11/08/2022
*🙏शुभरात्री🙏*११ अगस्त २०२२
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
शीर्षक:-★★एक पिता का दर्द* ★★अवश्य पढ़ें मेरे दोस्तों
*🅹🆂🅼 🅾🆂🅶🆈* भाग-एक
👉,आज पूनम लव मैरिज कर अपने पापा के पास आयी, और अपने पापा से कहने लगी पापा मैंने अपनी पसंद के लड़के से शादी कर ली, उसके पापा बहुत गुस्सें में थे, पर वो बहुत सुलझे शख्स थे,
उसने बस अपनी बेटी से इतना कहा, मेरे घर से निकल जाओ, बेटी ने कहा अभी इनके पास कोई काम नही है, हमें रहने दीजिए हम बाद में चलें जाएगें। पर उसके पापा ने एक नही सुनी और उसे घर से बाहर कर दिया.........
कुछ साल बीत गये, अब पूनम के पापा नहीं रहे, और दुर्भाग्यवश जिस लड़के ने पूनम से शादी की वो भी उसे धोखा देकर भाग गया, पूनम की एक लड़की एक लड़का था, पूनम खुद का एक रेस्टोरेंट चला रही थी, जिससे उसका जीवन यापन हो रहा था.........
पूनम को जब ये खबर हुई उसके पापा नही रहे, तो उसने मन में सोचा अच्छा हुआ, मुझे घर से निकाल दिया था, दर_दर की ठोकरें खाने को छोड़ दिया, मेरे पति के छोड़े जाने के बाद भी मुझे घर नही बुलाया, मैं तो नही जाऊंगी उनकी अंतिम यात्रा में। पर उसके ताऊ जी ने कहा पूनम जाने वाला शख्श तो चला गया अब उनसे दुश्मनी कैसी। पूनम ने पहले हाँ नहीं किया फिर सोचा चलो हो आती हूं, देखूं तो जिन्होंने मुझे ठुकराया वो मरने के बाद कैसे सुकून पाता है...............।
पूनम जब अपने पापा के घर आयी तो सब उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी कर रहे थे, पर पूनम को उनके मरने का कोई दुख नही था, वो तो बस अपने ताऊजी के कहने पर आयी थी, अब पूनम के पापा की अंतिम यात्रा शुरू हुई, सब रो रहे थे, पर पूनम दूर खड़ी हुई थी, जैसे तैसे सब कार्यक्रम निपट गया, आज पूनम के पापा की तेरहवी थी। उसके ताऊ जी आए और पूनम के हाथ में एक खत देते हुये कहा, ये तुम्हारे पापा ने तुम्हें दिया है, हो सके तो इसे पढ़ लेना.............
रात हो चुकी थी सारे मेहमान जा चुके थे, पूनम ने वो खत निकाला और पढ़ने लगी।
उसने सबसे पहले लिखा था, मेरी प्यारी गुड़िया मुझे मालूम है, तुम मुझसे नाराज हो, पर अपने पापा को माफ कर देना, मैं जानता हूं, तुम्हें मैंने घर से निकाला था, तुम्हारे पास रहने की जगह नही थी, तुम दर_दर की ठोकरें खा रही थी, पर मैं भी उदास था, तुम्हें कैसे बताऊँ,,,,,,।
"याद है तुम्हें! जब तुम पाँच साल की थी, तब तुम्हारी माँ हमें छोड़ के चली गयी थी, तब तुम कितना रोती थी, डरती थी, मेरे बिना सोती नही थी, रातों को उठकर रोती थी, तब मैं भी सारी रात तुम्हारे साथ जागता था। तुम जब स्कूल जाने से डरती थी, तब मैं भी सारा वक्त तुम्हारे स्कूल के खिड़की पर खड़ा होता था, और जैसे ही तुम स्कूल से बाहर आती थी, तुम्हें सीने से लगा लेता था। वो कच्चा_पक्का खाना याद है, जो तुम्हें पसंद नही आता था। मैं उसे फेंक कर फिर से तुम्हारे लिए नया बनाता था, की तुम भूखी ना रहो। याद है तुम्हे! जब तुम्हें बुखार आया था, तो मैं सारा दिन तुम्हारे पास बैठा रहता था, अंदर ही अंदर रोता था, पर तुम्हें हंसाता था, की तुम ना रोओ वरना मैं रो पड़ता था।
वो पहली बार हाईस्कूल की परीक्षा जब तुम रात भर पढ़ती थी, तो मैं सारी रात तुम्हें चाय बनाकर देता था।
याद है तुम्हें! जब तुम पहली बार कालेज गयी थी, और तुम्हें लड़कों ने छेड़ा था, तो मैं तुम्हारे साथ कालेज गया और उन बदतमीज लड़कों से भिड़ गया। उम्र हो गयी थी, और मैं कमजोर भी। कुछ चोटें मुझे भी आयी थी। पर हर लड़की की नजर में पापा हीरो होते हैं, इसलिए अपना दर्द सह गया................।
"याद है तुम्हें! वो तुम्हारी पहली जीन्स वो छोटे कपड़े, वो गाड़ी। सारी कालोनी एक तरफ थी की ये सब नहीं चलेगा, लड़की छोटे कपड़े नही पहनेगी। पर मैं तुम्हारे साथ खड़ा था, किसी को तुम्हारी खुशी में बाधा बनने नहीं दिया। तुम्हारा वो रातों को देर से आना, कभी_कभी शराब पीना, डिस्को जाना, लड़कों के साथ घूमना। इन सब बातों को कभी मैंने गौर नहीं किया, ......................
(संकलितं पोस्ट द्वारा व्हाट्सएप)
अभी कहानी बाकी है मेरे दोस्तों....
||क्रमशः||
🙏🏻🚩आदेश-जयश्री माहाँकाल 🔱
🙏🚩महाकालाश्रम, भिलाई,छत्तीसगढ़ भारत🚩🔱
🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱🔱
पंडित राहुलनाथजी
ज्योतिष्य-वास्तु,तंत्र-यंत्र-मंत्र एवं आध्यात्मिक सलाहकार
भिलाई,छत्तीसगढ़, भारत📱+९१९८२७३७४०७४(w)
फेसबुक लिंक:-https://www.facebook.com/𝗠𝗔𝗛𝗔𝗞𝗔𝗟-𝗕𝗥𝗢𝗔𝗗𝗖𝗔𝗦𝗧-𝗦𝗘𝗥𝗩𝗜𝗖𝗘-𝗕𝗛𝗜𝗟𝗔𝗜-𝗖𝗚-100415236101399/