INDIALive24x7NEWS

INDIALive24x7NEWS Indialive24X7 News

इस काले दौर में जब श्रीराम का नाम सिर्फ राजनीतिक इस्तेमाल के लिए हो , धर्म सिर्फ वोटबैंक हो , स्त्री सम्मान दिखावा हो , संस्थान राजा की गुलामी में निर्लिप्त हों , उस समय हमारा यह पेज एक लोकतंत्रिक प्रयास है लोगों को एक जुट करने का और हुक्मरानों के कानों में कंपन पैदा करने का , हमारे पेज से जुड़ें और दोस्तों में शेयर करें

जो समाज मैथिली ठाकुर को टिकट देने के लिए तत्पर रहता है,वही समाज नेहा सिंह राठौर जैसी कलाकार के त्याग, तप और बलिदान को भू...
15/10/2025

जो समाज मैथिली ठाकुर को टिकट देने के लिए तत्पर रहता है,
वही समाज नेहा सिंह राठौर जैसी कलाकार के त्याग, तप और बलिदान को भूल जाता है।
उनके कर्कश स्वर में गाए गए गीतों को भूल जाता है।

आख़िर कब तक हम “काबा-काबा” सुनते रहेंगे?
कभी उनका भी मन करता होगा कि कोई उन्हें भी टिकट दे,
ताकि वे सच में समाज सेवा कर सकें।

पूरे पाँच साल कांग्रेस और राजद उनसे गाने गवाती हैं,
लेकिन चुनाव आते ही वो इन्हें भूल जाते हैं।

"गाँव का डॉक्टर" – डॉ. रमन किशोर की कहानी(Wordsmith Hero Series)कॉलेज में फर्स्ट ईयर का इंट्रो सेशन चल रहा था। बाल मुंडा...
14/10/2025

"गाँव का डॉक्टर" – डॉ. रमन किशोर की कहानी
(Wordsmith Hero Series)

कॉलेज में फर्स्ट ईयर का इंट्रो सेशन चल रहा था। बाल मुंडाए, सर झुकाए मैं भी बाकी लड़कों के साथ लाइन में खड़ा था। सामने खड़े थे कॉलेज के सबसे दुर्दांत सीनियर— अमरेंद्र प्रताप सिंह और उनके चार साथी।

“क्या मोटू, क्यों बनना चाहते हो डॉक्टर?” बड़े डॉक्साब की भारी आवाज़ गूंजी।

“जी बॉस! गांव में अच्छा अस्पताल नहीं है, तो मैं वहां जाकर लोगों की सेवा और गरीबों का मुफ्त इलाज करना चाहता हूं।”

सब ठहाके लगाकर हंस पड़े। डॉ. अमरेंद्र बोले —
“वहीं घिसा-पिटा जवाब। तुम अपनी सेवा करने के लिए डॉक्टर बन रहे हो। समाज तुम्हारी कितनी सेवा करेगा बे! पहले पांच साल MBBS करो, फिर बात करते हैं।”

वो दिन बीत गया, पर उनकी बात मन में बैठ गई।
सालों बाद, जब अस्पतालों में हिंसा, मारपीट और डॉक्टरों के खिलाफ माहौल बढ़ने लगा — तब वो वाक्य सच लगने लगा। लगा कि “अगर मैं सबकी सेवा करूं, तो मेरी सेवा कौन करेगा?”

फिर एक दिन, पटना के एक कार्यक्रम में मेरी मुलाकात हुई डॉ. रमन किशोर से —
जो हमारे आज के Wordsmith Hero हैं।

शालीन स्वभाव, हमेशा मुस्कुराता चेहरा और ज़मीन से जुड़े व्यक्ति।
उनसे मिलते ही एहसास हुआ कि अगर सच्ची नीयत हो, तो डॉक्टर होना आज भी एक कर्तव्य है, पेशा नहीं।

साल 2012 में डॉ. रमन किशोर ने MBBS में दाखिला लिया।
पहले ही वर्ष में उन्हें पता चला कि उनकी मां एक टर्मिनल बीमारी से जूझ रही हैं — और अगर समय पर इलाज मिला होता, तो शायद वे बच जातीं।
यही था उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट।

