
08/07/2025
🕉️🕉️🌹🌹शंकर भगवान , माता गौरी की जय 🕉️🕉️🌹🌹
🌹पथरी का आयुर्वेद इलाज 🌹
🌿 आयुर्वेदिक उपचार
1. वरुण (Crataeva nurvala)
पथरी को तोड़ने और मूत्र मार्ग से बाहर निकालने में सहायक।
सेवन विधि: वरुण की छाल का क्वाथ या कैप्सूल।
2. गोक्षुर (Tribulus terrestris)
मूत्रवर्धक और सूजनरोधी।
सेवन विधि: गोक्षुरादी गुग्गुल या गोक्षुर चूर्ण।
3. पुनर्नवा (Boerhavia diffusa)
किडनी डिटॉक्स में सहायक और सूजन कम करता है।
सेवन विधि: पुनर्नवादि मंडूर या चूर्ण।
4. कुल्थी दाल (Horse Gram)
पत्थरों को घोलने में सहायक।
सेवन विधि: रोज 1 कटोरी उबली हुई कुल्थी दाल, बिना नमक के।
5. पाषाणभेद (Bergenia ligulata)
नाम से ही स्पष्ट: "पत्थर को तोड़ने वाला"।
सेवन विधि: चूर्ण या टैबलेट, जल के साथ।
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🥤 घरेलू उपाय
नींबू और जैतून तेल मिश्रण:
सुबह खाली पेट 1 चम्मच नींबू का रस + 1 चम्मच जैतून का तेल लें।
तुलसी का रस:
1 चम्मच तुलसी का रस + 1 चम्मच शहद, रोज सुबह लें।
धनिया (Coriander) का पानी:
रातभर 1 चम्मच धनिया के बीज पानी में भिगोएँ, सुबह छानकर पी लें।
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💧 जीवनशैली सुझाव
खूब पानी पिएं (8–10 गिलास रोज)
सोडियम (नमक) का सेवन कम करें
ऑक्सालेट युक्त भोजन जैसे पालक, चाय, चॉकलेट कम करें
नियमित रूप से व्यायाम करें
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⚠️ सावधानी
यदि पथरी 5 मिमी से बड़ी है या तेज दर्द हो रहा है, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
आयुर्वेदिक औषधियाँ भी किसी वैद्य या आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह से लें।
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