17/12/2024
बेहद शर्मनाक.....
हादसा एक सवाल अनेक जवाब देही किसी की नहीं, जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं, फिर इन मौंतों का असल जिम्मेदार कौन ?
भिंड ग्वालियर नेशनल हाईवे पर आज एक्सीडेंट की घटना घटित हुई यह एक्सीडेंट उस समय हुआ जब एक पिता अपनी पत्नी के साथ छोटे से बच्चे को जिला चिकित्सालय से उपचार दिलाकर अपने गृह गांव लौट रहा था। रास्ते मे दबोहा मोड़ के पास उसका ऑटो एक ट्रक से भिड़ जाता है जिससे ऑटो चालक की पत्नी एवं उसके बच्चे की मोका स्थल पर ही मौत हो जाती है,बताया जा रहा है ऑटो ड्राइवर भी गंभीर हालत में है ओर उसे भी ग्वालियर रेफर कर दिया है। मौके पर पहुंचकर पुलिस प्रशासन ने अपनी पूरी भूमिका हमेशा की तरह निभाई एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घटनास्थल पर मौजूद थे घटना में घायल लोगों को चिकित्सालय पहुंचाने में भी पुलिसकर्मियों की या वहां उपस्थित लोगों की भूमिका रही होगी। संबंधित थाने में एक्सीडेंट का प्रकरण दर्ज कर लिया जाएगा।
अब देखने का तो अपना-अपना नजरिया है किसी के लिए यह एक एक्सीडेंट है (बाकि एक्सीडेंटों की तरह जो आए दिन इस हाइवे पर होते रहते हैं ) जिसमें दो लोगों की जान चली गई, तो किसी ने इस घटनाक्रम को एक पूरे परिवार का अंत बताया।
अब असल बात यह है कि इस हाईवे ने सैकड़ो लोगों की जान ले ली, राजनेताओं की तो कमी नहीं है फिर व्यवस्थाओं में भिंड पिछड़ा क्यों है, क्यों यहां आजादी के 78 वर्ष बाद भी एक मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं आया, क्यों हर बार हमें नगर निगम का चूर्ण दिया जाता है। क्या गलती हुई भिंड की जनता से जो केंद्रीय विद्यालय मालनपुर में बनाना पड़ा उस मालनपुर में जिस का लाभ हमेशा से ग्वालियर को ज्यादा मिलता रहा है। सरपंच पार्षदों को मिलाकर लगभग 1000 से ज्यादा नेता तो है भिंड में फिर भिंड की जनता के साथ भेदभाव क्यों ओर कब तक ?
सवाल जो जबाब मांगते है---
क्या सारी जिम्मेदारीयां जिले के समाजसेवी संगठनों की है?
श्री राम सेना, जस्टिस फॉर भिंड, पर्यावरण बचाने की मूहिम चलाने वाले प्राइवेट कोचिंग के शिक्षक, संत समाज सहित आधा सैकड़ा से अधिक समाजसेवी संगठन ही मांग करते रहेंगे ?
नेशनल हाईवे कब बनेगा इसे बनवाने की जिम्मेदारी क्या उन 500 से अधिक सरपंचों की नहीं है जो सिर्फ मनरेगा की मांग के लिए हड़ताल पर जाते हैं ?
जिम्मेदारी जिले के उन सेंकड़ों पार्षदों की नहीं है जो पार्षद बनते ही गाड़ियों पर ₹500 का हुटर लगाकर खुद को सत्ता समझते हैं ?
जिम्मेदारी क्या यहां के उन सभी विधायकों एवं पूर्व विधायकों की नहीं है जिन्हें 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले जिले के लोगों ने चुनकर भेजा है या भेजा था ?
जिम्मेदारी क्या उन मंत्री और पूर्व मंत्रीयों की नहीं है, जिनके पास सब सुविधाएं थीं वो सुविधा उन्हें जिले की जनता को सुविधा देने के लिए मिली थी लेकिन यहां की जनता अब तक असुविधा झेल रही है ?