12/10/2025
शिल्पकार सालों भर मेहनत करते हैं, ताकि दिवाली के मौके पर दो-तीन दिन दुकान लगाकर थोड़ा बहुत कमा सकें।
लेकिन अफसोस की बात है कि उन्हें बाजार में जगह तक नहीं मिलती दुकान लगाने के लिए। ऊपर से मिट्टी भी इन्हें खरीदनी पड़ती है।
बाजार के सभी दुकानदारों और स्थानीय लोगों से बस एक विनम्र अपील है —
इन गरीब शिल्पकारों को दिवाली के इन कुछ दिनों के लिए दुकान लगाने की अनुमति दी जाए और इन्हें परेशान न किया जाए।
इनकी मेहनत ही हमारी दिवाली को रोशनी और खूबसूरती देती है।