Kuldeep Baudh

Kuldeep Baudh Jai Bhim
Jai Bharat
Jai Samvidhan
Namo Buddhay

Baudh Damma
07/01/2025

Baudh Damma

07/01/2025

8 जनवरी को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध धम्म ध्वज दिवस मनाया जाता है।
बौद्ध ध्वज के रंग और उनका मतलब
• नीला रंग शांति, दयालु स्वभाव, और प्रेम का प्रतीक है.
• पीला रंग तेज और उत्साह का प्रतीक है.
• लाल रंग ज्ञान, सदाचार, गरिमा, और साहस का प्रतीक है.
• सफ़ेद रंग शुद्धता और निर्मलता का प्रतीक है.
• केसरी रंग त्याग और करुणा का प्रतीक है.

04/01/2025

सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। इनके पिता का नाम खन्दोजी नैवेसे और माता का नाम लक्ष्मीबाई था। सावित्रीबाई फुले का विवाह 1841 में ज्योतिराव फुले से हुआ था। सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं।शिक्षक दिवस की सभी भारत बासियों को बहुत बहुत बधाई
आज के दिन हम गुलाम भारत की प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले का स्मरण करें

कौन थी माता सावित्री बाई फुले

माता सावित्रीबाई फुले सामाजिकक्रान्ति के अग्रदूत सत्य शोधक समाज के संस्थापाक गुलामगिरी पुस्तक के लेखक महामना ज्योतिबा राव फुले की पत्नी थी जिनका जन्म 3 जनवरी 1831 को महराष्ट्र के पुणे जिले के नयागांव मैं हुआ था माता सावित्री बाई फुले गुलाम भारत की प्रथम महिला शिक्षिका समाज सुधारिक और मराठी कवियित्री भी थी इन्होंने अपने पति के साथ मिलकर स्त्री के अधिकारों के लिए शिक्षा के क्षेत्र मैं अनुकरणीय और उल्लेखनीय कार्य किया इन्हें मराठी काव्य के अग्रदूत भी माना जाता है इन्होंने सर्वप्रथम 1852 को कन्या विधालय की स्थापना एक मुस्लिम महिला उस्मान सेख की बहिन फातिमा शेख के साथ मिलकर की फातिमा शेख भी प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका थी
विभिन्न जातियों के 9 बच्चो से शिक्षा का कार्य धर्म के ठेकेदारों के प्रबल विरोध के चलते शुरू किया था कितना कष्टमय और सामाजिक विरोधों का शिकार रहा है माता सावित्री का जीवन लेकिन उन्होंने ने अपने जीवन को एक मिसन की तरह जिया जिसका उद्देश्य था विधवा महिलाओ के पुर्नविवाह कराना भारत मैं व्याप्त छुआछूत की भावना को मिटाना और सर्व समाज की महिलाओं को कन्याओ को शिक्षित करना
आज से 170 वर्ष पूर्व कन्याओ की शिक्षा पर स्त्री शिक्षा पर पूरी तरह से प्रतिबंध था कितनी मुस्किलो का सामना कर खोला गया होगा वह विद्यालय
माता सावित्री बाई फुले जब स्कूल पढ़ाने जाती थी तो धर्म के ठेकेदार मानसिक कुंठा से ग्रषित स्त्री शिक्षा के विरोधी उन पर कीचड़ गोवर मलमूत्र और विष्ट तक फेंक देते थे लेकिन माता सावित्री बाई फुले महात्मा ज्योतिबा फुले के सुझाव पर वो एक साड़ी अपने साथ ले जाती थीं और स्कूल मैं जाकर बदल लेती थी कितनी विषम परिस्थितियों के चलते माता सावित्री बाई फुले अपने रास्ते पर चलते रहने की प्रेरणा कितनी अच्छी तरह से देती हैं माता सावित्री बाई फुले ने अपने पति को संरक्षक गुरु माना था इन्होंने 18 विद्यालयों का निर्माण किया इन्होंने 10 मार्च 1897 को दुनिया से अलविदा कह दिया 3 जनवरी 2017 को इनके 186 वे जन्म दिन पर गूगल ने गूगल डूडल प्रदान कर इनका अभिवादन किया ऐसी शख्सियत को मेरा सत सत नमन 👏👏👏
नमो बुद्धाय जय भीम

27/12/2024
27/12/2024
Jai bhim
30/11/2024

Jai bhim

Address

Bhongaon Road
Bhongaon

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Kuldeep Baudh posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Videos

Share