19/05/2025
भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ दो विधान है। गरीब के लिए अलग विधान तो रसूखदार के लिए अलग विधान....
प्रतापगढ़ में पुलिस ने अपनाया दोहरा चरित्र। दरोगा पर साधारण हमले को जानलेवा हमला का मुकदमा लिखा और जानलेवा हमला होने के बावजूद गरीब आदमी की तहरीर पर मामूली धाराओं में मुकदमा लिखा...
पुलिस अपने मामले में जानलेवा जैसी वारदात न होते हुए भी मुकदमा जानलेवा हमले का लिखा और गरीब आदमी मरणासन्न की स्थिति में अस्पताल में तड़प रहा है और उसके मामले में सिर्फ गंभीर चोट की एक धारा- BNS एक्ट के तहत 117 (2) के तहत मुकदमा लिखा और अपराधियों के प्रभाव में उन्हें उठाकर सिर्फ शांति भंग का चालान करके अपने दायित्वों से इतिश्री कर ली।
दरोगा को कचेहरी में बयान देने और मनमर्जी करने से नाराज अधिवक्ताओं से मारपीट हो गई तो पुलिस ने उसमें जानलेवा हमला तक की धारा लगाई और कुछ अधिवक्ता की गिरफ्तारी भी आनन-फानन में करके जेल भेज दिया गया। जब बात खाकी की हो तो पुलिस अपनी इज्जत बचाने के लिए किसी भी स्तर पर उतर आती है।
कोतवाली नगर के अचलपुर क्षेत्र में आशीष गुप्ता को अभिषेक सिंह उर्फ लकी और गौरव सिंह ने रॉड और डंडे से पीट पीटकर अधमरा कर दिया। उक्त मामले में जानलेवा हमले की धारा नहीं लगाई गई। जबकि आशीष गुप्ता के सोल्डर बुरी तरह से फ्रैक्चर हो गया है। फिर भी प्रतापगढ की काबिलेतारीफ पुलिस अपराधियों को बचाने में लगी रही।
अभी भी आशीष गुप्ता मेडिकल कॉलेज में दर्द से कराह रहा है। आज ब्लड प्रेशर बढ़ जाने की वजह से ऑपरेशन नहीं हो सका। जिस पटरी से आशीष गुप्ता को लकी सिंह और गौरव सिंह ने मारा उसमें लोहे की कील धंसी थी। जिसकी वजह से हाथ की हथेली भी फट गई है। दरोगा को मामूली चोट पर खाकी तिलमिला उठी और गरीब आदमी दर्द से कराह रहा है, उसे कोई पूँछने वाला नहीं है।
वहीं जेल पुलिस चौकी के फिसड्डी चौकी प्रभारी लक्ष्मीकांत शर्मा अपराधियों के संरक्षक बने हुए हैं। वही उक्त मुकदमें में विवेचक हैं। आज उन्होंने बड़ी कृपा दिखाते हुए लकी सिंह और गौरव सिंह को गिरफ्तार किया, परन्तु उक्त मुकदमें में चालान न करके शांति भंग में चालान कर बाइज्जत उन्हें कुछ ही घंटों में छोड़ दिया। यक्ष प्रश्न यह है कि देश में दो विधान की ब्यवस्था पुलिस के अफसर कैसे कर सकते हैं ?
कोतवाली नगर में अपराध संख्या- 0215/2025 जो बड़े दबाव के बाद रात में 11 बजकर 26 मिनट पर दर्ज किया गया। लकी सिंह और गौरव सिंह दो लोग अभियुक्त बनाये गए। BNS की धारा- 115 (2), 351 (2), 352 एवं 117 (2) के तहत मुकदमा दर्ज किया। धारा- 117 (2) में 7 साल की सजा होने के बावजूद चौकी प्रभारी लकी सिंह और गौरव सिंह की आवभगत करते नजर आए।
वहीं जिला कचेहरी में एक दरोगा को अधिवक्ताओं ने लात घूसे से मारा था तो उसमें प्रतापगढ़ पुलिस अपनी अस्मिता बचाने के लिए अधिवक्ताओं पर जानलेवा हमला सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखा और तत्काल प्रभाव से कुछ अधिवक्ताओं की गिरफ्तारी भी करके उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुँचा दिया। दोनों मामले कोतवाली नगर के हैं। दोनों का अंतर स्वयं चीख चीख कर बयां कर रहा है।
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