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NCL : एनसीएल के सीएमडी बी साई राम चुने गए कोल इंडिया के चेयरमैन
21/09/2025

NCL : एनसीएल के सीएमडी बी साई राम चुने गए कोल इंडिया के चेयरमैन

NCL : एनसीएल के सीएमडी बी साई राम होंगे कोल इंडिया के नए चैयरमैन
20/09/2025

NCL : एनसीएल के सीएमडी बी साई राम होंगे कोल इंडिया के नए चैयरमैन

16/09/2025

सिंगरौली मे बारिश ने नहीं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से जनजीवन प्रभावित, सड़क पर बह रहा है बरसाती पानी
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सिंगरौली :बारिश का पानी सड़क के ऊपर से बह रहा है जबकि देवसर विधायक कार्यालय जलमग्न की स्थिति में है सामने सड़क पर बहते पानी से जनजीवन अस्त व्यस्त है लेकिन जनप्रतिनिधी पानी निकासी के लिए कोई जद्दोजहद नहीं की जिससे आवागमन सुरक्षित व सड़क भी सुरक्षित नहीं है

14/09/2025

होटल में बैठी महिला की गोद में बंदर बैठ गया तो महिला ने श्रीराम नाम जपना शुरु किया, फिर बंदर की प्रतिक्रिया देखें..विडिओ वायरल

भारत में भी सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नार्वे जैसी ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता----;----;----;-----;-----;----;----...
14/09/2025

भारत में भी सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नार्वे जैसी ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता
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पहले नॉर्वे यूरोप के सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएँ वाले देशों में था। इसका कारण इसका भूगोल भी था। पहाड़ी रास्ते, खाई, समंदर, झील, बर्फ, धुंध, और घुप्प अंधेरा। जैसा कई लोग मानते हैं- छह महीने दिन और छह महीने रात। इसमें गाड़ी कौन चला पाएगा?

फिर सरकार ने एक योजना बनायी। इसमें कहा गया कि तीस साल बाद हम सड़क दुर्घटनाएँ शून्य कर देंगे। हालाँकि ऐसी योजनाएँ दुनिया भर में बनती ही रहती है, लेकिन इस पर कार्य हुआ।

पहले तो ड्राइविंग लाइसेंस के नियम ही सख्त कर दिए गए। थ्योरी परीक्षा मुश्किल की गयी। प्रैक्टिकल परीक्षा के पहले आठ अन्य कोर्स अनिवार्य किए गए, जिसमें अंधेरे में गाड़ी चलाना, छिछलेदार सड़क पर गाड़ी चलाना, अचानक आ जाने वाले बैरियर, व्यक्ति या पशुओं (के पुतलों) के बीच से गाड़ी चलाना, लंबी दूरी में मानचित्र देख कर गाड़ी चलाना, किसी दुर्घटना होने पर प्राथमिक चिकित्सा देना आदि। यह प्रक्रिया इतनी लंबी है कि स्कूल के बच्चे सोलह वर्ष की आयु में शुरू करते हैं, तब अठारह वर्ष की आयु में लाइसेंस मिलता है। किसी डिग्री की तरह। लेकिन यह डिग्री से अधिक जरूरी भी तो है। जीवन का सवाल है।

सड़कों पर गति-सीमा सीधे बीस प्रतिशत घटा दी गयी। कभी-कभी तो यह अजीब भी लगता है कि दूर-दूर तक खाली सड़क है, और हम साठ की गति पर गाड़ी चला रहे हैं। लेकिन जगह-जगह सेंसर लगे हैं, और पकड़े गए तो मोटी फाइन।

तीसरी चीज कि सड़कों पर मार्किंग बढ़ाई गयी। सड़क के बीच, और दोनों तरफ़। सड़क की मोड़ पर बड़े शीशे लगे, जिसमें दूसरी तरफ़ से आती गाड़ी दिख जाए। ख़ास कर गाँव और छोटे शहरों की सड़कों पर काम किया गया।

चौथी चीज कि हर तीसरे महिने बैठक शुरू हुई कि कितनी दुर्घटनाएँ हुई, और मुख्य कारण क्या थे। फिर गाड़ियों के हर तीसरे वर्ष सर्टिफिकेट देने की परंपरा शुरू हुई कि वे सड़क पर चलाने लायक हैं या नहीं। सामने और पीछे के लाइट, इंजिन, टायर, ब्रेक, सब चेक कर सर्टिफिकेट मिलता।

