24/06/2025
🕊️ इज़राइल और ईरान के बीच "पूर्ण और कुल युद्धविराम" की घोषणा
समय और प्रक्रिया
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति और वर्तमान में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने 23 जून 2025 को घोषणा की कि इज़राइल और ईरान ने “12‑दिवसीय युद्ध” को समाप्त करने के लिए पूर्ण और कुल युद्धविराम पर सहमति दी है।
ट्रम्प के अनुसार, यह विराम स्टेज्ड तरीके से 24 घंटे के भीतर प्रभावी होगा — पहले 6 घंटे में ईरान शांति अमल में लाएगा,फिर अगले 12 घंटे में इज़राइल, और पूरे 24 घंटे बाद युद्ध को कानूनी रूप से समाप्त माना जाएगा।
मध्यस्थता की भूमिका0
क़टर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने ईरान को मनाया, जबकि ट्रम्प ने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर वार्ता की। अमेरिकी कूटनीतिक हस्तक्षेप में सीक्रेटरी ऑफ़ स्टेट मार्को रुबियो, वीपी जे.डी. वेंस, और विशेष दूत स्टीव विटकॉफ सक्रिय रह
युद्ध की शुरुआत
जून 2025 में दोनों देश एक-दूसरे के खिलाफ मिसाइल और हवाई हमलों में उलझे थे। यूएस ने ईरानी परमाणु सुविधाओं पर हवाई हमले किए (फोर्डो, नतान्ज़, इस्फहान), जिसके चलते ईरान ने क़तर में अमेरिकी एयर बेस पर मिसाइल दागी। हालांकि कोई बड़ी हताहत नहीं हुई।
तेल की कीमतों में गिरावट आई क्योंकि मध्य-पूर्व में आपूर्ति संकट की आशंका कम हुई। ट्रम्प ने इसे एक “क्षेत्रीय रीसेट” बताया है।
हालांकि लंबे समय तक संचालन जारी रहे — तेहरान में विस्फोट और कुछ इलाकों में सायरन की कवायद अभी भी चल रही है
✅ तीन महत्वपूर्ण सवाल और उनकी स्थिति
सवाल स्थिति / जानकारी
क्या इज़राइल और ईरान ने वाकई युद्धविराम स्वीकार किया? ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सहमति की पुष्टि की , परन्तु इज़राइल की तरफ से अभी तक आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है
यह प्रक्रिया कब शुरू होगी? ट्रम्प ने इसे सोमवार रात से शुरू बताया, ईरान पहले 6 घंटे, फिर इज़राइल अगली 12 घंटे शांति के लिए, और 24 घंटे बाद “आधिकारिक युद्ध समाप्ति” घोषित होगी
क्या यह स्थायी शांति की शुरुआत है? ट्रम्प ने इसे “12‑दिनाव की लड़ाई” का अंत करार दिया, लेकिन राजनीतिक और सैन्य संकेत (जैसे विस्फोट, सायरन, परमाणु निरीक्षण) यह दिखाते हैं कि भविष्य में भी तनाव बचा रहेगा
डोनाल्ड ट्रम्प की घोषणा अनुसार, इज़राइल और ईरान ने 23 जून 2025 को कुल युद्धविराम पर सहमति दी है, जिसे अगले 24 घंटे में क्रमबद्ध रूप से लागू किया जाना है। हालांकि, अभी तक आधिकारिक पुष्टि इज़राइल की तरफ से नहीं आई, और क्षेत्र में सैन्य गहमागहमी बनी हुई है। फिर भी, यह क़तर और अमेरिका की मध्यस्थता का एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक मोड़ है, जो तेल बाजारों और वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य पर भी प्रभाव डाल सकता है।