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26/11/2025

*बाबरी गिरते ही शाम तक UP सरकार गिरी और 2017 तक UP मे बहुमत नहीं मिला व उसी दिन 4 BJP शासित राज्यों मे कॉंग्रेस ने राष्ट्रपति शासन लगाया*
*मोदी जी और योगी जी खुल कर क्यों नहीं बोलते आज उसका उत्तर इस पोस्ट से मिल जाएगा। जिसके लिए हम उनके आभारी हैं। हिन्दुओं की कायरता और दोगलापंथी के कारण ही मोदी जी और योगी जी खुल कर नहीं बोलते हैं वो जानते हैं कि हिन्दू पैर पर कुल्हाड़ी नहीं मारता बल्कि कुल्हाड़ी पर अपना सिर ही मार लेता है।*
नब्बे के दशक में कल्याण सिंह पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री बने, भाजपा ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर पूरे भारत में रथ यात्राएं निकाली थी।
उत्तर प्रदेश की जनता ने पूर्ण बहुमत के साथ कल्याण सिंह को उत्तर प्रदेश की सत्ता दी; यानी खुल के कहा की जाओ मंदिर बनाओ।
कल्याण सिंह बहुत भावुक नेता थे, सरकार बनने के बाद तुरन्त विश्व हिन्दू परिषद को बाबरी मस्जिद से सटी जमीन कार सेवा के लिए दे दी, संघ के हज़ारों कार सेवक साधू संत दिन रात उस जमीन को समतल बनाने में लगे रहते थे।
सुप्रीम कोर्ट ये सब देख के बहुत परेशान था, सर्वोच्च न्यायालय ने कल्याण सिंह से साफ़ कह दिया की आपको पक्का यकीन हैं ना की ये हाफ पैंट पहने लोग सिर्फ यहाँ की जमीन समतल करने आये हैं ?
मतलब की अगर आपके लोगों ने बाबरी मस्जिद को हाथ लगाया तो अच्छा नहीं होगा। कल्याण सिंह ने मिलार्ड को समझाया और बाकायदा लिख के एक हलफनामा दिया की हम लोग सब कुछ करेंगे लेकिन मस्जिद को हाथ नहीं लगायेंगे।
*तो साहब अयोध्या में कार सेवा के लिए दिन रखा गया 6 दिसंबर 1992 और केंद्र की कांग्रेसी सरकार से कहा कि केवल 2 लाख लोग आयेंगे कार सेवा के लिए लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने 5 लाख लोगों को कार सेवा के लिए बुला लिया प्रशासन को ख़ास हिदायत थी की भीड़ कितनी भी उग्र हो कोई गोली लाठी नहीं चलाएगा।*
5 लाख लोग एक जगह जुट गए जय श्री राम और मदिर वहीं बनायेंगे के नारे लगने लगे । लोगों को जोश आ गया और लोग गुम्बद पर चढ़ गए *5 घंटे में उस 400 साल पुरानी मस्जिद का अता पता नहीं था, ऐसा काम कर दिया एक एक ईंट कार सेवकों ने उखाड़ दी।* केंद्र सरकार के गृह मंत्री का फोन कल्याण सिंह के C.M. ऑफिस में आया,गृह मंत्री ने कल्याण सिंह से पूछा ये सब कैसे हुआ ?
