20/01/2025
रवीना टंडन, 90 के दशक की मशहूर बॉलीवुड अभिनेत्री, ने 21 वर्ष की आयु में दो बेटियों—पूजा और छाया—को गोद लेकर समाज में एक मिसाल कायम की थी। यह निर्णय उन्होंने उस समय लिया जब वे स्वयं अविवाहित थीं, जिससे उनकी परिपक्वता और संवेदनशीलता का परिचय मिलता है।
साल 1995 में, रवीना ने अपनी कजिन बहन के निधन के बाद उनकी बेटियों को अपनाया। उस समय पूजा 11 वर्ष की थीं और छाया 8 वर्ष की। रवीना ने इन बच्चियों की परवरिश में कोई कसर नहीं छोड़ी और उन्हें अपनी संतान की तरह स्नेह और देखभाल प्रदान की।
उस दौर में, समाज में अविवाहित महिला द्वारा बच्चों को गोद लेने को लेकर कई पूर्वाग्रह और गलतफहमियां थीं। रवीना ने एक साक्षात्कार में बताया कि उन्होंने प्रारंभ में इस बात को सार्वजनिक नहीं किया, क्योंकि उन्हें डर था कि लोग इसे गलत नजरिए से देखेंगे और अनचाही अफवाहें फैलेंगी। उन्होंने बेटियों की 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई पूरी होने तक इस जानकारी को गोपनीय रखा।
रवीना की बेटियों ने भी उनके इस स्नेह का मान रखा। दोनों ने अपनी शिक्षा पूरी की और अपने-अपने जीवन में सफल रहीं। बड़ी बेटी छाया ने एविएशन इंडस्ट्री में करियर बनाया, जबकि पूजा इवेंट मैनेजमेंट के क्षेत्र में सक्रिय हैं। दोनों की शादियां भी रवीना की उपस्थिति में संपन्न हुईं, जिसमें उन्होंने एक गर्वित माता की भूमिका निभाई।
रवीना की निजी जिंदगी में भी उनके इस निर्णय का प्रभाव पड़ा। जब उन्होंने फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर अनिल थडानी से विवाह करने का निर्णय लिया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी उनसे विवाह करेगा, उसे उनकी गोद ली हुई बेटियों को भी स्वीकार करना होगा। अनिल ने इस शर्त को सहर्ष स्वीकार किया, और 2004 में दोनों का विवाह संपन्न हुआ।
रवीना टंडन का यह कदम समाज के लिए प्रेरणास्रोत है, जो दिखाता है कि सच्चा स्नेह और परवरिश रक्त संबंधों पर निर्भर नहीं करते। उन्होंने अपने कार्यों से यह साबित किया कि प्रेम और समर्पण से किसी भी बच्चे का भविष्य संवारा जा सकता है, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों।