
08/06/2025
जब आप दुबई की ऊँचाईयों को देखते हो — वो बुर्ज खलीफा, वो सोने सी चमकती सड़कें, वो मॉल जिनमें लाखों की चीजें बिकती हैं — तो ज़रा पलटकर देखो…
उस नींव में किसका पसीना है?
उस ऊँचाई में किसके मेहनती हाथ हैं?
वो कोई और नहीं — हमारे लोग हैं!
भारत के वो दलित-पिछड़े बेटे, जिनको यहाँ अछूत कहा गया, उन्होंने वहाँ जाकर पूरी की पूरी दुबई बसा दी।
कोई मजदूर बन गया, कोई क्लीनर, कोई ड्राइवर, कोई वॉचमैन
धूप में खड़े होकर वो लोग इमारतें बनाते हैं —
याद रखो साथियों — ये इमारतें हमारे खून-पसीने से बनी हैं!
गुरु रविदास सभा, यूएई द्वारा भारतीय संविधान के निर्माता, आधुनिक भारत के शिल्पकार, शोषितों, वंचितों और महिलाओं के मुक्तिदाता, ज्ञान के प्रतीक, विश्व रत्न, परम पूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में अपनों के बीच।