उन्होंने संकल्प लिया कि इलाज हर उस घर तक पहुंचेगा,
जहां लोग डॉक्टर की फीस तो दूर, क्लीनिक तक जाने का किराया नहीं दे सकते।

और तब से लेकर आज तक,
डॉ. रमन किशोर ने 38,000 से अधिक मरीजों का निःशुल्क इलाज किया है।
लोग उन्हें प्यार से “गांव का डॉक्टर” कहते हैं।

कोई डोनेशन दे, तो साफ मना कर देते हैं।
अपनी सैलरी का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा गरीबों और असहायों के इलाज में खर्च करते हैं।
AIIMS पटना से MD की डिग्री लेने के बाद भी उन्होंने अपना सफर जारी रखा —
ग्रामीण इलाकों में 266 से अधिक निःशुल्क हेल्थ कैंप, हजारों लोगों तक दवाइयाँ और उम्मीद पहुंचाई।

हम Wordsmith की ओर से नमन करते हैं डॉ रमन किशोर को — जो वाकई अपने गांव, अपने लोगों और अपने पेशे से सच्चा वादा निभा रहे हैं।

क्लास 12 का पहला दिन था। मैथ्स की क्लास चल रही थी। सुना था कि आज से एक नए टीचर पढ़ाने आने वाले हैं। सहसा एक शिक्षक कमरे ...
13/10/2025

क्लास 12 का पहला दिन था। मैथ्स की क्लास चल रही थी। सुना था कि आज से एक नए टीचर पढ़ाने आने वाले हैं। सहसा एक शिक्षक कमरे में दाखिल हुए, उम्र लगभग पचपन-साठ साल के बीच, कद थोड़ा नाटा।
हम सब उनके सम्मान में खड़े हो गए।

आज पहला चैप्टर शुरू होने वाला था, नाम था Relation and Function.
सर ने आते ही पहला सवाल पूछा,
“रिलेशन क्या होता है?”

पीछे की बेंच से एक धीमी आवाज आई,
“सर, रिलेशन दो सेट्स के कार्टीशियन प्रोडक्ट का सबसेट होता है।”

“कौन बोला?” सर ने पूछा।
सबकी नज़रें मेरी तरफ़ मुड़ गईं।

“क्या नाम है पोता तुम्हारा?”
“सर, तन्मय कुंज।”

“एक्सीलेंट! बिल्कुल सही जवाब। तुम्हारे लिए एक गिफ़्ट है।”
यह कहते हुए सर ने अपने बैग से एक किताब निकाली।
उस पर लिखा था:

Vector Algebra by Dr. P. K. Rai and Dr. K. C. Sinha

मैं खुशी से फूला नहीं समा रहा था।
यह कोई आम मैथ्स टीचर नहीं थे,
ये थे रांची के मशहूर गणितज्ञ डॉ. पी. के. राय,
जो कभी के. सी. सिन्हा के सबसे अच्छे मित्र हुआ करते थे।
दोनों ने मिलकर गणित की कई किताबें लिखीं, जो भारती भवन से प्रकाशित हुईं।

पूरे साल उन्होंने हमें मैथ्स पढ़ाया।
वो हर छात्र को प्यार से ‘पोता’ या ‘पोती’ कहा करते थे।
आज भी उनकी दी हुई वह किताब मेरी अलमारी में
एक ट्रॉफी की तरह सजी हुई है।

सालों बाद जब सुना कि कुम्हरार से के. सी. सिन्हा सर को टिकट मिला,
तो अनायास पी. के. राय सर की याद आ गई।
लगा, किसी पार्टी ने पहली बार हिम्मत की है
कि नेताओं और चाटुकारों के अलावा
किसी मैथमेटिशियन को भी मौका दिया जाए।

पर मुझे बिहार की जनता पर पूरा भरोसा है,
वो के. सी. सिन्हा को नहीं,
बल्कि उनसे और अधिक योग्य उम्मीदवार को चुनेगी।

