16/10/2025
जैसलमेर की सुनहरी रेत आज मौन हे । एक दर्द हवामे तेर रहा हे ।
कुछ चेहरे अब कभी लौटकर नहीं आएंगे। बस का वो सफर जो घर तक पहुंचना था। वो किसी और मंजिल पर थम गया । ईश्वर उन सभी आत्मा ओं को शांति दे । और उनके परिवार को इस असहनीय पीड़ा को सहने की शक्ति प्रदान करे 🙏😥🥹