कल्याण सिंह ने कहा की *"जो होना था वो हो गया अब क्या कर सकते हैं" ?*एक गुम्बद और बचा है कार सेवक उसी को तोड़ रहे हैं, लेकिन आप जान लीजिये कि मै गोली नहीं चलाऊंगा (ये वाकया खुद कल्याण सिंह ने एक भाषण में बताया है) उधर सुप्रीम कोर्ट में मिलॉर्ड कल्याण सिंह से बहुत नाराज थे।
*6 दिसंबर की शाम कल्याण सिंह ने इस्तीफा दे दिया और उधर काँग्रेस ने भाजपा की 4 राज्य की सरकार को बर्खास्त कर दिया, कल्याण सिंह को एक दिन की जेल हो गयी, केंद्र में नरसिम्हा राव जी सरकार थी; तुरंत में एक झटके से देश के 4 राज्यों में बीजेपी की सरकारों को बर्खास्त कर दिया गया।*
*उत्तर प्रदेश में दुबारा चुनाव हुए, बीजेपी को यही लगा की हिन्दुओं के लिए इतनी बड़ी कुर्बानी देने के बाद उत्तर प्रदेश की जनता उन्हें फिर से चुनेगी लेकिन हुआ उलटा।*
*बीजेपी उत्तर प्रदेश चुनाव हार गयी और फिर 2017 तक उसे पूर्ण बहुमत ही नहीं मिला। कल्याण सिंह जैसे बड़े और साहसिक फैसले लेने वाले नेता का कैरियर बाबरी मस्जिद विध्वंश ने खत्म कर दिया,* 400 साल से खड़ी किसी मस्जिद को 5 लाख की भीड़ से गिरवाने के लिए 56 इंच का सीना चाहिए होता है जो वाकई में कल्याण सिंह के पास था।
*आज हम कहते हैं की मोदी और योगी हिंदुओं के पक्ष में खुल के नहीं बोलते ना ही खुल के मुसलमानों का विरोध करते हैं, क्यों करें वो ये सब खुल के? ताकि उनका भी राजनैतिक कैरियर खत्म हो जाये।*
*आप बताइये की ऐसे स्वार्थी हिन्दू समाज के पक्ष में मोदी जी और योगी जी जैसे लोग खुल के कैसे बोलें क्या बोले और कहाँ तक इनके लिए लड़े ?*
अब किसान आंदोलन को ही देख लीजिए किस तरह से अंतरराष्ट्रीय साजिश के हाथों में कब्जे में था जिसको कोई हल नहीं चाहिये था। कोई धारा 370 खत्म कर सकता था नहीं बिलकुल भी नहीं। मोदी जी ने कर दिखाया। उसके बाद तो हिन्दू समाज को ऋणी होना चाहिए था लेकिन देख लो किस प्रकार से मोदी जी का विरोध हो रहा है। अयोध्या में राम मंदिर बना तो बदले में मोदी जी 300 से 240 पर आ गए वाराणसी से अपनी सीट -हारते हारते बचे, ये लोग नहीं जानते कि ऐसा करके और मजबूत हो रहे है मोदी जी क्योंकि देश अब इतना जागरूक हो चुका है कि सारा खेल समझ रहा है।
*ये फैसला हमें करना है, हिन्दू समाज को करना है, अगले 50 सालों तक 2014 एवं 2019 जैसी राजनीतिक स्थिति को बरकरार रखना होगा तभी देश बचेगा। क्योंकि जब देश ही नहीं बचेगा तो क्या करोगे इन कानूनों का*।तभी आठ सौ सालों की गुलामी के दाग धब्बे धुल पाएंगे।
मेरे इस पोस्ट को आप गर्व से शेयर और कॉपी कर सकते हैं ताकि जन जन तक ये संदेश पहुंचे और पोस्ट की सार्थकता सिद्ध हो।
#जागोहिंदुओ

