28/10/2025
सफ़र वहीं तक है जहाँ तक तुम हो,
नज़र वहीं तक है जहाँ तक तुम हो।
हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में, मगर...
खुशबू वहीं तक है जहाँ तक तुम हो!
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो,
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए