Journalism and Nationalism

Journalism and Nationalism The Journalism is the so called 4th pillar of our Democracy. As per Constitution these three are the main contents - Legislature, Executive & Judiciary.

हिन्दी दैनिक 'बिहार दिन रात' के आज 09.08.2025 के संस्करण में छपे मेरे लेख "गुरु ज्ञान और सम्मान" को पढ़ें और अपने विचार ...
09/08/2025

हिन्दी दैनिक 'बिहार दिन रात' के आज 09.08.2025 के संस्करण में छपे मेरे लेख "गुरु ज्ञान और सम्मान" को पढ़ें और अपने विचार अवश्य साझा करें।

शरद कुमार।
एक स्वतन्त्र पत्रकार।

हिन्दी दैनिक "बिहार दिन रात" के दिनांक 02.08.2025 शनिवार के संस्करण में छपे "श्रवण मास श्री दुर्गाष्टमी पर विशेष" पर लिख...
07/08/2025

हिन्दी दैनिक "बिहार दिन रात" के दिनांक 02.08.2025 शनिवार के संस्करण में छपे "श्रवण मास श्री दुर्गाष्टमी पर विशेष" पर लिखे मेरे लेख अवश्य पढ़ें और अपने विचार और मंतव्य रखें कि आपको यह लेख कैसा लगा।

शरद कुमार।

अब आपकी ख़ोजी पत्रकारिता कहाँ गई ?? बड़े बड़े अपराधों का पर्दाफाश करने का दावा करने वाले पत्रकार कहाँ गए ?? क्या खोजी पत्...
01/08/2025

अब आपकी ख़ोजी पत्रकारिता कहाँ गई ?? बड़े बड़े अपराधों का पर्दाफाश करने का दावा करने वाले पत्रकार कहाँ गए ?? क्या खोजी पत्रकारों के द्वारा तहक़ीकात नहीं की जा सकती है कि आखिर कौन जिम्मेवार है इन 6 व्यक्तियों की मौत का और 101 लोगों के घायल होने का और मालेगांव ब्लास्ट का।

श.कु.

17/07/2025

प्रभु की लीला एवं वास्तु का अद्भुत उदाहरण।

22 जनवरी 2024 को श्री राम लला की भव्य मूर्त्ति की प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर के उद्घाटन भव्यता के साथ संपन्न हुई थी। इसके साथ ही मन्दिर निर्माण की चर्चा भी उस वक्त खूब हुई। किसी ने कहा मन्दिर अपूर्ण है अतः अभी इसकी प्रतिष्ठा नहीं की जानी चाहिए।

बात भी सही है; शायद इसी कारणवश भाजपा की सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं कर सकी, क्यों कि वास्तु-शास्त्र के अनुसार अधूरी मन्दिर या गृह की प्रतिष्ठा करने का प्रभाव कहीं न कहीं प्रतिष्ठा करने वाले पर भी पड़ता है।

इसलिए भाजपा 2024 के आम चुनाव में अति आत्मविश्वास के कारण आधी-अधूरी सत्ता ही प्राप्त कर सकी। 2014 और 2019 के विपरीत इन्हें सरकार चलाने के लिए एनडीए के घटक दलों पर आश्रित होना पड़ रहा है।

'दैवग्यश्री' शरद कुमार।

प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक 'बिहार दिन रात' के आज के संस्करण में छपे मेरे लेख..."शुभ चौघड़िया मुहूर्त्त" अथवा 'चतुरिष्टिका' म...
26/06/2025

प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक 'बिहार दिन रात' के आज के संस्करण में छपे मेरे लेख..."शुभ चौघड़िया मुहूर्त्त" अथवा 'चतुरिष्टिका' मुहूर्त्त" !!! इनका नाम 'चौघड़िया' क्यूँ है ?"
अवश्य पढ़ें और अपने विचार व्यक्त करें। आपको कैसा लगा ?

"दैवज्ञ श्री" ज्योतिषी एवं एक स्वतन्त्र पत्रकार -

हिंदी दैनिक 'बिहार दिन रात' के आज के संस्करण में छपे मेरे लेख..."क्या है पंचांग ? इसे पंचांग ही क्यों कहते हैं ?"अवश्य प...
08/06/2025

हिंदी दैनिक 'बिहार दिन रात' के आज के संस्करण में छपे मेरे लेख..."क्या है पंचांग ? इसे पंचांग ही क्यों कहते हैं ?"
अवश्य पढ़ें और अपने विचार व्यक्त करें। आपको कैसा लगा ?