और जब भी मैं अपनी अलमारी में रखी
वो गणित की किताबें देखता हूँ,
तो मन में एक बात उठती है,
यह राज्य के. सी. सिन्हा, पी के राय, वशिष्ठ नारायण सिंह जैसे लोगों को डिज़र्व नहीं करता।

: डॉ तन्मय कुंज

09/10/2025

प्रसिद्ध भोजपुरी सिंगर और अभिनेता रितेश पांडेय रोहतास
जिले की करगहर सीट से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार

05/10/2025

पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह रोती रही।

05/10/2025

01/10/2025

🏹लल्लनटॉप के पॉलिटिकल एडिटर पंकज झा से खास बातचीत....
जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर ने आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अपनी पार्टी की विस्तृत रणनीति साझा की।

इस दौरान उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर तीखे कटाक्ष किए। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता वर्षों से भ्रष्टाचार, कुशासन और राजनीतिक अवसरवादिता का शिकार रही है। नीतीश कुमार ने सत्ता के लिए कई बार पाला बदला, जबकि तेजस्वी यादव पिछली सरकारों की विफलताओं से अब भी मुक्त नहीं हो पाए हैं।

प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर भी सीधा निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा अपने स्वार्थ के लिए बिहार में भ्रष्ट नेताओं को संरक्षण दे रही है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के जिन चेहरों को जनता पहचान चुकी है, उन्हें सत्ता और पद का कवच देकर भाजपा और जद(यू) दोनों मिलकर जनता को ठग रहे हैं।

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि आने वाले दिनों में जन सुराज की ओर से जद(यू) और भाजपा के कई और बड़े नेताओं के भ्रष्टाचार की परतें खोली जाएंगी। प्रशांत किशोर ने कहा कि यह लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि व्यवस्था और सिस्टम में बैठे उस भ्रष्टाचार से है जिसने बिहार को पिछड़ेपन की दलदल में धकेल दिया है।

जन सुराज की रणनीति साफ है — जनता की अदालत में हर भ्रष्ट नेता को बेनकाब करना और बिहार की राजनीति को नई दिशा देना।

30/09/2025

✦द इंडियन एक्सप्रेस के साथ प्रशांत किशोर का विशेष साक्षात्कार✦

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने द इंडियन एक्सप्रेस से खास बातचीत में बिहार की राजनीति, सामाजिक न्याय और मौजूदा सियासी हालात पर खुलकर हमला बोला। उन्होंने साफ कहा कि –

> “समाजवाद और सामाजिक न्याय, दोनों बिल्कुल अलग-अलग बातें हैं।”

प्रशांत किशोर ने लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधा -

“लालू जी ने सामाजिक न्याय की आवाज़ तो उठाई, लेकिन लोगों को शिक्षा और रोजगार नहीं दिया। नतीजा यह हुआ कि आज भी बिहार देश के सबसे पिछड़े राज्यों में खड़ा है। सिर्फ़ नारा देने से सामाजिक न्याय नहीं आता, उसके लिए ठोस काम करना ज़रूरी है।”

उन्होंने नीतीश कुमार की राजनीति पर भी तीखा वार किया। कहा –
“नीतीश कुमार समाजवाद की बातें करते हैं, जातीय जनगणना भी करवाई, लेकिन बीस साल बाद भी पिछड़ा और पिछड़ा होता चला गया। नीतीश जी ने बिहार को जातीय उलझनों का जंजाल बना दिया है। लोग विकास से ज़्यादा जात-पात की बहस में फँस गए हैं।”

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को “बिहार का Divider in Chief” करार दिया।
उन्होंने कहा –
“नीतीश कुमार ने बिहार को जातीय आधार पर बांट दिया है। हर मुद्दे को जातियों में उलझाकर जनता को भटकाया गया। यही वजह है कि बिहार आज भी पिछड़ा रह गया है।”

जन सुराज की सोच पर बोलते हुए PK ने कहा –
“जन सुराज वर्गों की बात करता है, जात-पात की राजनीति में भरोसा नहीं करता। हमारा लक्ष्य है – शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बेहतर शासन। यही असली सामाजिक न्याय है, न कि सिर्फ़ जातीय नारों से जनता को बहकाना।”

