23/07/2025
सरपंचो तैयार हो जाओ, आ गया ठगने का वक्त
अभी से धरातल बनाना शुरू कर दो, चार पांच
माह ही राजी बोलना है करने शुरू कर दो वादे, 16 आना
अबकी बार टांका बना दूगा, बिनणी को मेट, आगनबाडी के झांसे ठोकने शुरू कर दो, सौगंध खा लो क्या फर्क पडता है साथ मे इन लोगो को भी सौगंध दिला दो कि आगनबाडी वाली दुसरो को मत बताना, देवी री सौं....तुम्हारी बिनणी को ही लुंगा, अभी वादे करने है कैसे भी जितना है फिर पांच साल मजे मजे, फिर तो इतना ही कहना है मै क्या करू नियम बदलगा, जनता भी कितनी भोली है तीन चार महीने तो सबके मजे लेती है हर सरपंच के धरातल ढुढने वाले को नचाती है सबको एक ही आश्वासन वोट पका आपको, भलाई लाइक नही हो पर उसको खडा होने को मजबूर कर देती है शुरू मे सब पता होता है कि उसके पास कुछ नही है बावजूद इसके पैसे के बल पर मैदान मे डटा रहता है आखिर जो सरपंच के लायक होते है वे वेचारे पिछे इसलिए रह जाते है एक तो उनके पास पैसा नही होता और दुसरा कि लोग ये मेरे एक वोट से क्या फर्क पडेगा एक एक करते हकदार पीछे रह जाता है और जिनका कोई वजूद नही होता वे गांव के मुखिया बन जाते है जितने के बाद आमजन अंदर ही अंदर खूब पछताते है लेकिन कर भी कुछ नही सकते है चुनाव जितते ही साहब बदल जाते है जिन परिवार के सदस्यो ने छ माह जुते घीसे, लोगो के पैर पकडे, घर से रूपए लगाये उनका हिसाब तो दो माह मे हो जाता है जो खास थे मित्र, रिश्तेदार उनको धीरे धीरे सलटाया जाता है सबको निपटाकर फिर पुरा परिवार लग जाता है दोनो हाथो से ,चुनाव से पहले जिन लोगो ने मेट बनने का सपना संजोया था वो तो हाथ मलते रह जाते है वो जो सिस्टम से चलते है वो ही मेट लगते है उनके बिना जुगाड नही होता, सरपंच कोई बने छ महिने बाद मेट वो ही रहते है भलाई वोट दिये या नही, उनके बिना कुछ नही होता, चुनाव से पहले सोचते थे ये करेगे वो करेगे पर मियाद छः महीने ही रहती है छः माह बाद पार्टी चेज, सब बदल जाता है
भाईयो सरपंच चुनाव सबसे महत्वपूर्ण होता है मुख्य विकास की धुरी सरपंच होती है हर काम पंचायत से होता है ऐसे महत्वपूर्ण चुनाव होने जा रहे है इन चुनावो सोच-विचार कर वोट करे पंचायत का विकास कौन कर सकता है ऐसे ईमानदार आदमी को चुने न की घर भरने वाले हो सकता आपसे अभी मिठे बोले, खर्चा करे, प्रलोभन दे, पर वो छः महिने तक ही है बाद मे नही, बाद पछताने के अलावा कुछ नही है
मोदी सरकार व भजनलाल सरकार की बहुत सारी योजनाए है जो सरपंच से आगे बढती है उसमे पार्टी व जाति नही चलती जितने के बाद सरपंच सबका होता है जैसे मोदी सरकार "सबका साथ सबका विकास,
केन्द्र व राज्य सरकार की हर योजना का फायदा लेना है तो ईमानदार सरपंच चुने जो मोदी की तरह ईमानदार रहकर हर वर्ग समुदाय को फायदा पंहुचा सके
अपने क्षेत्र मे न फर्जी मतदान होने दे न खुद करे 100% मतदान हो ऐसा प्रयास करे
निष्पक्ष मतदान जरूरी है