई की उससे ब्रम्हा का पंचम सिर जलने लगा| इतने में त्रिशूलधारी नील-लोहित शिव वहां प्रकट हुए तो अज्ञानतावश ब्रम्हा उन्हें अपना पुत्र समझकर अपनी शरण में आने को कहने लगे|

ब्रम्हा की संपूर्ण बातें सुनकर शिवजी अत्यंत क्रुद्ध हुए और उन्होंने तत्काल भैरव को प्रकट कर उससे ब्रम्हा पर शासन करने का आदेश दिया| आज्ञा का पालन करते हुए भैरव ने अपनी बायीं ऊँगली के नखाग्र से ब्रम्हाजी का पंचम सिर काट डाला| भयभीत ब्रम्हा शत रुद्री का पाठ करते हुए शिवजी के शरण हुए|ब्रम्हा और विष्णु दोनों को सत्य की प्रतीति हो गयी और वे दोनों शिवजी की महिमा का गान करने लगे| यह देखकर शिवजी शांत हुए और उन दोनों को अभयदान दिया|

इसके उपरान्त शिवजी ने उसके भीषण होने के कारण भैरव और काल को भी भयभीत करने वाला होने के कारण काल भैरव तथा भक्तों के पापों को तत्काल नष्ट करने वाला होने के कारण पाप भक्षक नाम देकर उसे काशीपुरी का अधिपति बना दिया | फिर कहा की भैरव तुम इन ब्रम्हा विष्णु को मानते हुए ब्रम्हा के कपाल को धारण करके इसी के आश्रय से भिक्षा वृति करते हुए वाराणसी में चले जाओ | वहां उस नगरी के प्रभाव से तुम ब्रम्ह हत्या के पाप से मुक्त हो जाओगे |

शिवजी की आज्ञा से भैरव जी हाथ में कपाल लेकर ज्योंही काशी की ओर चले, ब्रम्ह हत्या उनके पीछे पीछे हो चली| विष्णु जी ने उनकी स्तुति करते हुए उनसे अपने को उनकी माया से मोहित न होने का वरदान माँगा | विष्णु जी ने ब्रम्ह हत्या के भैरव जी के पीछा करने की माया पूछना चाही तो ब्रम्ह हत्या ने बताया की वह तो अपने आप को पवित्र और मुक्त होने के लिए भैरव का अनुसरण कर रही है |

भैरव जी ज्यों ही काशी पहुंचे त्यों ही उनके हाथ से चिमटा और कपाल छूटकर पृथ्वी पर गिर गया और तब से उस स्थान का नाम कपालमोचन तीर्थ पड़ गया | इस तीर्थ मैं जाकर सविधि पिंडदान और देव-पितृ-तर्पण करने से मनुष्य ब्रम्ह हत्या के पाप से निवृत हो जाता है.

🕉️Har har Mahadev 🕉️🎉💯
28/12/2024

🕉️Har har Mahadev 🕉️🎉💯

भगवद गीता के वचन
27/12/2024

भगवद गीता के वचन

Jay shree Ram ji 🙏🙏🙏🙏🙏🎉💯
22/12/2024

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शिवजी का सुंदर अद्भुत मंदिर
21/12/2024

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