USA का 50% से ज्यादा परमाणु USA ने पाकिस्तान में भंडारण किया हुआ है। (जहां इंडियन आर्मी की मिसाइल्स हिट कर चुकी थी, सिर्...
30/10/2025

USA का 50% से ज्यादा परमाणु USA ने पाकिस्तान में भंडारण किया हुआ है। (जहां इंडियन आर्मी की मिसाइल्स हिट कर चुकी थी, सिर्फ एक से दो दिन और मिलते इंडियन आर्मी को, तो पाकिस्तान के साथ USA का परमाणु भंडारण भी स्वाहा होता और नुकसान की तो कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। बस यहीं से जोकर ट्रंप का रोना शुरू हुआ और लाखों नहीं करोड़ों की जान बचाने के लिए मोदीजी को स्ट्राइक रोकनी पड़ी थी। वैसे ऑपरेशन 🔴 सिंदूर अभी जारी है।

सिर्फ चार दिन की लड़ाई,
फिर खुले लंबे लंबे रहस्य..
रहस्य भी ऐसे की सुनकर उड़ गए दुनिया के होश....

ऑपरेशन सिंदूर के बाद जो खुलासे हुए, वो केवल पाकिस्तान की हार की कहानी नहीं थे, ये अमेरिका की छुपी रणनीति और चीन की मिली भगत की भी परतें उधेड़ गए।

अब यह साफ हो चुका है कि पाकिस्तान के पास अपना कोई परमाणु हथियार था ही नहीं। जो परमाणु शक्ति पाकिस्तान दशकों से दिखा रहा था, वो दरअसल अमेरिका की गोपनीय तिजोरी थी, जिसे 1998 में पाकिस्तान में छुपाया गया था।

अमेरिका को ये जगह इसलिए मुफीद लगी, क्योंकि अगर कभी कोई हमला हो, तो नुक़सान एशिया को हो, अमेरिका को नहीं।

भारत जब 11 मई और 13 मई 1998 में परमाणु परीक्षण कर रहा था और अमेरिका प्रतिबंध की धमकियाँ दे रहा था, तभी अमेरिका ने ठीक 14 दिन बाद यानि 15वें दिन 28 मई 1998 को पाकिस्तान से परीक्षण करवाकर दुनिया को भ्रमित किया कि अब पाकिस्तान भी परमाणु शक्ति है। यही नहीं, पाकिस्तान की इस नकली परमाणु छवि से भारत को डराने का खेल शुरू हुआ, जिसमें देश के अंदर बैठे अमेरिकी भक्त भी पाकिस्तान की ताकत का डर दिखाते रहे।

लेकिन युग बदला और सत्ता पहुँची उस नेता के हाथ में जो डरता नहीं, जवाब देता है। मोदी सरकार ने पहले भारत को आत्मनिर्भर बनाया, अमेरिका को मित्रता में बाँधा और पाकिस्तान को धैर्य से देखा।

लेकिन जब पहलगाम में हिन्दुओं का रक्त बहाया गया, तो भारत सरकार ने वही किया जिसका किसी ने अनुमान भी नहीं लगाया था—सीधा आक्रमण।

भारतीय सेना ने मिसाइलों से पाकिस्तान की नींव हिला दी, और जब हमारी मारक क्षमता उन परमाणु ठिकानों तक पहुंची जो अब तक ‘अदृश्य’ माने जा रहे थे,

तब अमेरिका की नींद टूटी....

उसे डर सता गया कि अगर भारत ने हमला जारी रखा, तो उसके खुद के हथियार खाक हो जाएंगे। और वो कभी दुनिया के सामने अपना चेहरा नहीं दिखा पाएगा।

अब अमेरिका न बोल सकता था, न रोक सकता था। वो चुपचाप भारत को दोस्ती का वास्ता देने लगा। मोदी जी ने वक्त की नजाकत समझी, चार दिन में दुश्मन को धूल चटाई, और शर्तों के साथ युद्ध विराम किया। पाकिस्तान को पूरी दुनिया के सामने नंगा कर दिया और अमेरिका को चुपचाप अपना जखीरा समेटने पर मजबूर कर दिया।

आज अमेरिका पाकिस्तान से परमाणु हथियार हटाने की कवायद में लगा है। मोदी जी ने ट्रंप को खुद उसका काम याद दिला दिया है।

अब अमेरिका झुका हुआ है, चीन चुप है,
और पाकिस्तान हिल चुका है। सूत्रों से पता चला है कि अमेरिका पाकिस्तान से अपने परमाणु हथियार उठाने जा रहा है। और अपनी साख बचाने के लिए इसे नाम देगा पाकिस्तान का परमाणु सरेंडर...

