03/02/2025
🌼 || शुभ वसंत पंचमी || पीला रंग प्रकृति में सम्पूर्ण भाव को दर्शाता है। जब कोई चीज अपने पूर्ण स्वरूप में होती है या पूर्णता को प्राप्त कर लेती है, तब सामान्यतः वह पीली हो जाती है। जैसे कोई फल जब कच्चा होता है तब वो हरा रहता है, लेकिन पकने के बाद वह पीला हो जाता है। ठीक वैसे ही खेत की फसल, सरसों, फल, घास आदि अपनी पूर्णता को प्राप्त करने के बाद पीले पड़ जाते हैं।
शिशिर के दौरान मौसम में शीतलता होती है लेकिन जब बसंत आता है तो नव वर्ष का आगमन होता है। हर चीज की नई शुरुआत होती है इसीलिए सभी मौसमों में सर्वश्रेष्ठ मौसम बसंत बहार माना गया है। ये नवजीवन का एहसास दिलाती है, जिससे प्रकृति में एक यौवन आता है, इसे नवयौवन कहा जाता है। बसंत के आने पर यह प्रकृति भी नवयौवना हो जाती है। हर एक चीज में एक नयापन होता है, जो हमें एक नई ऊर्जा और नयापन प्रदान करती है।
एक तरह से ये कहा जा सकता है कि जीवन में एक नए स्वरूप का तथा नव आनंद का जन्म होता है। ठीक वैसे ही बसंत बहार के साथ ही हमारे तीज त्योहारों की शुरुआत भी हो जाती है। चाहे मनुष्य हो या प्रकृति या त्योहार हर किसी को एक नया अनुभव और नया आनंद प्राप्त होता है। प्रकृति में जिधर भी देखो सिर्फ पीलापन ही दिखाई देता है।
अतः ये कहा जा सकता है कि सम्पूर्ण प्रकृति पीतांबरा हो जाती है। चाहे प्राणी हो या जीवन, प्रकृति के नए आनंद में हर कोई डूबा महसूस करता है, जो एक नई बयार एक नव जीवन को दर्शाती है। इस बसंत ऋतु से प्रेम का जन्म होता है। चारों तरफ ऐसी बहार आ जाती है जो सभी को अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। हर एक चीज में एक नयापन और खुशहाली। सरस्वती पूजा के साथ यह ऋतु अपने साथ कई सारे परिवर्तन लेकर आती है। इस पल कुछ ऐसा महसूस होता है मानो जैसे जो कुछ भी इंसान के मन में चल रहा है, वह प्रकृति में भी प्रतिबिंबित हो रहा हो। पीले रंगों की इस खूबसूरती बीच चटक रंगों की छंटा और उसकी सौंधी महक अब वसंत में अपने चरम पर रहेगी।