19/04/2023
स्ट्रेचर पर जनाज़ा पड़ा है और फ़र्श पर दस्तर-ख़्वान बिछा है। यही दुनिया है। ये यूं ही चलती रहेगी, यहां कोई आपका इंतजार नहीं करेगा, दफ़नाने का भी नहीं। आपके जाने पर कोई खाना नहीं छोड़ेगा और ना होने पर कोई जीना भी नहीं छोड़ेगा। लिहाज़ा अपने लिए ख़ुद ही अमल कीजिए .!!
आपको क्या लगता है! आपके मरने के बाद आपके रिश्तेदार आपके दोस्त आप की औलाद और आपके बहन-भाई क़ुरान पढ़ पढ़कर आपको बख्श़वा लेंगे.? आपकी औलाद आपके लिए कु़रान पढ़ेगी जो आज आपके कहने पर नमाज़ पढ़ने नहीं उठती.? रिश्तेदार आपके लिए दुआ करेंगे जिनसे आपकी लड़ाई यहीं खत्म नहीं होती.? यह दोस्त आपके लिए फ़ातिहा पड़ेंगे जो दीन पर आने की वजह से आप का मज़ाक उड़ाते हैं.? यह बहन-भाई आपके लिए सदक़ा खै़रात करेंगे जो ईद पर भी नहीं मिलते.?
ऐ भोले-भाले इंसान! ख़ुलूस के ज़माने गुज़र गए! क़यामत करीब है, अफरा-तफरी का दौर है .!!
यहां लोग ज़िंदो को भूल बैठे हैं मरने के बाद तुझे कौन याद रखेगा.? अपनी आखि़रत की फि़क्र ख़ुद करें, अपने लिए ख़ुद क़ुरान पढ़ें और अपने हाथ से ख़ुद खै़रात, सदक़ा और ज़कात करके रुख़सत हों। यही अक़्लमंदी है .!!