16/07/2024
आज फिर उसने एक पत्र लिखा
पर अक्षर एक न लिखा
बस कागज़ को छुवा
और ...
अपनी साँसों से महकाया
कागज़ को सहेजा
और लिफाफे में डाला
पर उसपे उसका भी नाम न लिखा
पत्र उठाया
और
उस डिब्बे में रख दिया ...
जिसमे उसके
शहीद बेटे का फोटो
और
एक मेडल था रखा....
आज फिर उसने एक पत्र लिखा.....