Tejpal choudhary

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रीढ़ का आखिरी आदमी: सत्यपाल मलिक की अकेली आवाज़गणराज्य अक्सर उन लोगों को जल्दी भूल जाता है, जो उसकी मशीनरी के पुर्ज़े बन...
06/08/2025

रीढ़ का आखिरी आदमी: सत्यपाल मलिक की अकेली आवाज़

गणराज्य अक्सर उन लोगों को जल्दी भूल जाता है, जो उसकी मशीनरी के पुर्ज़े बनने से इनकार कर देते हैं। लेकिन सत्यपाल मलिक को भुलाया नहीं जा सकेगा। उन्होंने अपनी बेबाकी को सत्ता की दीवारों पर अपनी मज़बूत उँगलियों के नाखूनों से लिखा; कभी मोहक लहजे में, कभी ललकार में, लेकिन कभी भी डर के साथ नहीं।

1946 में मेरठ ज़िले के छोटे से गांव हिसावदा में जन्मे मलिक के पांवों में धूल और फेफड़ों में बगावत भरी थी। जाट बिरादरी से आए; ज़मीन से जुड़े, ठेठ, अवज्ञाकारी; वे अपनी जातीय पहचान को बोझ नहीं, हिम्मत मानते थे। मगर उनकी राह सिर्फ़ देहातों तक सीमित नहीं रही; वह राज्यसभा, लोकसभा और पाँच-पाँच राजभवनों के गलियारों तक पहुंची। लेकिन उनके जीवन की कहानी, उनके पदों की गिनती से नहीं, उन्हें निभाने के ढंग से जानी जाएगी; जैसे कोई तलवार पीठ पर टांगे चले, लेकिन पदक की तरह नहीं।

आम नज़र से देखें तो सत्यपाल मलिक एक 'पार्टी-दर-पार्टी’ नेता रहे। भारतीय क्रांति दल, लोकदल,जनता दल, कांग्रेस, भाजपा और अंत में एक अकेली सच्चाई। मगर राजनीतिक मंजरनामे को पढ़ने वाले जानते हैं कि वे एक नायाब किरदार थे; जैसे किसी राजनीतिक उपन्यास का कोई बारीक व्यंग्यात्मक कथावाचक, जो एक अंधेरे नौकरशाही तंत्र में झिलमिलाता हो; व्यंग्य में सच, शब्दों में छुपा घाव।

वे राजभवनों की सजावटी कुर्सियों के लिए नहीं बने थे; शायद इसीलिए उन पर बैठते हुए भी हमेशा बेचैन से लगे। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के तौर पर उन्होंने संविधान के एक ऐतिहासिक अध्याय को नजदीक से देखा: अनुच्छेद 370 की विदाई। जब वहां की जनता से बोलने का हक छीन लिया गया, तब मलिक से भी चुप्पी खरीदी गई! एक समय के लिए उन्होंने वह कीमत चुकाई। लेकिन सच्चाई भीतर ही भीतर पकती रही; और अंततः फिर एक दिन वह लावा बन कर बह निकली।

पुलवामा हमले पर उनके इंटरव्यू कोई सामान्य बयान नहीं थे। वे आत्मस्वीकृति के रूप में गरजती गूंज थे। *“वो विमान नहीं दिए गए जिनकी सीआरपीएफ ने मांग की थी”,* “खुफिया चूक थी”, *“मुझे चुप रहने को कहा गया”;* उनके ये वाक्य सत्ता के सिंहासन को सीधे निशाने पर लेते थे। उन्होंने किसी परोक्ष संकेत से नहीं, सीधे नाम लेकर दोषियों को उजागर किया!

सत्यपाल मलिक उस किस्म के बुज़ुर्ग थे, जिनकी आवाज़ में एक थकी हुई; लेकिन बेचैन क्रांति की पुकार थी। वे सियासत को नज़दीक से देख चुके थे; और उस पर भरोसा खो चुके थे। शायद इसीलिए *वे किसानों के मसीहा बने,* सत्ता के लिए अटपटे, जनता के लिए ज़रूरी। “सिखों को मत आज़माओ”, *“जाटों को दबा नहीं सकते”;* उनके इन शब्दों में हीरोशिप नहीं, चेतावनी थी।

उनका अंदाज़ कुछ-कुछ राजनीतिक उपन्यासों जैसा था; चमकदार वाक्य, गहरे व्यंग्य और बीच-बीच में दिल दहला देने वाली सच्चाई। उन्होंने राजभवन की पोशाक पहन कर भी गांव की मिट्टी को नहीं छोड़ा।

वे चाहते तो चुप रह सकते थे, मंचों से और सम्मान ले सकते थे; लेकिन उन्होंने हिम्मत चुनी; और उसके बदले में अकेलापन पाया। 5 अगस्त 2025 को जब उन्होंने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली, तब देश ने एक ऐसे शख़्स को खो दिया, जो व्यवस्था के अंदर से निकला था और फिर उसे चुनौती देने वाला बना। *ऐसे लोग भी आजकल कहाँ होते हैं, जिनका ज़मीर आख़िरी वक़्त में भी जाग जाए!*