अब सबको पता है कि पाकिस्तान के पास न्युक्लियर पॉवर था ही नहीं, तो सरेंडर क्या करेगा? अमेरिका का है उठा ले जाओ।

और ये जो पाकिस्तान को IMF द्वारा बेरोकटोक बेलआउट पैकेज/ ऋण दिया जा रहा था, दरअसल वो ऋण नहीं अमेरिकी परमाणु हथियारों को पाकिस्तान में रखने का किराया था।

चार दिन की इस लड़ाई ने भारत को नया दर्जा दिया है। अब भारत सिर्फ एक देश नहीं, परिणाम देने वाली विश्व शक्ति है।

इस कहानी में सबसे बड़ी सीख ये है—

जब नेतृत्व मज़बूत हो, तो दुनिया झुकती है।

जय भारत जय भारती🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

🇮🇳 ताशकंद–2 : जो होते-होते बच गयाप्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में राष्ट्रपति पुतिन की भूमिका — एक अनकही कूटनीतिक गाथा बब...
24/10/2025

🇮🇳 ताशकंद–2 : जो होते-होते बच गया
प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में राष्ट्रपति पुतिन की भूमिका — एक अनकही कूटनीतिक गाथा बबलू धाकड़ की कलम्🖊️ से :-

अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के मंच पर कभी-कभी ऐसी घटनाएँ घट जाती हैं, जो इतिहास की दिशा बदल देती हैं।
SCO (Shanghai Cooperation Organisation) सम्मेलन के दौरान चीन में ऐसा ही एक क्षण आया, जिसने विश्व राजनीति की कई परतों को उजागर किया।

सूत्रों के अनुसार, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को फोन कर अपनी कार में साथ चलने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति पुतिन, जो विश्व की सबसे प्रभावशाली शक्तियों में से एक हैं, उन्होंने मोदीजी के होटल के बाहर लगभग 15 मिनट प्रतीक्षा की — जो किसी भी उच्चस्तरीय कूटनीतिक कार्यक्रम में अत्यंत असामान्य है।
SCO जैसी बैठकें मिनट-टू-मिनट तय होती हैं, लेकिन पुतिन का यह व्यवहार किसी विशेष उद्देश्य या संकेत की ओर इंगित करता प्रतीत होता है।

कहा जाता है कि पुतिन की कार ने 30 मिनट तक होटल के आसपास चक्कर लगाए। यह कदम सामान्य प्रोटोकॉल से हटकर था।
यदि आप दोनों नेताओं की कार में ली गई तस्वीरों को गौर से देखें, तो उनके चेहरों पर एक गहरी, चिंतनशील गंभीरता स्पष्ट झलकती है।

उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी उसी होटल में वापस नहीं लौटे।
अगले दिन एक गोष्ठी में उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा —

> “आप ताली किसके लिए बजा रहे हैं… मेरे जाने के लिए या लौटकर आने के लिए?”
एक साधारण वाक्य, परन्तु कूटनीतिक संकेतों से भरपूर।

इसी बीच, ढाका (बांग्लादेश) के एक प्रतिष्ठित होटल में अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज़ के एक वरिष्ठ अधिकारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो जाती है।
स्थानीय पुलिस के सूचित करने से पहले ही अमेरिकी दूतावास के अधिकारी उस स्थान पर पहुँचते हैं और शव को अपने नियंत्रण में ले लेते हैं —
कोई पोस्ट-मॉर्टम नहीं, कोई सार्वजनिक जांच नहीं।
यह पूरी प्रक्रिया कई सवाल खड़े करती है — क्यों इतनी तत्परता और गोपनीयता?

अब सवाल उठता है —
SCO सम्मेलन का आयोजन किसने किया? चीन ने।
यदि कोई अनहोनी घट जाती, तो सीधा दोष चीन पर मढ़ा जाता,
और लाभ उठाने वाला कौन होता? — यह प्रश्न स्वयं उत्तर मांगता है।

इतिहास याद करता है कि 1966 में ताशकंद में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की रहस्यमयी मृत्यु हुई थी।
और आज भी उस घटना की छाया रूस पर आरोपों के रूप में बनी हुई है।