"दैवज्ञ श्री" ज्योतिषी एवं एक स्वतन्त्र पत्रकार -

09/05/2025

बिहार चुनाव जीतना है तो 65 % आरक्षण को 9वीं सूची में डाल दे मोदी सरकार, जिसे नीतीश तेजस्वी की सरकार ने जातिगत सर्वे कराने के बाद 65 % आरक्षण की घोषणा की थी एवं विधान सभा से इसे पारित भी करवा लिया है। आज मोदी के इस फ़ैसले के बाद तेजस्वी की अपनी 65 % आरक्षण वाली माँग ने तेज पकड़ लिया है। तेजस्वी अब इसी माँग को अपना चुनावी मुद्दा बनाने वाला है।

-एक स्वतन्त्र पत्रकार।

09/05/2025

अपने जो चाणक्य नीति की चर्चा की है वो कुछ उसकी बात है जो हमले के खिलाफ कार्यवाही के लिए उपयुक्त है ना कि जातिगत उन्माद फैलाने के लिए।

बांटेंगे तो काटेंगे एक रहेंगे नेक रहेंगे।
एक हैं तो सेफ हैं।

का नारा... योगी और मोदी ने ही यह नारा दिया था। इस नारा पर तो आप चुनाव जीत ही रहे थे फिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि मोदी को यह फैसला लेना पड़ा वो भी ऐसे वक़्त पर जब पूरा देश आतंकवादी हमले के ख़िलाफ़ कार्यवाही का इंतजार कर रहा है।

हर चीज़ का वक़्त होता है। यह बात भी चाणक्य ने ही कही है।

-एक स्वतन्त्र पत्रकार।

09/05/2025

नहीं...इस जातिगत जनगणना की घोषणा से आहत भी हूँ और इसका विरोध करना राष्ट्रहित में अपना कर्तव्य भी समझता हूँ।
जातिगत जनगणना किसी भी स्थिति में देशहित में नहीं है। यह बात मोदी को भी बाद में समझ आएगी।
ऐसा भी नहीं है कि मैं आज से इसका विरोधी हुआ हूँ बल्कि इसी जातिगत विरोध के कारण मैं किसी भी प्रकार के जातिगत संगठन से दूर रहता हूँ।

मोदी जी ने आज पार्टी लाइन से दूर जाकर फैसला लिया है। उनकी मानसिकता बता रही है कि वे उसी जाति प्रथा के दलदल में फंसे हुए हैं जिसे आरक्षण पसन्द है।

-एक स्वतन्त्र पत्रकार।

09/05/2025

ये तो वहीं बात हो गई...तोड़ो और राज करो जैसी मानसिकता जिस कारण हम सभी कांग्रेस को गलियाँ देते फिरते हैं कि यह कांग्रेस उसी अंग्रेज की मानसिकता को आगे बढ़ाती है। तो आज फ़िर उसी कांग्रेस की सोच को बीजेपी क्यों फॉलो कर रही है ?
वैसे भी यह जातिगत जनगणना बीजेपी की नीति नहीं है। मोदी जी आंबेडकर के हिन्दू और दलित की सोच के पक्षधर हैं इसलिए उन्होंने इसे कराया है।
मैं आंबेडकर की विचारधारा का इसीलिए समर्थन नहीं करता हूँ। मोदी का भी समर्थन इस मुद्दे पर तो नहीं ही करूंगा।

-एक स्वतन्त्र पत्रकार।

09/05/2025

इस मंडल के पहले लोग अपनी जातियों की चर्चा भी नहीं करते थे और ना कोई किसी की जाति पूछता था। ऐसी स्थिति थी कि लोगों को किसी की जाति पूछने पर उसका अपमान करना लगता था। वी पी सिंह मंडल लागू कर देश को जातिगत आग में ऐसा डाला था जो आज तक लगी हुई है। यह जातिगत जनगणना उससे भी भयावह होगी। इसका दुष्परिणाम ऐसा होगा कि अगली बार यह सरकार 140 भी नहीं पहुंच पाएगी। वैसे भी मोदी जी की उम्र अब 75 पूरा होने वाली है और वे अब कुछ ही महीनों में अपना कार्यकाल ख़त्म करने की सोच रहे हैं। इसलिए ये भी अमर होना चाहते हैं। परन्तु वी पी सिंह की तरह इन्हें भी लोग भूल जाएंगे।

-एक स्वतन्त्र पत्रकार।

04/05/2025

सकारात्मक सोंच तो मेरी ज़रूर है।
परन्तु यह फ़ैसला पार्टी की सोंच और विचारधारा से अलग है। बंटवारे की राजनीति नहीं होनी चाहिए... यह यही लोग कहते थे ना और आज इन्हीं लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया। इससे आरक्षण % बढ़ाने का माँग बढ़ेगी और बिहार में माँग की शुरुआत तो पहले से ही हो रही है।
जातिगत आरक्षण तो बंद होनी चाहिए।

-एक स्वतन्त्र पत्रकार।

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