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24/07/2024

तौहीद: एक अल्लाह को मानना इस्लाम का सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत है। इसी का नाम तौहीद (एकेश्वरवाद) है। ये इस्लाम की विशिष्ट शिक्षा है।
जैसे जैसे ज़माना तरक्की करता चला गया वैसे वैसे अल्लाह के पैगम्बर नयी नयी शिक्षाएँ लाते गए मगर बुनियादी शिक्षाएँ यानि [एक ख़ुदा को मानना और अल्लाह की ज़ात व उसकी सिफात में किसी को शरीक न करना] हर पैगम्बर ने बतायीं और उस पर अमल करने की शिक्षा दीं और खुद भी उन पर अमल करके दिखाया। दुनियावी चीजें मनुष्य, पशु, दृश्य प्रकृति, सब उसकी पैदा की हुई हैं। ईश्वर एकमात्र और उसका कोई साझी नहीं।

02/07/2024

हजरत अब्दुल्लाह रजी अल्लाहो अनहो से रिवायत हुई है कि एक रात हलकी सी बारिश हुई। सख्त अँधेरा था। हम इन्तिजार में थे कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम तशरीफ लाएँ और नमाज पढ़ाए। फिर रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम नमाज के लिये तशरीफ लाए और (मुझे) फरमाया: पढ़। मैंने कहा : क्या पढूं? आपने फरमाया: सूरा इखलास और मुअव्विजतैन सुबह और शाम तीन-तीन बार पढ़ा कर। तुझे हर मुसीबत में किफायत करेंगी।

Sunan Nasai #5430

22/06/2024

एक हजार किलोमीटर दूर जो वाक्य हो रहा था उसे आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ऐसे बता रहे थे जैसे आपलोग ये वीडियो देख रहें हैं।
नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया कि जैद ने झन्डा सँभाला लेकिन वो शहीद हो गए। फिर जाफर ने सँभाला और वो भी शहीद हो गए। फिर अब्दुल्लाह-बिन-रवाहा ने सँभाला और वो भी शहीद हो गए। उस वक्त रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की आँखों में आँसू बह रहे थे। आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया और फिर खालिद-बिन-वलीद ने खुद अपने तौर पर झन्डा उठा लिया और उन को फतह हासिल हुई।

Sahih Bukhari #1246

14/06/2024

और तुम ना जमीन में अल्लाह को आजीज कर सकते हो, और न आसमान में,और अल्लाह के सिवा तुम्हारा ना कोई रखवाला है और ना मददगार। ,(कुरान)
आपने कितने गुनाह किए हैं इससे लोगों को फर्क पड़ता है अल्लाह को नहीं। लोग आपको आपकी गलतियों के लिए माफ नहीं करेंगे, लेकिन अल्लाह? अल्लाह माफ कर देगा। याद रखें अल्लाह हमसे कभी दूर नहीं जाता, हम दूर जाते हैं। आख़िरी साँस तक.... हमारे पास तौबा का मौका होता है।
Surat No 29 : سورة العنكبوت -

24/05/2024

हज़रत अब्दुल्लाह-बिन-उमर रजी अल्लाहो अनहो से रिवायत है रसूलुल्लाह रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : ख़बरदार! तुममें से हर शख़्स मुहाफ़िज़ और ज़िम्मेदार है और हर शख़्स से उसकी विषय (जो कोई और जो कुछ उसकी ज़िम्मेदारी में है) के बारे में पूछा जाएगा। इसलिये अमीर जो लोगों का मुहाफ़िज़ है उससे उनके बारे में पूछा जाएगा। मर्द अपने घर वालों का मुहाफ़िज़ है उससे उनके बारे में पूछा जाएगा। औरत अपने शौहर के घर और उसके बच्चों पर मुहाफ़िज़ है उससे उनके बारे में पूछा जाएगा। ग़ुलाम अपने मालिक के माल का मुहाफ़िज़ है उससे उस माल के बारे में पूछा जाएगा। यानी ! तुम सबके सब जनता और हाकिम हो और तुम सबसे तुम्हारी विषय के बारे में सवाल किया जाएगा।

Sunan Abu Dawood #2928

15/05/2024

मेरी उम्मत का बेहतरीन जमाना यही है जिस में मैं भेजा गया हूँ फिर वो जो उन से लगे हुए होंगे और फिर वो जो उन से लगे हुए होंगे। आप ने ये तीसरी बार फरमाया कि नहीं। ,वल्लाह व आलम, फिर उनके बाद ऐसे लोग आएँगे जो गवाहियाँ देंगे हालाँकि उन से गवाही माँगी न गई होगी नजरें मानेंगे मगर पूरी नहीं करेंगे। खियानतें करेंगे और उन पर भरोसा नहीं किया जाएगा और उन में मोटापा भी आम होगा।

Sunan Abu Dawood #4657

01/04/2024

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : उस ज़ात की क़सम जिसके हाथ में मेरी जान है! उस वक़्त तक क़ियामत क़ायम नहीं होगी जब तक कि दरिन्दे इन्सानों से बातचीत न करने लगें; आदमी से उसके कोड़े का किनारा बातचीत करने लगे उसके जूते का तस्मा बातचीत करने लगे और उसकी जाँघ इस काम की ख़बर देने लगे जो इस की बीवी ने इस की ग़ैर हाज़िरी में अंजाम दिया है। इमाम तिरमिज़ी कहते हैं : 1- ये हदीस हसन सही ग़रीब है। हम उसे सिर्फ़ क़ासिम-बिन-फ़ज़ल की रिवायत से जानते हैं 2- क़ासिम-बिन-फ़ज़ल मुहद्दिसों के नज़दीक भरोसेमन्द और मामून हैं यहया-बिन-सईद क़त्तान और अब्दुर-रहमान-बिन- महदी ने उनकी तौसीक़ की है। 3- इस सिलसिले में अबू-हुरैरा (रज़ि०) से भी रिवायत है।

30/03/2024

मंजिलें लाख कठिन आएं गुजर जाऊंगा।
हौंसला हार के बैठूंगा तो मर जाऊंगा।
चल रहे थे जो मेरे साथ कहां हैं वो लोग।
जो ये कहते थे कि रस्ते में बिखर जाऊंगा।
दर ब दर होने से पहले कभी सोचा भी ना था।
घर मुझे रास ना आया तो किधर जाऊंगा।
याद रक्खे मुझे दुनिया तेरी तस्वीर के साथ।
रंग ऐसे तेरी तस्वीर में भर जाऊंगा।
लाख रोके ये अंधेरे मेरा रस्ता लेकिन।
मैं जिधर रौशनी जायेगी उधर जाऊंगा।
रास आई ना मोहब्बत मुझे वरना साकी।
मैंने सोचा था कि हर दिल में उतर जाऊंगा।

30/03/2024

29/03/2024
29/03/2024

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