आखिर दुर्घटनाएँ घटी। पहले कुछ संख्या घटी। फिर आधी हुई। चौथाई हुई। अब दशांश से नीचे आ चुकी है। पिछले वर्ष 89 मृत्यु हुई, जो सबसे दुर्गम इलाके होने के बावजूद यूरोप में सबसे कम है। फिर भी अखबार में खबरें छपती रहती है कि मात्र पाँच वर्ष बचे हैं, अब तक शून्य नहीं हुआ। सरकार ने अब गति-सीमा पर थोड़ी और नकेल कस दी है।

भारत में ड्राइविंग लाइसेंस आनलाईन और पैसे के दम पर मिलते हैं जिससे सड़कों मे चलने के लिए कोई खास नियम नहीं हैं मोड़ पर गाड़ी कितनी तेज चलाना है ढलान पर क्या करना है यहां तक कि सड़क मे बने सफेद पट्टी, पीली पट्टी, गति अवरोधक की भी जानकारी नहीं दी जाती जिससे सड़क दुर्घटनाएं होती हैं सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सबसे पहले ड्राइविंग लाइसेंस देते समय परिक्षण करना अनिवार्य करना चाहिए।

एक-एक जान कीमती है। दुर्घटनाएँ शून्य तो होनी ही चाहिए।

[भारत में सड़क दुर्घटनाओं से पिछले वर्ष 1.7 लाख मृत्यु हुई, जो दुनिया में सबसे अधिक है खासकर मध्यप्रदेश के सिंगरौली मे ]

मध्यप्रदेश/रीवा :20 लाख रुपये की लागत से दो वार्डों में स्थापित डक्ट कूलिंग सिस्टम का उप मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण ⚡S...
12/09/2025

मध्यप्रदेश/रीवा :20 लाख रुपये की लागत से दो वार्डों में स्थापित डक्ट कूलिंग सिस्टम का उप मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण
⚡S News⚡
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⚡रीवा⚡ :मध्यप्रदेश सरकार मे राजेंद्र शुक्ल ने जबसे उप मुख्यमंत्री का पदभार संभाला है रीवा जिला प्रत्येक दिन एक नया किर्तिमान स्थापित कर रहा है आज उप मुख्यमंत्री ने 20लाख रुपए की लागत से डक्ट कुलिंग सिस्टम का लोकार्पण किया है जिससे शहर में प्रदूषण को हद तक रोके जाने मे काफी मदद मिलेगी।

रीवा को मेडिकल हब के रुप में विकसित करना लक्ष्य:
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रीवा मे तेजी से मेडिकल हब के रूप में विकसित हो रहा है यहाँ शीघ्र ही 200 बेड का कैंसर अस्पताल प्रारंभ होने जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि संजय गांधी अस्पताल के आधुनिकीकरण हेतु 321 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिसका कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा।

12/09/2025

मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में कोल वाहनों के प्रदूषण से राहगीर बेहाल

11/09/2025

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से सतना के लिए हुए रवाना, साझा किया रेवांचल ट्रेन से सफर के पल

CISF(NTPC) विंध्यनगर ने पहली बार पूर्ण महिला कमांडो इकाई का किया गठन, पूर्ण  महिलाओं को अग्रिम पंक्ति की परिचालन भूमिकाओ...
11/09/2025

CISF(NTPC) विंध्यनगर ने पहली बार पूर्ण महिला कमांडो इकाई का किया गठन, पूर्ण महिलाओं को अग्रिम पंक्ति की परिचालन भूमिकाओं में लाने की पहल
⚡S News⚡
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सिंगरौली: NTPC विंध्याचल CISF बल में महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण नीतिगत पहल के तहत, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अपनी पहली पूर्ण महिला कमांडो टीम को मुख्य अभियानों में शामिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

मध्य प्रदेश के बरवाहा स्थित क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र (RTC) में महिला कमांडो का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। 8 सप्ताह का यह अग्रणी कमांडो कोर्स महिला कर्मियों को उच्च सुरक्षा वाले प्रतिष्ठानों और संयंत्रों में त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) तथा Special Task Force (STF) की ड्यूटी के लिए तैयार करेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में शारीरिक और हथियार प्रशिक्षण, तनाव में लाइव-फायर अभ्यास, शारीरिक प्रशिक्षण में सहनशक्ति बढ़ाने हेतु दौड़, बाधा दौड़, रैपलिंग, फिसलन, जंगलों में जीवित रहने के अभ्यास और प्रतिकूल परिस्थितियों में निर्णय लेने और टीम वर्क का परीक्षण करने के लिए डिज़ाइन किया गया 48 घंटे का आत्मविश्वास निर्माण अभ्यास भी शामिल है।

