22/05/2025
रील्स पर नाचने वाली को सब फेमस करते हैं, लेकिन WWE में मैडल लाने वाली मुझ जैसी शेरनी बेटी को कोई फेमस नहीं करता। 🙏❤️ यह बात हरियाणा की बेटी कविता दलाल की कहानी पर पूरी तरह फिट बैठती है। 20 सितंबर 1986 को हरियाणा के जिंद जिले के मालवी गांव में जन्मी कविता दलाल ने अपने साहस और मेहनत के बल पर ऐसा मुकाम हासिल किया है, जो लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुका है।
कविता का बचपन साधारण था, लेकिन खेलों के प्रति उनका जुनून हमेशा से खास रहा। शुरुआती दिनों में उन्होंने कबड्डी में भाग लिया और जिला स्तर पर कई बार विजेता रहीं। शादी के बाद भी उन्होंने अपने सपनों का पीछा करना नहीं छोड़ा। उन्होंने कुश्ती को गंभीरता से लिया और अपने कौशल को निखारने के लिए दिन-रात मेहनत की।
द ग्रेट खली की "कॉन्टिनेंटल रेसलिंग अकादमी" से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, कविता ने WWE (वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट) जैसे बड़े मंच पर अपनी जगह बनाई। वह WWE के "मे यंग क्लासिक टूर्नामेंट" में डेब्यू करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। उनकी सबसे खास बात यह थी कि उन्होंने WWE रिंग में भारतीय पारंपरिक सलवार-कमीज पहनकर लड़ाई लड़ी। यह अंदाज न केवल उन्हें दूसरों से अलग बनाता है, बल्कि भारतीय संस्कृति को भी दुनिया के सामने प्रस्तुत करता है।
कविता दलाल की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। उन्होंने यह साबित किया कि शादी और पारिवारिक जिम्मेदारियां आपके सपनों की राह में रुकावट नहीं बन सकतीं। उनकी सफलता हर उस महिला के लिए एक मिसाल है, जो अपने जीवन में कुछ बड़ा हासिल करना चाहती है।
कविता की उपलब्धियां यह संदेश देती हैं कि मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। उनकी कहानी हर उस महिला को प्रेरित करती है, जो अपने जुनून और सपनों को साकार करना चाहती है। कविता दलाल का सफर हर भारतीय महिला के लिए एक प्रेरणा और गर्व का विषय है।