🔹 राजनीतिक संदेश :
प्रशांत किशोर का यह साक्षात्कार साफ करता है कि बिहार की राजनीति का असली संघर्ष जातीय समीकरण बनाम विकास की राजनीति के बीच है। जहां लालू-नीतीश की राजनीति जातीय न्याय तक सिमटी रही, वहीं जन सुराज खुद को समग्र विकास और असली सामाजिक न्याय की राजनीति का विकल्प बताने की कोशिश कर रहा है।

29/09/2025

Prashant Kishor Exclusive With Barkha Dutt..

भारत की चुनावी राजनीति का अंदाज़ बदलने वाले प्रशांत किशोर (PK) अब सिर्फ पर्दे के पीछे की रणनीति तक सीमित नहीं हैं। मोदी की 2014 की लहर से लेकर नीतीश कुमार की वापसी, आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी की आंधी, बंगाल में ममता बनर्जी की जंग और तमिलनाडु में स्टालिन की जीत—पिछले एक दशक की सबसे बड़ी जीतों के पीछे उनका दिमाग रहा है। लेकिन अब PK ने खुद को सक्रिय राजनीति में उतार दिया है। बिहार में उनकी जन सुराज पदयात्रा ने उन्हें सीधे जनता के बीच और राजनीतिक बहस के केंद्र में ला दिया है।

बर्खा दत्त के साथ Inside Out बातचीत में, PK ने बेबाकी से अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि “ब्रांड मोदी कमजोर हुआ है, लेकिन खत्म नहीं”। उनके मुताबिक 2014 और 2019 की तरह अब मोदी का प्रभाव वैसा नहीं रहा, क्योंकि जनता अब ज़्यादा उम्मीदों और सवालों के साथ खड़ी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने निजी रिश्तों पर PK ने स्पष्ट कहा कि राजनीति और निजी जीवन को वे अलग रखते हैं। “हमारे बीच पेशेवर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन निजी कटुता नहीं है।”

नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए PK ने कहा कि “नीतीश जी अब कन्फ्यूज़्ड हैं। उनके फैसलों में निरंतरता नहीं है और यही कारण है कि बिहार ठहराव की राजनीति में फँस गया है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जनता अब बदलाव चाहती है और नीतीश कुमार उस बदलाव का चेहरा नहीं रहे।

बिहार की राजनीति पर चर्चा करते हुए PK ने दावा किया कि जात-पात की राजनीति से लोग ऊब चुके हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार जैसे असली मुद्दों पर काम करने वाला विकल्प ही जनता चाहती है, और यही विकल्प जन सुराज लेकर आया है।

देश की राजनीति के भविष्य को लेकर PK ने कहा कि 2029 तक भारत नई राजनीतिक पीढ़ी के नेताओं को देखेगा। “यह दौर सिर्फ भाजपा और कांग्रेस तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि नई पार्टियों और नए चेहरों के लिए जगह बनेगी।”

इस बातचीत में PK ने खुद को सिर्फ एक चुनावी रणनीतिकार के तौर पर नहीं, बल्कि एक भविष्य के राजनीतिक नेता के रूप में प्रस्तुत किया। उनके बयान साफ़ संकेत देते हैं कि आने वाले समय में बिहार ही नहीं, राष्ट्रीय राजनीति में भी उनका रोल निर्णायक हो सकता है।
ुराज_बदलाव_की_ओर

28/09/2025

🔥बिहार की राजनीति में मचा हड़कंप🔥

प्रशांत किशोर के आरोपों के बाद बिहार की राजनीति में हड़कंप मच गया है। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक, हर पार्टी की बैठकों में अब सिर्फ़ PK की चर्चा हो रही है। नेताओं के बीच चिंता का माहौल है क्योंकि PK ने जिस तरह के खुलासे किए हैं, उसने पूरी राजनीतिक बिसात को हिला दिया है।