कहा जा रहा है कि यह संपूर्ण घटनाक्रम —
एक “ताशकंद-2” जैसी योजना थी,
जिसमें CIA और कुछ पश्चिमी शक्तियाँ शामिल थीं,
जिसका लक्ष्य था भारत के प्रधानमंत्री को नुकसान पहुँचाना।
किन्तु रूस की FSB (पूर्व KGB) और भारत की RAW ने मिलकर इस षड्यंत्र को असफल कर दिया।

राष्ट्रपति पुतिन का यह कदम केवल मित्रता नहीं, बल्कि एक रणनीतिक सुरक्षा कवच था —
जिसने भारत के नेतृत्व को संभावित खतरे से बचाया।

आज जब वैश्विक राजनीति नए समीकरणों की ओर बढ़ रही है,
तो भारत और रूस का यह विश्वास-आधारित संबंध पहले से कहीं अधिक सशक्त दिखाई देता है।
राष्ट्रपति पुतिन के इस योगदान के लिए भारतवासी उनका अभिनंदन करते हैं —
क्योंकि उन्होंने भारत के मित्र प्रधानमंत्री की सुरक्षा को सर्वोपरि रखा।

कूटनीति के पर्दे के पीछे बहुत कुछ घट चुका है,
जिसका उल्लेख भले न किया जा सके,
पर संकेत स्पष्ट हैं —
भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं देता,
बल्कि रणनीतिक रूप से जवाब देना जानता है।


24/10/2025

मोदीजी को हिन्दू और मुसलमान दोनों हटाना चाहते है. किन्तु दोनों के बीच अन्तर देखिये:

हिन्दू पैट्रोल का दाम देख रहा है.
और मुसलमान- रोहिंग्या मुसलमान को.

हिन्दू जीएसटी से रूठे हैं और कांग्रेस को लाना चाहते हैं.
और मुसलमान भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाना चाहते हैं, इसलिए कांग्रेस को लाना चाहते हैं.

कारण जो भी हो, उद्देश्य सबका एक ही है..
जब आप फ़ुर्सत मे हो तब पढ़ लीजिए, किंतु पढ़ना धैर्य और शान्ति से और तत्पश्चात निष्कर्ष निकालना......

भारत में बहुत से लोग है, जो भ्रष्ट नेताओं की बातों में आकर मा.नरेन्द्र मोदी का विरोध करते हैं,
अच्छा है,
लोकतंत्र है, विरोध करें या समर्थन- ये तो आपका अपना हक है। पर मोदी का विरोध करके आप समर्थन किसका कर रहे हो! ये बडा गम्भीर सवाल है, इसलिए निर्णय भी गम्भीरता पूर्वक ही होना चाहिए-

*क्या मुलायम, लालू, मायावती, सोनिया, राहुल केजरीवाल, ममता बनर्जी, वामपंथी
ये सब नरेन्द्र मोदी से बेहतर हैं ??
या इनका रिकॉर्ड बेहतर है ??

* क्या नरेन्द्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्रीकाल की तुलना में ममता बनर्जी, अखिलेश आदि बेहतर नजर आते हैं? तुलना करनी है तो गुजरात के किसी छोटे शहर मे जाकर 1 नजर मार लीजिये और फिर इन अन्य राज्यों की राजधानी का भ्रमण कीजिए .

* राजनीति मे प्रवेश के समय लालू और मुलायम,
दोनों के घर की ऐसी स्थिति थी कि 1 के घर पर साइकिल और एक के घर पर लालटेन खरीदने तक के पैसे नहीं थे,
जाति के नाम पर चलने वाले नेता, आज अरबपति है,
रामगोपाल चार्टर्ड प्लेन में घूमता है, तो शिवपाल महँगी ऑडी में, कहाँ सेया आया इतना अकुत धन? क्या ये भ्रष्ट लोग नरेन्द्र मोदी से बेहतर हैं ?

* सोनिया के बेटा-बेटी और दामाद आज सभी अरबपति हैं, 10 साल का इनका राज हाल में ही बीता है, क्या ये नरेन्द्र मोदी से बेहतर है ??