30 महिलाओं का पहला बैच-जो वर्तमान में विभिन्न हवाई अड्डों पर तैनात हैं- 11 अगस्त से 4 अक्टूबर, 2025 तक प्रशिक्षण प्राप्त करेगा, उसके बाद 6 अक्टूबर से 29 नवंबर, 2025 तक दूसरा बैच प्रशिक्षण प्राप्त करेगा। अपने प्रारंभिक चरण में, विभिन्न विमानन सुरक्षा समूहों (एएसजी) और संवेदनशील सीआईएसएफ इकाइयों की कम से कम 100 महिलाएँ इस कार्यक्रम को पूरा करेंगी। बल ऐसे सभी महिला प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को अपने प्रशिक्षण कैलेंडर का नियमित हिस्सा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रशिक्षण के बाद उन्हें मुख्य रूप से हवाई अड्डों और उसके बाद अन्य संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर तैनात किया जाएगा।

महिलाओं को अपनी मुख्य क्षमताओं में शामिल करने से बल लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और उस क्षेत्र में भी कदम रखना है, जो अब तक मुख्यतः केवल पुरुषों का कार्यक्षेत्र माना जाता रहा है।

सीआईएसएफ द्वारा बल में 10% महिलाओं के गृह मंत्रालय के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महिलाओं की भर्ती भी बढ़ा रहा है। वर्तमान में सीआईएसएफ में 12,491 (08%) महिलाएँ हैं और 2026 में 2400 महिलाओं की भर्ती की जाएगी। आने वाले वर्षों में महिलाओं की भर्ती की मात्रा को इस प्रकार रखा जाएगा कि बल में महिलाओं की संख्या कम से कम 10% बनी रहे.

सीआईएसएफ संख्या और भूमिका दोनों ही दृष्टि से महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा, में सभी सशस्त्र बलों में, अग्रणी बनने हेतु अग्रसर है

09/09/2025

सिंगरौली मे बंधा कोल माइंस के विस्थापितों की जनसुनवाई मे देवसर विधानसभा के विधायक डॉक्टर राजेंद्र मेश्राम ने सुनी समस्याएं

06/09/2025

मध्यप्रदेश/सिंगरौली मे भाजपा मे सबकुछ ठीक नहीं,भाजपा के कार्यकर्ता की नहीं सुनी जाती बात।

सिंगरौली: सिंगरौली के विधानसभा क्षेत्र चितरंगी क्षेत्र के मंडल अध्यक्ष अनिल कुमार वैश्य ने विकास हेतु विधायक श्रीमती राधा सिंह के पास कोई काम लेकर जाओ, तो जवाब मिलता है – ‘काम नहीं होगा, ज्यादा बोलोगे तो जेल में डलवा देंगे।’"
जिसकी शिकायत भाजपा नेता ने प्रदेश में मांग उठाया तो पार्टी से ही बाहर कर दिया गया ।

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का अनावरण और ऐप लांच,सीएम डॉ. यादव बोले - यह भारत का समय है------;-----;------;------;------;---...
01/09/2025

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का अनावरण और ऐप लांच,सीएम डॉ. यादव बोले - यह भारत का समय है
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राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण और ऐप लॉन्च किया। इस घड़ी की खासियत है कि यह सूर्य की गति के साथ चलती है और सूर्योदय से नए दिन की शुरुआत करती है। इस मौके पर शौर्य स्मारक से युवाओं का बाइक व पैदल मार्च निकाला गया, जो मुख्यमंत्री निवास तक पहुंचा। वहां “विक्रमादित्य वैदिक घड़ी : भारत के समय की पुनर्स्थापना की पहल” विषय पर युवा संवाद हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री ने युवाओं से सीधा संवाद किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह केवल घड़ी नहीं, बल्कि भारत की गौरवशाली परंपरा और वैज्ञानिक दृष्टि का आधुनिक स्वरूप है। वैदिक घड़ी हमारी संस्कृति को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाएगी।

वर्ष की गणना छह ऋतुओं के आधार पर की गई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि समय की गणना सूर्योदय से सूर्योदय तक होनी चाहिए, क्योंकि रात 12 बजे दिन बदलने का कोई औचित्य नहीं है। हमारे इतिहास में खगोल विज्ञान को सूर्य की छाया के आधार पर समझा और परिभाषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे व्रत-त्योहार अंग्रेजी कैलेंडर पर नहीं, बल्कि भारतीय पंचांग पर आधारित हैं। वर्ष की गणना भी तिथियों और छह ऋतुओं के आधार पर की गई है। सीएम ने कहा कि ये भारत का समय है...। विक्रमादित्य वैदिक घड़ी अब मोबाइल ऐप के माध्यम से भी उपलब्ध है। इसे डाउनलोड कर आप अपने फोन पर हर उपयोगी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मुझे प्रसन्नता है कि मुख्यमंत्री निवास के बाहर भी वैदिक घड़ी स्थापित की गई है।