यह साफ़ दिख रहा है कि PK ने सिर्फ़ आरोप नहीं लगाए, बल्कि ठोस सबूतों और तथ्यों के साथ भ्रष्टाचार और ग़लत कामों को जनता के सामने रखा है। इसी वजह से NDA खेमे में गहरी बेचैनी है और उनके नेता लगातार अपने समर्थकों को समझाने और हालात संभालने में जुटे हुए हैं।

एक बात अब बिल्कुल साफ़ हो गई है कि PK की रणनीति ने पूरे खेल को बदल दिया है। बिहार की जनता, जो अब तक राजनीति से निराश थी, अब उन्हें उम्मीद की नज़रों से देखने लगी है।

राजनीतिक गलियारों में कहीं खामोशी है तो कहीं घबराहट। कहीं देर रात तक बैठकें चल रही हैं तो कहीं नेता मीडिया से बचते हुए नज़र आ रहे हैं। कुल मिलाकर PK ने ऐसा दांव खेला है जिसने सत्ता और विपक्ष, दोनों की नींद उड़ा दी है।

👉 आने वाले समय में बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर न सिर्फ़ चर्चाओं के केंद्र रहेंगे बल्कि उनका हर बयान चुनावी समीकरणों को नई दिशा देगा।
ुराज_बदलाव_की_ओर

27/09/2025

Prashant Kishor vs Samrat Choudhary🔥🔥🏹

बिहार की राजनीति में इन दिनों प्रशांत किशोर (पीके) और बीजेपी के बीच खुला राजनीतिक युद्ध छिड़ा हुआ है। पीके ने बीजेपी नेताओं पर तीखे और सीधे आरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी के कई बड़े नेता फर्जी डिग्री से लेकर हत्या जैसे गंभीर मामलों में संलिप्त हैं। इन आरोपों से बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है।

लेकिन बीजेपी भी खामोश बैठने वाली नहीं है। पार्टी की बिहार इकाई ने पलटवार करते हुए प्रशांत किशोर पर बड़े वित्तीय घोटाले का आरोप लगाया है। बीजेपी का कहना है कि पीके ने शेल कंपनियों के जरिए सैकड़ों करोड़ रुपये जुटाए हैं। आरोपों में यह भी कहा गया कि उन राज्यों से, जहाँ पीके ने चुनावी अभियान चलाए थे, करीब 370 करोड़ रुपये का ट्रांसफर किया गया। बीजेपी ने जन सुराज को "फर्जी राजनीतिक स्टार्टअप" बताते हुए यह बड़ा सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर प्रशांत किशोर की इस मुहिम को फंड कौन कर रहा है।

दूसरी ओर, प्रशांत किशोर ने भी बीजेपी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए पार्टी नेताओं की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने बीजेपी नेताओं को खुली चुनौती दी कि अगर उनमें दम है तो वे अपने आरोप साबित करें। पीके का कहना है कि जनता बीजेपी के इन दावों को महज सियासी हथकंडे के तौर पर देख रही है।

दरअसल, इस पूरे टकराव ने बिहार की सियासत में एक नए घमासान की शुरुआत कर दी है। एक तरफ फंडिंग और वित्तीय गड़बड़ी के आरोप, तो दूसरी ओर नेताओं की छवि और विश्वसनीयता पर हमला—यह लड़ाई अब सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप तक सीमित नहीं है बल्कि यह बिहार की राजनीति का स्वरूप तय करने वाली जंग बनती जा रही है।

➡️ बीजेपी ने जहाँ पीके को "फर्जी राजनीतिक स्टार्टअप" कहकर घेरा है, वहीं पीके ने बीजेपी नेताओं की साख और ईमानदारी पर सीधा हमला बोला है।
➡️ बिहार की जनता इस संघर्ष को बड़ी उत्सुकता से देख रही है, क्योंकि दोनों तरफ से लगातार बड़े-बड़े खुलासे और आरोप सामने आ रहे हैं।
➡️ यह सियासी टकराव आने वाले चुनावी समीकरणों को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखता है।

25/09/2025

बिहार की जनता को 400 की भीख मंजूर नहीं

Address

Bhagalpur
812005

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when INDIALive24x7NEWS posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to INDIALive24x7NEWS:

Share