
02/08/2025
क्या दरभंगा की तरह बिहारशरीफ (नालंदा) को ISBT की जरूरत नहीं है?
बिहारशरीफ जैसे ऐतिहासिक और तेजी से विकसित हो रहे शहर को आज एक व्यवस्थित और अत्याधुनिक ISBT (इंटर स्टेट बस टर्मिनल) की नितांत आवश्यकता है। यह शहर नालंदा का मुख्यालय है, साथ ही नालंदा विश्वविद्यालय, एशिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय, और बौद्ध पर्यटन का अंतरराष्ट्रीय केंद्र भी यहां से नजदीक है। बावजूद इसके, यहां की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पूरी तरह अव्यवस्थित है।
हर 10 मिनट पर पटना के लिए बसें चलती हैं, अब बोकारो और रांची के लिए भी सेवा प्रारंभ हो चुकी है, लेकिन यात्रियों के बैठने के लिए एक बेंच तक नहीं, न छांव है, न प्रतीक्षालय, और ना ही साफ-सफाई। गंदगी, कीचड़ और अव्यवस्था के बीच लोग मजबूरी में बस पकड़ते हैं। यह किसी भी जिले के मुख्यालय के लिए शर्मनाक स्थिति है।
यह और भी पीड़ादायक तब हो जाता है जब हम जानते हैं कि बिहारशरीफ के वर्तमान विधायक, जो अब मंत्री पद पर आसीन हैं, पिछले 20 वर्षों से इस शहर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने ISBT के लिए ना कोई प्रस्ताव लाया, ना कभी सदन में मांग की, ना ही जनता की इस जरूरत पर गंभीरता दिखाई।
मैं माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी से विशेष अनुरोध करता हूँ कि जैसे आपने दरभंगा, पटना और अन्य स्थानों पर ISBT निर्माण की पहल की, उसी तरह बिहारशरीफ में भी रांची रोड या अन्य उपयुक्त स्थान पर अंतरराज्यीय बस अड्डा (ISBT) निर्माण की स्वीकृति शीघ्र प्रदान करें। यहां कई एकड़ सरकारी भूमि उपलब्ध है, और इसकी रणनीतिक लोकेशन इस प्रोजेक्ट के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।
बिहारशरीफ की जनता अब और उपेक्षा नहीं सह सकती। यह शहर बदलना चाहता है, और आपके नेतृत्व से हम सभी बिहारशरीफ वासियों को उम्मीद है।
यह सिर्फ एक टर्मिनल नहीं, बल्कि नालंदा की पहचान और यात्री सुविधा के नए युग की शुरुआत होगी