* 35 साल बंगाल में राज करने वाले वामपंथी, नरेन्द्र मोदी से बेहतर हैं ?

* 5 साल केजरीवाल, 5 साल केजरीवाल का विज्ञापन चलाकर दिल्ली के लोगों को चूना लगाने वाला, WIFI, CCTV, 150 कॉलेज, 500 स्कुल.... क्या ये कुकुरमुत्ता नरेंद्र मोदी से बेहतर है ?

* जब मायावती राजनीति करने निकली थी, और कांशीराम की साथी थी, तब उसके घर में दिया जलाने का धन नहीं था, साईकल से प्रचार करती थी, आज उसका सैंडल भी प्लेन से आता है, उसके भाई के पास 497 कंपनियाँ हैं, क्या मायावती नरेंद्र मोदी से बेहतर है ???

अरे मोदी का विरोध करने वालो, विरोध करो, पर समर्थन किसका करना है ये तो तय करो, कोई बेहतर विकल्प हो तो बताना जरुर.

थोड़ा देश का भी सोचो, कितना बर्बाद करवाना है, कितना लूटवाना है ?अरे बाहर निकलो जातियों के बन्धनों से, इसे उभारकर ये लूटेरे हमें ही लूटते हैं.

***मान लो कि ये पोस्ट बनाने वाला मोदी भक्त है और इसे शेयर करने वाला मैं भी, लेकिन बुद्धि तो उपर वाले ने आपको भी दी है। इसलिए ईमानदारी से सोचिए... केवल अपने लिए नहीं, अपने देश के लिए ....

● मुझे नहीं मालूम कि मैं मोदी जी को क्यों पसंद करता हूँ । लेकिन मेरे पास कांग्रेस, सपा, बसपा और आप को ना-पसंद करने के बहुत कारण है ।

● मुझे नहीं मालूम कि अच्छे दिन आएंगे कि नहीं,
पर मोदी जी के अतिरिक्त और कोई राजनेता दूर दूर तक दिखाई नहीं देता जो भारत के अच्छे दिनों के लिए तन, मन और धन से प्रयत्न करता हो।

● मुझे ये भी नहीं मालूम कि मोदी जी भारत को हिन्दू राष्ट्र बना पायेगे या नहीं । लेकिन, इसका पूरा यकीन है कि वो पूरी संजीदगी और गम्भीरता से भारत माता को पुनः विश्वगुरु का दर्जा दिलवाने हेतु प्रयासरत है ।

● मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मोदी के पास 56 इंच का सीना है या नहीं। लेकिन ये पता है कि उनके सीने में 'दम' है, 'दमा' नहीं।

● मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता अगर मोदी से देश के कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी नाराज हैं, क्यूँकि मुझे यकीन है उनके आने के बाद युवा पीढ़ी बहुत खुश है।

● मुझे नहीं पता कि मोदी देश का कितना विकास कर पाएंगे, लेकिन मुझे यकीं है वो अपनी जिम्मेवारियां उठाने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे।

● मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मोदी जी के पास इतिहास की जानकारी है या नहीं। मुझे पक्का यकीन है उनके पास भविष्य की पूरी तैयारी है ।

▪अपने मुख्यमन्त्री काल में मोदी ने गुजरात में कोई भ्रष्टाचार, घपला, परिवार के किसी भी सदस्य के लिए कुछ भी गलत जमा या पक्षपात किया है ??

● हाँ, वाकई मुझे नहीं पता कि भविष्य में बीजेपी हारेगी या जीतेगी, पर देश का सजग नागरिक होने के नाते ये जरुर चाहता हूँ कि मेरा देश जीतना चाहिए.

मेरी बात से सहमत हों तो देश हित में आगे जरूर सोचें।

वन्दे मातरम 🇮🇳

उचित कीमत मेसेज करे
21/08/2025

उचित कीमत मेसेज करे

🙏🙏🙏🙏
22/05/2025

🙏🙏🙏🙏

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Ummdpura Bijoliya
Bijolian
311602

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