उनका जीवन किसी आदर्श नायक की कहानी नहीं थी। उसमें विरोधाभास थे, समझौते थे, मौकापरस्ती थी; लेकिन अंत में एक साफ़, सीधी रेखा थी; *एक स्टील जैसी रीढ़ की।* सत्ता की चुप्पियों के बीच यह एक गूंजती हुई आवाज़ थी, *जिसने मौत से पहले मरना मंज़ूर नहीं किया।*
हर बाग़ी के हाथ में बंदूक नहीं होती। *कुछ के हाथ में फाइलें होती हैं, भाषण होते हैं; और एक अजीब-सी ज़िद होती है।* सत्यपाल मलिक के पास ये तीनों थे; और फिर भी उन्होंने अपने भीतर गरिमा को न केवल बचाए रखा; उन्होंने एक शानदार इबारत लिखी। वे यह बताने में क़ामयाब रहे कि सितम देखो ज़रा कैसी ये उल्टी रस्म-ए-दुनिया है कि देते हैं यहाँ कुल्हाड़ी वाले को ओहदा बाग़बानी का!
*अंतिम प्रणाम मलिक साहब 😭🙏🙏*

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, प्रखर स्वतंत्रता सेनानी और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र ...
29/05/2025

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, प्रखर स्वतंत्रता सेनानी और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह जी की पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।

"अब बात सिर्फ एक भर्ती की नहीं रही... बात अब उस ज़ुल्म के खिलाफ़ आवाज उठाने की है, जिसने राजस्थान के लाखों युवाओं के सपन...
24/05/2025

"अब बात सिर्फ एक भर्ती की नहीं रही... बात अब उस ज़ुल्म के खिलाफ़ आवाज उठाने की है, जिसने राजस्थान के लाखों युवाओं के सपनों को रौंदा है।"

मैं हनुमान बेनीवाल, वो बेटा हूं इस मिट्टी का, जो न कभी किसी सत्ता से डरा, न कभी अपने जमीर से समझौता किया। हर बार जब भी राजस्थान के किसी भी कोने में,किसी भी युवा पर अन्याय हुआ, मैंने आवाज़ उठाई—चाहे मुझे सदन से निकाल दिया गया हो, या मेरी आवाज़ दबाने की हर संभव कोशिश की गई हो।

25 मई को फिर एक इम्तिहान है—मेरा नहीं, आपका ।
ये आपकी तक़दीर, आपके भविष्य और आपकी आवाज़ का इम्तिहान है।

मुझे पता है, कोई जाति का नाम लेकर आपको रोकने आएगा... कोई धर्म की दीवार खड़ी करेगा... कोई कहेगा कि ‘क्या फर्क पड़ता है’। लेकिन मैं आपसे एक सवाल पूछता हूं—क्या आपकी बेरोजगारी जाति देखकर आती है? क्या पेपर लीक धर्म देखकर होते हैं? क्या सपनों की क़ीमत पार्टी देखकर तय होती है? नहीं।

तो फिर अब और चुप क्यों?

मैंने अपना सब कुछ दांव पर लगाया है—कभी संसद में लड़ा, कभी सड़कों पर उतरा, कभी जेल गया, कभी धमकियों से गुज़रा... सिर्फ इसलिए ताकि जब आप लड़ने को तैयार हों, तो कोई हनुमान बेनीवाल आपके साथ खड़ा हो।

अब मैं आपसे मांगने आया हूं—अपने लिए नहीं, बल्कि आपके उस भविष्य के लिए जिसे बार-बार कुचला गया।
25 मई को जयपुर की सड़कों पर सिर्फ भीड़ नहीं चाहिए, हर कदम में वो आक्रोश चाहिए जो एक नई व्यवस्था की नींव रखे।

मैं इंतज़ार करूंगा उन आंखों का जिनमें उम्मीद हो, उन आवाज़ों का जिनमें हिम्मत हो, और उन कदमों का जो इस व्यवस्था की नींद तोड़ सकें।

आइए... मेरे साथ...
पार्टी व झंडे का भेद भूलकर,
सिर्फ और सिर्फ अपने हक़ की लड़ाई के लिए।

अगर अब नहीं जगे,
तो फिर कभी मत कहना कि कोई लड़ा नहीं।

Hanuman Beniwal Rashtriya Loktantrik Party @टॉप फ़ैन

पूर्व राज्यपाल और हमारे देश के किसानों की सशक्त आवाज आदरणीय श्री सत्यपाल मलिक जी के स्वास्थ्य की नाजुक स्थिति का समाचार ...
22/05/2025

पूर्व राज्यपाल और हमारे देश के किसानों की सशक्त आवाज आदरणीय श्री सत्यपाल मलिक जी के स्वास्थ्य की नाजुक स्थिति का समाचार सुनकर हृदय गहन शोक और चिंता से भर गया है।

आपकी दृढ़ता, समर्पण और राष्ट्र के प्रति अटूट प्रेम ने लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का दीप प्रज्वलित किया है।

मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि वे आपको शीघ्र स्वस्थ करें, आपके जीवन में नवीन ऊर्जा और शक्ति का संचार करें, जिससे आप पुनः उसी जोश और उत्साह के साथ देश की सेवा में अपना अमूल्य योगदान दे सकें।

ईश्वर आपको दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करें।

Heartfelt congratulations 🎉🥳🎉 to Ramnaresh Balihara
22/05/2025

Heartfelt congratulations 🎉🥳🎉 to Ramnaresh Balihara

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व नागौर के लोकप्रिय सांसद आदरणीय श्री Hanuman Beniwal  जी को जन्मदिन क...
02/03/2025

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व नागौर के लोकप्रिय सांसद आदरणीय श्री Hanuman Beniwal जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ श्री वीर तेजाजी महाराज की कृपा आप पर सदैव बनी रहे और आप दीर्घायु व स्वस्थ रहे
Rashtriya Loktantrik Party

New  coming soon roadways bus
10/02/2025

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29/01/2025

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