भरतीय पंचांग ऋतुओं और प्रकृति से जुड़ा हुआ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के लोकार्पण एवं युवाओं से संवाद कार्यक्रम में कहा कि काल गणना और वैदिक पद्धति हमारी वैज्ञानिक और सांस्कृतिक धरोहर है। अंग्रेजी तिथियां बदलती रहती हैं, लेकिन भारतीय पंचांग ऋतुओं और प्रकृति से जुड़ा हुआ है। सावन-भाद्रपद की वर्षा, क्वार-कार्तिक की ऋतु चक्र- सभी तिथि आधारित गणना का प्रमाण हैं। चंद्रमा और समुद्र के ज्वार-भाटा से लेकर मनुष्य के शरीर पर अमावस्या–पूर्णिमा का प्रभाव वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है। भारतीय गणना पद्धति में दिन सूर्योदय से सूर्योदय तक माना जाता है, न कि रात 12 बजे से। 30 मुहूर्त, 24 घंटे और समय की संरचना भारतीय काल गणना की अद्वितीय प्रणाली है।

सीएम हाउस मेरा नहीं, प्रदेश की जनता का
सीएम ने कहा कि हमारे यहां विचार व्यक्त करने और सत्य के आधार पर सुधार करने की स्वतंत्रता रही है, यही हमारी संस्कृति की ताकत है। उज्जैन भारत का काल गणना का केंद्र है, जो खगोलीय दृष्टि से प्रमाणित है। पंचांग और वैदिक गणित की सटीकता को दुनिया भी स्वीकार कर रही है, कंप्यूटर जहां असफल हो जाए वहां हमारे ज्योतिषी सही उत्तर दे सकते हैं। मुहूर्त का अर्थ केवल शुभ-अशुभ नहीं, बल्कि जीवन प्रबंधन और प्रकृति के अनुकूल आचरण भी है। सीएम हाउस मेरा नहीं, प्रदेश की 9 करोड़ जनता का है।

वैदिक घड़ी भारत के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक

उन्होंने कहा कि राजधानी भोपाल में वैदिक घड़ी लगना, भारत के गौरवशाली इतिहास को वर्तमान और भविष्य से जोड़ने का प्रतीक है। उच्च शिक्षा विभाग और संस्कृति विभाग के इस अच्छे आयोजन की सराहना करता हूं। पहले था समय पश्चिम का, अब पूर्व का समय आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत का मान–सम्मान दुनिया में बढ़ा है। मोदी सरकार ने योग को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया, इसरो में वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया और कठोर कानूनों व नैतिक राजनीति का मार्ग प्रशस्त किया। विक्रमादित्य का सुशासन और मोदी जी के नेतृत्व में चल रहा सुशासन, दोनों भारत के स्वर्णिम अध्याय हैं। वैदिक घड़ी केवल समय बताने का उपकरण नहीं, बल्कि भारतीय ज्ञान, संस्कृति और विज्ञान का जीवंत प्रतीक है।

उज्जैन को माना जाता है कालगणना का केंद्र
उज्जैन को सदियों से कालगणना का केंद्र माना जाता है। यहां से कर्क रेखा गुजरती है और इसे भारत का प्रधान मध्याह्न रेखा (Prime Meridian of India) कहा जाता है। इसी कारण वैदिक घड़ी का शुभारंभ भोपाल से प्रतीकात्मक रूप से किया गया।

वैदिक घड़ी और GMT में अंतर
विक्रमादित्य वैदिक घड़ी
- भारतीय पंचांग और खगोल गणना पर आधारित।
- समय की इकाइयां: 1 दिन = 60 घटिका (1 घटिका = 24 मिनट), 30 मुहूर्त।
- नया दिन हमेशा सूर्योदय से शुरू होगा।
- इसका उद्देश्य जीवनशैली, कृषि और धार्मिक अनुष्ठानों को प्रकृति से जोड़ना है।

ग्रीनविच मीन टाइम (GMT)
- 19वीं सदी में इंग्लैंड से शुरू हुआ।
- औसत सौर समय पर आधारित।
- दिन की शुरुआत आधी रात 12 बजे से होती है।
- दुनिया के लिए एक समान मानक समय तय करने का उद्देश्य।

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