
06/08/2025
जब जब हम भरोसेमंद पुराने मित्रों को नजरअंदाज कर
चमक धमक वाले नए नवेले तथाकथित मित्रों के लुभावने प्रलोभनों के चपेट में आकर,,, उन्हें आवश्यकता से अधिक महत्व देने लगते हैं।
तब अक्सर ऐसे मतलबी मित्र हमारी पीठ में खंजर ही घोंपते हैं।
इतिहास,, वेद, पुराण,, और विज्ञान सब इसके साक्षी हैं।
वर्तमान ट्रंप और अमेरिका से बड़ा उदाहरण कुछ नहीं हो सकता।
जो अब भी ये सब न देख पाए वो खुली नेत्रों वाला दिव्यांध ही हो सकता है।
~ललित
Narendra Modi Aaj Tak India TV
Lalitvyas Pandey